बेहद खूबसूरत हैं सिंगर कैलाश खेर की वाइफ शीतल, कपल को ऐसे हुआ था एक-दूसरे से प्यार

सूफी और प्लेबैक सिंगर कैलाश खेर को अपनी शादी कभी-कभी सपने जैसी लगती है। कैलाश अपने इस मिलन को जमीन-आसमान का मिलन मानते हैं। तो चलिए हम आपको कैलाश खेर की रोमांचक लव स्टोरी के बारे में बताएं।

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By Ritu Singh Last Updated:

बेहद खूबसूरत हैं सिंगर कैलाश खेर की वाइफ शीतल, कपल को ऐसे हुआ था एक-दूसरे से प्यार

बाॅलीवुड के मशहूर सिंगर कैलाश खेर (Kailash Kher) ने अपनी गायकी की खास शैली से न केवल अलग पहचान बनाई, बल्कि उन्होंने साबित कर दिया कि हुनर कभी छुप नहीं सकता। मेरठ शहर में जन्में कैलाश खेर ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया और तब अपने लिए एक मुकाम हासिल किया है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि कैलाश खेर 13 साल की उम्र में ही अपना घर को छोड़ कर भाग गए थे। छोटी सी उम्र में उन्होंने जिंदगी के कई इम्तिहान दिए और हर इम्तिहान में पास होकर बॉलीवुड तक पहुंच सके। कैलाश खेर अपनी मंजिल को पाने के लिए न केवल संगीत के शिक्षक बने, बल्कि साधु-सन्यासियों के बीच भी रहे और धीरे-धीरे बॉलीवुड तक पहुंचने का रास्ता बनाते गए। बावजूद इसके कैलाश खेर को अपने करियर से ज्यादा अपनी शादी को लेकर अचरज होता है। जी हां! कैलाश खेर को अपनी शादी कई बार सपने की तरह लगती है और वे मानते हैं कि उनकी शादी जमीन-आसमान का मिलन है। आखिर ऐसा क्या रहा है कैलाश की लव लाइफ में, आइए आज इससे पर्दा हटाते हैं।

कैलाश खेर ने एक मीडिया को दिए इंटरव्यू में खुद बताया था कि, ‘मैं अकेले ही बड़ा हुआ हूं। 13 साल की उम्र में मैं अपने घर संगीत सीखने के लिए भाग गया था और तब से खुद ही अपने आप को पाला है। मेरे पास शायद कश्मीरी संवेदनशीलता है, क्योंकि मेरे पूर्वज कश्मीर से ही थे, जो वहां से पलायन कर उत्तर भारत में बस गए थे। मैंने हर चीज खुद सीखी, अनुभव किया और जाना है। यहां तक की, रिश्तों को भी मैं बहुत समझ नहीं पाया था। इन रिश्तों को तभी समझा जब मेरा इनसे वास्ता पड़ा।‘

कैलाश खेर को संगीत विरासत में मिला है। उनके पिता पंडित मेहर सिंह खेर पुजारी थे और अक्सर घरों में होने वाले इवेंट में ट्रेडिशनल फोक सॉग भी गाया करते थे। कैलाश भी बचपन से ही अपने पिता के साथ इन संगीत समारोह में जाते थे और अपने पिता से ही उन्होंने संगीत की शिक्षा ले ली थी, लेकिन कैलाश खेर के पिताजी को कभी भी बॉलीवुड गाने सुनना या गाना पसंद नहीं था और वह अपने बेटे पर भी इसकी पाबंदी लगाए थे। उधर, कैलाश को बॉलीवुड संगीत से प्यार था।

13 साल की उम्र में कैलाश खेर के मन में प्लेबैक सिंगिंग को लेकर एक जूनुन सा उठने लगा था और इसका नतीजा ये हुआ कि वे संगीत की बेहतर शिक्षा लेने के लिए घरवालों से भिड़ गए और घर छोड़कर दिल्ली आ गए। यहां आकर उन्होंने संगीत की शिक्षा तो लेनी शुरू कर दी, लेकिन पैसे तो थे नहीं, इसलिए छोटे-मोटे काम कर वह अपना खर्चा निकालने लगे। कैलश खेर ने एक और रास्ता कमाई का रास्ता निकाल लिया। वे विदेशियों को संगीत सिखाने लगे और उनसे फीस लेने लगे। इस तरह उन्होंने अपनी संगीत की शिक्षा हासिल की।

अपने जीवन यापन के लिए कैलाश खेर हमेशा हाथ-पैर मारते रहे और इस दौरान साल 1999 में उन्होंने दिल्ली में अपने दोस्त के साथ एक बिजनेस शुरू किया लेकिन उसमें इतना घाटा हुआ कि उनकी सारी सेविंग डूब गई। इससे उनको इतना सदमा लगा की वे एक नदी में छलांग लगा दी, लेकिन मौके पर मौजूद उनके दोस्त ने उन्हें बचा लिया और तब कैलाश पैसा कमाने के लिए सिंगापुर और थाइलैंड चले गए। वहां 6 महीने रहने के बाद वापस ऋषिकेश आ गए और यहां वे साधू-संतो के बीच रह कर उनके लिए भजन गाया करते थे, और यहां से कैलाश का खोया विश्वास फिर से जागा और वे मुंबई आ गए। मुंबई आने के बाद कैलाश ने काफी गरीबी में दिन गुजारे। कैलाश यहां चॉल में रहते थे और उनके पास एक जोड़ी अच्छी चप्पल भी नहीं थी। टूटी चप्पल पहन कर वह रोज घंटों स्टूडियो के चक्कर लगाते थे, ताकि कोई उन्हें गाने का मौका दे दे।

एक दिन उन्हें राम संपत ने एक ऐड का जिंगल गाने के लिए बुलाया, जिसके लिए उन्हें 5000 रुपए मिले। तब पांच हजार रुपए भी कैलाश के लिए बहुत थे। इसके बाद तो उनकी आवाज का जादू चलने लगा। इसके बाद फिल्म ‘अंदाज’ में 'रब्बा इश्क ना होवे' गाने ने किस्मत ही चमका दी। इसके बाद 'अल्ला के बंदे' जैसे कई फेमस गाने उनके हिस्से आ गए और कैलाश खेर हिट हो गए। आज कैलाश खेर का अपना बैंड है और कई म्यजिक एल्बम में भी वे काम करते हैं।

‘बोनोबोलॉजी’ को दिए इंटरव्यू में कैलैश खेर ने एक बार बताया था कि, 'मैं एक अलग ही दुनिया का प्राणी था और मुझे जिससे प्यार हुआ वह (शीतल) एक अलग ही दुनिया की थीं। मैं गरीब, शर्मिला और संकोची किस्म का इंसान था और वो मुंबई शहर की पली-बढ़ी आत्मविश्वासी, मॉर्डन लड़की थी। हम दो अलग-अलग दुनिया के प्राणी थे, लेकिन हमारी पंसद और सोच एक जैसी थी। शीतल मस्ती से भरी एक ऊर्जा का स्रोत हैं। वे गंभीर मुद्दों पर अपने लेख लिखती हैं और मानवाधिकारों और सामाजिक कार्यों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है। वह मुंबई में जन्मी थी, इसलिए बहुत मुखर और आधुनिक विचारों की हैं और जब मैं उनसे मिला तो मेरी सोच और विचार उनके सामने बहुत कमतर थे।' (इसे भी पढ़ें: दीया मिर्ज़ा के पिता ने मिस एशिया पैसिफिक कॉन्टेस्ट के दौरान एक कार्ड बनाकर किया था बेटी को मोटिवेट)

एक समारोह में हमारी मुलाकात हुई थी और वे मेरे फ्रेंड्स की कॉमन फ्रेंड थीं। शीतल से पहली मुलाकात में ही लगा कि वे एक नेकदिल और सहयोगी लड़की है। हालांकि वह बहुत आध्यात्मिक है, लेकिन हम दोनों दो बहुत अलग दुनिया से आते हैं। हमारे बीच बस एक चीज कॉमन है। वह है संगीत। शीतल ने मुझे बहुत कुछ सीखाया। उन्होंने मुझे एडेल, कोल्डप्ले, मेलोडी गार्डन से परिचित कराया था।‘ एक इंटरव्यू में अपनी शादी के बारे में बात करते हुए कैलाश खेर बताते हैं कि, ‘असल में हमने अरेंज मैरिज की थी। मैं एक कलाकार हूं और मेरे लिए अरेंज मैरिज बहुत मुश्किल थी। मेरे पेरेंट्स की मौत हो चुकी थी। इसलिए ये जिम्मा मेरे दोस्तों ने उठाया। मेरे दोस्तों ने हमारा परिचय एक-दूसरे से कराया था और उन्होंने ही शादी भी कराई। वह कहते हैं कि, एक कलाकार दो मौकों पर खुद को ठगा हुआ पाता है। पहला जब वह बैंकर के पास लोन के लिए जाता है और दूसरा जब वह अरेंज मैरिज करना चाहता है। बैंक हम पर भरोसा नहीं करता क्योंकि हमारी आय निश्चित नहीं होती है। विवाह में भी कुछ ऐसा ही होता है। हम भले ही अपना जीवन किंग साइज जीते हैं, लेकिन इन दोनों को हम पर संदेह ही बना रहता है। हालांकि, फ्रेंड्स ने हमें मिलाया और हम एक-दूसरे के साथ कभी सहज महसूस करते थे और हमने 2009 में शादी कर ली। वह मुझसे 11 साल छोटी हैं। मुझे लगता है कि संगीत में उनकी रुचि थी और यही कारण था कि उन्होंने शादी के लिए हां कह दिया था। हालांकि, मुझे अब भी अपनी शादी कई बार सपने की तरह लगती है, क्योंकि ये एक जमीन-आसमान का मिलन था।’

हैप्पी मैरिज के लिए मंत्र के बारे में एक बार कैलाश खेर ने इंटरव्यू में बताया था कि, ‘ हम दोनों ने साल भर में शायद एक साथ 70 दिन भी एक साथ देखे हों। ऐसे में जब हमारे लिए प्यार के पर्याप्त वक्त नहीं मिला तो हम लड़ते कैसे। किसी भी चीज की अति ठीक नहीं होती। तो अब अनुमान लगा लीजिए की हम कैसे एक साथ खुश रहते हैं? हमारे बीच मिलन का एक एक्साइटमेंट होता है, कोई कड़वाहट नहीं।’ (इसे भी पढ़ें: सायरा बानो से सगाई के दिन दिलीप कुमार की Ex गर्लफ्रेंड ने खा ली थी नींद की दवा, एक्ट्रेस ने खोले राज)

अपने प्यार और रिश्ते को वे एक गाने के जरिये बताते हैं, “दोलत शोह्रत की करनी, तेरे प्यार का काफी है।” कैलाश कहते हैं कि, हम एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। मेरे घर पितृसत्तात्मक और पारंपरिक था। मेरी मां बहुत बोल नहीं सकती थी, लेकिन शीतल और मैं एक दोस्त की तरह घर में रहते हैं। सबको अपने तरीके से जीने की छूट है। शीतल अपने दम पर बहुत सारे फैसले लेती हैं, क्योंकि मैं ज्यादातर यात्रा पर होता हूं। अब हमारे बीच हमारा प्यार बेटा कबीर भी है। ऐसे में हम दोनों की जिम्मेदारी भी बढ़ चुकी है। (इसे भी पढ़ें: अमृता सिंह से तलाक के लिए सैफ अली खान को चुकानी पड़ी थी इतनी रकम, नहीं दे पाए थे एक साथ)

कैलाश खेर ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया, लेकिन इस संघर्ष का परिणाम ही था कि उनकी सारी ख्वाहिशें पूरी हुई हैं। उम्मीद करते हैं कि कैलाश खेर और उनके परिवार में ऐसी ही खुशिया बनी रहेंगी और वे अपनी गायकी से सबका दिल जीतते रहेंगे। तो आपको हमारी ये स्टोरी कैसी लगी? हमें जरूर बताएं, और कोई सुझाव हो तो वह भी अवश्य दें।

(Photo credit instagram: kailashkher and fans_of_kailash_kher_)
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