By Shivakant Shukla Last Updated:
दिवंगत अभिनेता और जाने माने विलेन अमजद खान (Amjad Khan) भले ही अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके द्वारा निभाए गए किरदार आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं। फिल्म 'शोले' में गब्बर सिंह का रोल प्ले करने के बाद वह रातों-रात स्टार बन गए थे। हालांकि, ये बात बहुत कम लोगों को ही पता होगी कि, 'शोले' के पहले उनकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। हाल ही में, दिवंगत अभिनेता के बेटे शादाब खान ने इस बारे में बात की है। आइए आपको बताते हैं उन्होंने क्या कहा है।
पहले तो ये जान लीजिए कि, 70 और 80 के दशक में विलेन बनकर मशहूर हुए लेजेंड एक्टर अमजद खान ने साल 1972 में एक्ट्रेस शैला खान से शादी रचाई थी। शादी के एक साल बाद साल 1973 में इस जोड़े के घर बेटे 'शादाब' ने जन्म लिया। ये दिन अमजद के लिए बेहद खास था, क्योंकि जहां एक तरफ इस दिन अमजद खान पिता बने, तो दूसरी तरफ उन्हें इसी दिन फिल्म 'शोले' के लिए ऑफर मिला था। इसके बाद वह सीमाब और बेटी अहलम के माता-पिता बने। अमजद खान 27 जुलाई 1992 को इस दुनिया से रुखसत हो गए। आज भी लोग उन्हें भूल नहीं पाए हैं।
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हाल ही में, अमजद खान के बेटे और अभिनेता शादाब खान ने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' के साथ एक साक्षात्कार में इस सवाल का जवाब दिया कि, क्या उन्हें अपने पिता के लिए भाग्यशाली कहा जा सकता है? क्योंकि शादाब का जन्म उसी दिन हुआ था, जिस दिन अमजद ने 'शोले' साइन की थी। इस पर शादाब ने खुलासा किया करते हुए कहा कि, "हां (हंसते हुए), लेकिन उनके पास देने के लिए इतने पैसे नहीं थे, मेरी मां (शैला खान) को उस अस्पताल से छुट्टी मिल सके, जहां मैं पैदा हुआ था। वह रोने लगी थीं। मेरी पिताजी अस्पताल में नहीं आ रहे थे, उन्हें अपना चेहरा दिखाने में शर्म आ रही थी। (स्वर्गीय) चेतन आनंद ने तब मेरे पिता को एक कोने में अपना सिर पकड़े हुए देखा था। चेतन आनंद साहब ने उन्हें 400 रुपए दिया था, ताकि मैं और मेरी मां घर आ सकें।"
शादाब ने 'शोले' की रिलीज़ से पहले की एक घटना को भी याद किया। उन्होंने कहा कि, "जब गब्बर सिंह की 'शोले' भूमिका मेरे पिता के पास आई, तो सलीम खान साहब (जावेद अख्तर के साथ 'शोले' के लेखक) ने उनके नाम की सिफारिश रमेश सिप्पी ('शोले' के निर्देशक) से की। फिल्म की शूटिंग बैंगलोर एयरपोर्ट से 70 किलोमीटर दूर बाहरी इलाके में रामगढ़ में होनी थी। उन्होंने बैंगलोर के लिए फ्लाइट ली और उस उस दिन इतना हंगामा हुआ कि, फ्लाइट को 7 बार लैंड करना पड़ा। उसके बाद जब फ्लाइट रनवे पर रुकी, तो ज्यादातर लोग डर के मारे फ्लाइट से बाहर निकल गए, लेकिन मेरे पिताजी नहीं निकले। उन्हें डर था कि, अगर उन्होंने फिल्म नहीं की, तो वे इसके लिए डैनी साब (डैनी डेन्जोंगपा) के पास वापस चले जाएंगे। इसलिए, कुछ मिनटों के बाद वह भी फ्लाइट से उतर गए।”
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'शोले' में अमजद का किरदार गब्बर सिंह उनकी सबसे यादगार भूमिका बन गया। 'शोले' (1975) सलीम-जावेद द्वारा लिखित और रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित एक एक्शन-एडवेंचर फिल्म है। अमजद ने फिल्म में क्रूर डकैत गब्बर सिंह के रूप में अभिनय किया और प्रसिद्ध हो गए। फिल्म में धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार, हेमा मालिनी और जया बच्चन ने भी अभिनय किया। 'शोले' को एक क्लासिक और सर्वश्रेष्ठ भारतीय फिल्मों में से एक माना जाता है। अमजद खान का जुलाई 1992 में 51 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
फिलहाल, गब्बर सिंह का किरदार आज भी लोगों के जहन में जिंदा है। तो शादाब के इस इंटरव्यू के बारे में आपकी क्या राय है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं, साथ ही हमारे लिए कोई सलाह हो तो अवश्य दें।