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बात साल 1930 की है, जब फरीदपुर (बांग्लादेश) के एक धनी ज़मींदार के घर एक नन्ही-सी लड़की का जन्म हुआ था, जिसका नाम आगे चलकर समय के सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायकों में शुमार हो गया था। जी हां, हम बात कर रहे हैं अपने समय की प्रसिद्ध गायिका 'गीता दत्त' (Geeta Dutt) के बारे में, जिन्होंने अपना करियर एक गायिका के रूप में मात्र 16 वर्ष की आयु से ही शुरू कर दिया था। उन्हें पहली बार एक पौराणिक फिल्म 'भक्त प्रह्लाद' में गाने का मौका मिला था। जिसके बाद से इस विनम्र और प्रतिभाशाली गायिका ने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। गीता दत्त ने अपने शानदार करियर में 1200 से भी ज्यादा गाने गाये थे, जिनमें से कुछ गाने इतने हिट हुए थे कि वो आज तक लोगों की जुबान पर छाए रहते हैं। गीता दत्त ने 'बाबू जी धीरे चलना', 'ऐ दिल मुझे बता दे', 'वक्त ने किया क्या हसीं सितम', 'मेरा नाम चिन चिन चू', 'जियो हज़ारों साल', और 'आंखों ही आंखों में' जैसे पता नहीं कितने ऐसे गाने गाये हैं, जिनको आज के समय में फिर से बनाया जा रहा है और लोग उसे पसंद भी कर रहे हैं।
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अगर बात करें इनकी निजी ज़िन्दगी के बारे में तो, वह इनकी प्रोफेशनल ज़िन्दगी की तुलना में काफी धुंधली नज़र आती है। महान अभिनेता और फिल्म निर्माता 'गुरु दत्त' के साथ इनकी शादी ज़रूर हुई थी, लेकिन इनकी लव स्टोरी प्यार करने वाले दो प्रेमियों की दुखद प्रेम कहानी से कम नहीं थी। कुछ दिनों पहले जब हम उनकी 90वीं जयंती पर उन्हें याद कर रहे थे, तब गीता और उनके 'शाश्वत' प्रेम यानी उनके पति गुरु दत्त जी की एक तस्वीर हमारी आंखों के सामने आ गई थी, जिसे देखकर ऐसा लगा जैसे वो सुनहरा दौर हमारी आंखों के सामने जीवंत हो गया।
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आज से कुछ दिन पहले 23 नवंबर 2020 को पूरा देश मशहूर पार्श्व गायिका गीता दत्त की 90वीं जयंती पर उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि दे रहा था। जहां कुछ लोग उनके हिट गानो के मैशअप शेयर कर रहे थे, वहीं कुछ लोग उनकी और उनके पति गुरु दत्त की प्रेम कहानी के बारे में भी बात कर रहे थे। हालांकि, गीता की दुर्लभ तस्वीर हमें मिली, जिसमें वह हारमोनियम बजा रही हैं और गुरु दत्त साहब अपने लड़के को अपनी गोद में बिठाये हारमोनियम पर नाचती गीता की उंगलियों को प्यार से देख रहे हैं। यह तस्वीर काफी खूबसूरत और दिलों में समा जाने वाली है, जो भी प्रशंसक इनकी दर्द भरी प्रेम कहानी के बारे में जानते हैं, उन फैंस के लिए यह मनमोहक तस्वीर उनकी आंखों में आंसू ला देने वाली जैसी है। (इसे भी पढ़ें: बिग बॉस के घर में इन सेलेब्स ने जमकर किया था रोमांस, लेकिन घर से बाहर आते ही हो गए अलग)
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गीता की जब गुरु दत्त साहब से शादी नहीं हुई थी, मतलब जब वह अविवाहित थी, उस वक़्त उनकी फिल्म 'बाज़ी' के दौरान उनकी मुलाकात गुरु दत्त साहब से हुई थी। वह गुरु दत्त साहब ही थे, जो उनके हंसमुख व्यक्तित्व और उनकी मधुर आवाज़ पर उनके दीवाने हो गए थे। लेकिन, केवल गुरु दत्त साहब ही नहीं बल्कि गीता भी उनके निर्देशन पर कायल थीं और उम्मीद के मुताबिक उनके प्यार को परवान चढ़ने में ज्यादा समय नहीं लगा था। मगर गीता के परिवार वाले दोनों के सम्बन्ध से बिल्कुल भी खुश नहीं थे, इसके बावजूद दोनों ने परिवार वालों के विरोध को दरकिनार कर 26 मई 1953 को साधारण तरीके से शादी कर ली थी। जिसके बाद गीता और गुरु दत्त तीन बच्चों के माता-पिता बने और उनका नाम तरुण दत्त, अरुण दत्त, और नीना दत्त रखा। (इसे भी पढ़ें: बॉलीवुड के 12 ऐसे सेलेब्स जिन्होंने अपनी उम्र से बड़ी एक्ट्रेसेस के साथ रचाई है शादी)
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आगे चलकर गुरु दत्त अपने काम में पूरी तरह डूब गए और इतने व्यस्त रहने लगे, कि उनके पास अपने परिवार को देने के लिए समय नहीं बचता था। हालांकि, गीता दत्त ने अपने प्यार को ज्यादा समय देना उचित समझा और वो गुरु के साथ अपने बच्चों का भी ख्याल रखती थीं। इससे उनके करियर पर भी असर पड़ा। वहीं दूसरी तरफ 1957 के दौरान गुरु दत्त का अभिनेत्री वहीदा रहमान के साथ सम्बन्ध होने की ख़बरों ने जोर पकड़ लिया और वहीदा के साथ अपने संबंधों से उन्हें बहुत नुकसान भी हुआ था। दरअसल, वहीदा रहमान को सबसे पहले गुरु दत्त ने ही फिल्म 'सीआईडी' में काम दिया था, जिसमें उनका एक छोटा-सा किरदार था। इसके बाद दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं और गुरु ने वहीदा को साल 1957 में अपनी फिल्म 'प्यासा' में बतौर लीड एक्ट्रेस कास्ट किया था। ये फिल्म उस समय सुपरहिट हुई थी और इंडस्ट्री में वहीदा का नाम लोग जानने लगे। जिसके बाद दोनों ने फिल्म ‘चौदहवीं का चांद’ और ‘साहिब बीबी और गुलाम' में साथ-साथ काम किया, जो बहुत ही सफल हुई थी। लेकिन, वहीदा को इसके बाद शोहरत मिलने लगी थी और दूसरी तरफ गुरु दत्त से भी उनका रिलेशनशिप आगे बढ़ रहा था। इन दोनों के रिश्तों का असर उनकी निजी ज़िन्दगी पर पड़ना लाजिमी था और वहीदा की वजह से ही गीता अपने बच्चों के साथ अपने माता-पिता के घर जाकर रहने लगीं थीं। (इसे भी पढ़ें: बॉलीवुड के फेमस 15 ‘जमाई राजा’, जिनका स्टारडम है एक्टर्स से भी ज्यादा)
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पत्नी का साथ खोने की वजह से गुरु दत्त डिप्रेशन में चले गए और फिल्म इंडस्ट्री से भी उनका नाता टूटता चला गया। अब उनकी आर्थिक हालत भी ख़राब होने लगी थी, जिसकी वजह से उन्हें अपना बंगलो भी खाली करना पड़ा था। गुरु दत्त साहब की स्थिति बद से बदतर होने लगी थी, इसी वजह से अब उन्हें एक किराए के मकान में जाकर रहना पड़ा था। उनकी इस स्थिति को देखकर व शराब पीने और उनके डिप्रेशन के कारण वहीदा ने भी उनसे दूरी बना लिया था, जिसके बाद 10 अक्टूबर 1964 को गुरु दत्त साहब ने आत्महत्या कर ली।
गीता दत्त ने गुरु दत्त के साथ एक बेहद दर्दनाक और दुखों से भरा जीवन बिताया, लेकिन शादी के पहले और बाद के पल इन दोनों ने काफी हसीन बिताए। शायद, उन्हीं पलों के सहारे गीता ने अपना बाकी जीवन गुजार दिया और आगे चलकर साल 1972 में गीता ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया। तो, आपको अपने ज़माने के इस मशहूर कपल की अनदेखी फोटो और प्रेम कहानी कैसी लगी? हमें कमेंट करके जरूर बताएं और कोई सुझाव हो तो वह भी अवश्य दें।
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