बॉलीवुड के एवरग्रीन एक्टर दिलीप कुमार (Dilip Kumar) और सायरा बानो (Saira Banu) की क्लासिक लव स्टोरी हर जनरेशन के लिए एक इंस्पिरेशन है, और यही वजह है कि ‘दो जिस्म एक जान’ कही जाने वाली इस जोड़ी को आज भी बॉलीवुड का आइकॉनिक कपल कहा जाता है। इनकी प्रेम कहानी की सबसे दिलचस्प बात तो ये है कि 5 दशक साथ गुजारने के बाद भी, ये दोनों आज भी एक-दूसरे से पागलों की तरह प्यार करते हैं। इनकी आंखों में झलकता एक-दूसरे के लिए अटूट प्रेम आपको शादी के मजबूत बंधन पर यकीन दिलाने के लिए काफी है। यही नहीं, आज के समय में दिलीप कुमार के लिए सायरा उनकी पत्नी के साथ ही एक सच्ची दोस्त, एक लॉयल पार्टनर और एक मजबूत सहारा भी हैं। तो चलिए आज आपको बताते हैं इन दोनों की प्रेम कहानी के बारे में, जो अब वक़्त के साथ अमर हो चुकी है।
दरअसल, 60 के दशक में दिलीप साहब हर लड़की के सपनों के राजकुमार थे। उनकी चार्मिंग पर्सनालिटी ने लाखों दिलों को अपने काबू में कर लिया था, और इन्हीं लाखों फैंस में उनकी एक फैन सायरा बानो भी थीं। सायरा 12 साल की उम्र से ही दिलीप को दीवानों की तरह चाहती थीं। (ये भी पढ़ें: विनोद मेहरा की लव लाइफ: 3 शादियों और 2 अफेयर्स के बीच ऐसी रही है एक्टर की निजी जिंदगी)
साल 1960 में, जब दिलीप कुमार की सुपर हिट रोमांटिक ट्रेजेडी फिल्म 'मुग़ल-ए-आज़म' मुंबई के मराठा मंदिर में प्रीमियर हुई थी, तो मात्र 16 बरस की सायरा अपने फेवरेट स्टार दिलीप की एकमात्र झलक देखने वहां गई थीं। लेकिन, दिलीप साहब किसी कारणवश इस प्रीमियर में नहीं पहुंचे, जिससे सायरा का दिल बुरी तरह टूट गया।
दिलीप साहब से न मिल पाने पर मायूस सायरा ने उस वक़्त तय किया कि वो फिल्मों में काम करेंगी और एक बड़ी स्टार बनेंगी ताकि वो इस एक्टर से शादी कर सकें। इसके बाद अपनी मां और अदाकारा नसीम बानो की मदद से सायरा ने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा, और अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर शम्मी कपूर जैसे बड़े सितारों के साथ काम करना शुरू कर दिया।
दिलीप साहब ने सायरा से अपनी केमिस्ट्री का जिक्र अपनी ऑटोबायोग्राफी 'द सबस्टांस एंड द शैडो' में किया है। इस किताब में एक्टर ने बताया है कि वो सायरा से पहली बार एक्ट्रेस की बर्थडे पार्टी में मिले थे, और पहली बार में ही उनकी ख़ूबसूरती के कायल हो गए थे। उन्होंने इस मोमेंट को याद करते हुए अपनी किताब में लिखा है कि, ‘मैं जब अपनी कार से उतरकर घर की ओर जाने वाले बगीचे में पहुंचा, तो सायरा वहीं खड़ी थीं। मुझे आज भी याद है कि खूबसूरत ब्रोकेड साड़ी पहने सायरा को मैं उस वक़्त देखता ही रह गया था। उनकी खूबसूरती ने मुझे अचंभे में डाल दिया था, क्योंकि सायरा अब वो यंग गर्ल नहीं रही थीं, जिनके साथ मैंने जान बूझकर काम करने से मना कर दिया था क्योंकि मुझे लगा कि वो मेरी हीरोइन के रूप में बेहद यंग लगेंगी।’ (ये भी पढ़ें: जब नरगिस को बचाने जलती आग में कूद गए थे सुनील दत्त, कुछ ऐसी है कपल की लव स्टोरी)
साथ ही, एक्टर ने ये भी बताया था कि कैसे वो सायरा के प्यार में पड़ गए थे और आज भी उस प्यार से निकल नहीं पाए हैं। दिलीप ने इस किताब में आगे लिखा है, ‘वो एक लड़की से महिला बन चुकी थीं, और वास्तव में जितना मैंने सोचा था, वो उससे कई ज्यादा सुंदर थीं।
ये बात शायद कम ही लोग जानते हैं कि दिलीप और सायरा को एक-दूसरे के करीब लाने में सबसे बड़ा हाथ नसीम बानो का ही था। सायरा की मां, नसीम ने ही इन दोनों की मुलाकात कराई थी। इसके बाद ही दोनों के बीच इकरार हुआ और 11 अक्टूबर 1966 में ये परफेक्ट कपल शादी के बंधन में बंध गया। हालांकि, शादी के वक्त सायरा सिर्फ 22 साल की थीं, जबकि उस दौरान दिलीप की उम्र 44 थी। करीब 22 साल के एज गैप होने के बावजूद भी इस कपल की कामयाब मैरिड लाइफ ये दर्शाती है कि जहां बेइंतेहा मोहब्बत होती है वहां उम्र के फासलों का कोई वजूद नहीं रह जाता। (ये भी पढ़ें: जब प्रेग्नेंट करीना कपूर खान ने पहनी मात्र 3600 रुपये की ड्रेस, वीडियो में नजर आया बेबी बंप)
एक बार, साल 2010 में ‘द हिंदू’ को दिए गए इंटरव्यू में सायरा ने अपनी जिंदगी में देखे गए दो सपनों के बारे में बात की थी। एक्ट्रेस ने बताया था, “मैंने अपनी जिंदगी में सिर्फ दो सपने देखे थे, पहला मां जितनी प्रसिद्धि हासिल करना और दूसरा, अपने प्यार दिलीप कुमार से शादी करना। अल्लाह ने मेरे ये दोनों सपने पूरे किए, इससे ज्यादा मैं अपनी जिंदगी से क्या मांग सकती हूं? माशाअल्लाह! आज मैं अपनी जिंदगी में बेहद सुखी हूं।”
फिलहाल, सायरा और दिलीप की लव स्टोरी किसी परियों की कहानी से कम नहीं है, और शादी के 54 साल पूरे हो जाने के बाद भी इन दोनों का प्यार आज भी बरक़रार है। तो आपको इनकी लव स्टोरी कैसी लगी? हमें कमेंट करके जरूर बताएं, साथ ही हमारे लिए कोई सलाह हो तो अवश्य दें।