अभिनेता इफ़्तेख़ार खान की लव लाइफ: पत्नी को छोड़कर यहूदी लड़की पर आया था एक्टर का दिल

बॉलीवुड इंडस्ट्री में आज भी अभिनेता इफ़्तेख़ार खान अपनी दमदार एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं। आज हम इस स्टोरी में आपको अभिनेता की प्रोफेशनल लाइफ से लेकर लव लाइफ के बारे में बताने जा रहे हैं।

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By Kavita Gosainwal Last Updated:

अभिनेता इफ़्तेख़ार खान की लव लाइफ: पत्नी को छोड़कर यहूदी लड़की पर आया था एक्टर का दिल

बॉलीवुड इंडस्ट्री में कई ऐसे अभिनेता आए हैं, जिन्होंने अपने गुडलुक्स और बॉडी से नहीं बल्कि, अपनी दमदार एक्टिंग से पहचान बनाई है। इस लिस्ट में 1940 से 60 तक के दशक में अपनी बेमिसाल एक्टिंग से हर किसी को हैरान करने वाले अभिनेता इफ़्तेख़ार खान (Iftekhar Khan) का नाम भी शामिल है। इफ़्तेख़ार बॉलीवुड फिल्मों में ‘सुपर कॉप’ के नाम से जाने जाते थे। वह अपनी अधिकतर फिल्मों में एक कड़क इंस्पेक्टर या फिर एक पुलिस कमिश्नर के किरदार में नजर आते थे। आज बेशक अभिनेता हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन फैंस के दिलों में उनकी खाकी वर्दी वाली इमेज आज भी जिंदा है। आज हम आपको इस स्टोरी में इफ़्तेख़ार खान की पर्सनल लाइफ से लेकर प्रोफेशनल लाइफ से जुड़े कुछ ऐसे अनसुने किस्से बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में यकीनन आपने नहीं सुना होगा। इस स्टोरी में हम आपको उनकी मजेदार फिल्मों से लेकर दो पत्नियों के बारे में बताएंगे।

इफ़्तेख़ार खान के बचपन पर एक नजर

सबसे पहले आपको इफ़्तेख़ार के बचपन की एक छोटी सी झलक दिखाते हैं। इफ़्तेख़ार का जन्म 26 फरवरी 1922 को जालंधर के एक उच्च परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम सैयदाना इफ़्तेख़ार अहमद शरीफ है और वह चार भाई और एक बहन में सबसे बड़े थे। उनके पिता कानपुर की एक कंपनी में उच्च पद पर तैनात थे और इसी वजह से उनका पूरा बचपन कानपुर में गुजरा था। अभिनेता के परिवार में किसी भी तरह की कमी नहीं थी। पिता की अच्छी नौकरी होने की वजह से उनका पूरा परिवार अच्छी खासी जिंदगी जी रहा था।

बचपन से ही इफ़्तेख़ार को गाने और चित्रकला का काफी शौक था और इसी वजह से उन्होंने अपना करियर भी इसी क्षेत्र में बनाने का फैसला किया था। वह बचपन से ही अपने जमाने के सुपरस्टार गायक केएल सहगल को अपना आइडल मानते थे और उनकी तरह ही वह एक मशहूर गायक बनना चाहते थे। इसी वजह से उन्होंने महज 20 साल की उम्र में कोलकाता का रुख किया था। उस जमाने में कोलकाता व मुंबई को फिल्मी दुनिया की राजधानी कहा जाता था और इसी वजह से उन्होंने गायकी के क्षेत्र में कदम रखने के लिए कोलकाता जाने का फैसला लिया था। लेकिन किस्मत को जरूर कुछ और ही मंजूर था। तभी तो वह सिंगर न बनकर एक अभिनेता बनकर दुनिया के सामने उभरे थे। लेकिन ये कैसे हुआ? वो आपको स्टोरी में आगे बताते हैं। (ये भी पढ़ें: सोनिया साहनी की लव लाइफ: शादीशुदा शख्स को दिल दे बैठी थीं एक्ट्रेस, फैमिली के खिलाफ जाकर रचाई शादी)

कोलकाता में बदली अभिनेता की जिंदगी

कहा जाता है कि कोलकाता जाकर सिंगिंग की दुनिया में अपना सिक्का चमकाने के लिए इफ़्तेख़ार खान ने सबसे पहले एच.एम.वी कंपनी का रुख किया था। ये उस जमाने की सबसे चर्चित कंपनी थी, जिसमें मशहूर सिंगर कमलदास गुप्ता जैसे लोग जुड़े हुए थे। इसी कंपनी में इफ़्तेख़ार ने एक ऑडिशन दिया था और इस बात का जिक्र मशहूर लेखक शिशिर कृष्ण शर्मा की किताब ‘बीते हुए दिन’ में भी किया गया है। इस किताब में कहा गया है कि कमल दासगुप्ता ने एच.एम.वी कंपनी में अभिनेता का ऑडिशन लिया था और अभिनेता की आवाज सुन सिंगर भी हैरान रह गए थे। इस ऑडिशन के बाद कंपनी ने इफ़्तेख़ार का एक प्राइवेट एल्बम भी रिलीज किया था, जिसमें दो गाने शामिल थे और ये दोनों गाने उस समय लोगों ने काफी पसंद किए थे। (ये भी पढ़ें: रणधीर कपूर और बबीता की लव स्टोरी: सालों से अलग रहने के बाद भी कभी दोनों ने नहीं लिया तलाक, जानें वजह)

अभिनेता को यहूदी लड़की से हुआ प्यार

हालांकि, दो गाने गाकर इफ़्तेख़ार अपने घर कानपुर वापस लौट आए। घर वापस आकर उन्होंने अपनी नई जिंदगी में कदम रखा। इफ़्तेख़ार का रिश्ता सईदा नाम की लड़की से हो गया था, जिनके साथ अभिनेता ने अपनी वैवाहिक जिंदगी की शुरू की थी। लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही इफ़्तेख़ार को कोलकाता से बुलावा आ गया और वह भी बिना कुछ सोचे समझे कोलकाता पहुंच गए। दरअसल, कमल दासगुप्ता अभिनेता के व्यक्तित्व से काफी ज्यादा प्रभावित हुए थे और इसी वजह से उन्होंने इफ़्तेख़ार खान को नौकरी देने का फैसला किया था। लेकिन ये नौकरी सिंगर की नहीं बल्कि एक्टर की थी और ऐसे करके इफ़्तेख़ार खान ने अभिनय की दुनिया में अपना कदम रखा था।

उस जमाने में जहां एक तरफ इफ़्तेख़ार अपने फिल्मी करियर को बनाने की दिशा में काम कर रहे थे, तो दूसरी तरफ उसी समय उनकी जिंदगी में एक और लड़की ने कदम रखा। वह जिस बिल्डिंग में रहते थे, उसी बिल्डिंग में रहने वाली यहूदी लड़की हना जोसेफ पर उनका दिल आ गया था। खास बात ये है कि जोसेफ भी अभिनेता से प्यार करने लगी थीं और इस वजह से अभिनेता ने अपनी पहली पत्नी सईदा से सारे रिश्ते तोड़ दिए और जोसेफ से शादी कर ली थी। शादी के बाद हना जोसेफ ने अपना धर्म परिवर्तन किया और फिर उनका नाम रेहाना अहमद हो गया था। शादी के कुछ सालों बाद रेहाना ने दो बेटियों को जन्म दिया, जिनका नाम सलमा और सईदा है। (ये भी पढ़े: संजय लीला भंसाली और वैभवी मर्चेंट की लव स्टोरी: शादी करना चाहते थे दोनों, जानें कैसे हुए अलग)

फिल्मी करियर

इफ़्तेख़ार खान ने अधिक्तर फिल्मों में साइड रोल ही किया था। लेकिन बॉलीवुड में उन्होंने बतौर लीड एक्टर कदम रखा था। उनकी पहली फिल्म साल 1944 में रिलीज हुई ‘तकरार’ थी। इस फिल्म में उनके साथ उस जमाने की मशहूर अदाकारा जमुना नजर आई थीं। दोनों की जोड़ी को काफी तारीफें मिली थीं। इसके बाद साल 1945 में दो फिल्म ‘घर’ और ‘राजलक्ष्मी’ रिलीज हुईं। फिल्म ‘घर’ में इफ़्तेख़ार और जमुना की जोड़ी फैंस को एक बार फिर देखने को मिली थी और ‘राजलक्ष्मी’ में वह कानन देवी के साथ नजर आए थे। कहा जाता है कि ये वो दौर था, जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था और इस वजह से इफ़्तेख़ार का पूरा परिवार पाकिस्तान की ओर रवाना हो गया था। लेकिन अभिनेता ने अपने बीवी और दोनों बेटियों के साथ भारत में ही रहना का फैसला किया था। जहां एक तरफ उनका परिवार हमेशा के लिए पाकिस्तान चला गया था, तो वहीं दंगो की वजह से वो अपनी पत्नी और दोनों बेटियों के साथ मुंबई आ गए थे। इस दौरान उनके परिवार की आर्थिक हालत काफी खराब हो गई थी।

मुंबई आकर उन्होंने कई छोटी-बड़ी फिल्मों में काम किया था, जिसमें 'सगाई', 'बिराज बहू', 'मिर्जा गालिब', 'देवदास', 'श्री 420' समेत कई फिल्में शामिल थीं। लेकिन इन फिल्मों के बाद भी उनका संघर्ष जारी रहा था। हालांकि 1969 में उनके हाथ फिल्म ‘इत्तेफाक’ लगी, जिसने अभिनेता की जिंदगी को बदलकर रख दिया था। इस फिल्म में वह पहली बार एक पुलिस ऑफिसर के किरदार में नजर आए थे और उनके इस किरदार को लोगों द्वारा इतना पसंद किया गया था कि, इसके बाद वह कई फिल्मों में पुलिस अधिकारी के रोल नजर आए थे। इफ़्तेख़ार की बेटी सलमा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि, ‘इस फिल्म की वजह से हमारी जिंदगी बदल गई थी। पुलिस की वर्दी डैडी पर इतनी जमी कि, इसके बाद उन्हें काम की कभी कमी नहीं हुई। बहुत जल्द हम लोगों ने एक अच्छा घर ले लिया था और इसका सारा श्रेय अशोक कुमार अंकल को देना चाहती हूं, जिनकी वजह से ही डैडी को बी.आर फिल्म्स में एंट्री मिली थी।’

‘इत्तेफाक’ के बाद अभिनेता कई फिल्मों में दमदार रोल निभाते हुए नजर आए थे, जिसमें 'शर्मीली', 'महबूब की महंदी', 'कल आज और कल', 'हरे रामा हरे कृष्णा', 'जवानी दीवानी', 'अचानक', 'जंज़ीर', 'मजबूर', 'दीवार', 'शोले', 'कभी-कभी', 'दुल्हन वोही जो पिया मन भाए', 'डॉन', 'त्रिशूल', 'काला पत्थर', 'कर्ज', 'दोस्ताना', 'रॉकी', 'राजपूत', 'जागीर' समेत कई फिल्में शामिल हैं। 4 मार्च 1995 को वो मनहूस दिन आया जब एक्टर इफ़्तेख़ार खान इस दुनिया को अलविदा कहकर चले गए। अभिनेता की आखिरी फिल्म ‘काला कोट’ थी, जो साल 1993 में रिलीज हुई थी।   

फिलहाल,अभिनेता इफ़्तेख़ार ने अपने बॉलीवुड करियर में कई ऐसे किरदार निभाए थे, जिन्हें कभी भूला नहीं जा सकता है। उन्होंने अपने करियर में लगभग 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। तो आपको हमारी ये स्टोरी कैसी लगी? हमें कमेंट बॉक्स में बताएं और अगर आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो जरूर दें।

(फोटो क्रेडिट: filmhistorypicsbollywoodirectfilmyguftgu)
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