By Shivakant Shukla Last Updated:
बॉलीवुड इंडस्ट्री की दिग्गज अभिनेत्री रह चुकीं मधुबाला (Madhubala) ने महज 9 साल की उम्र में ही अभिनय की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने अपनी प्यारी मुस्कुान, शानदार अभिनय और चंचल अदाओं से लोगों को दीवाना बनाया था। भले ही वह आज हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनके निभाए गए किरदार आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं।
मधुबाला जितना अपनी प्रोफेशनल लाइफ में कामयाब रहीं, उससे कहीं ज्यादा वह अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा में रहीं। हाल ही में, मधुबाला की बहन मधुर भूषण ने एक्ट्रेस की लव लाइफ के बारे में विस्तार से बात की है। आइए आपको इसके बारे में बताते हैं।
14 फरवरी 1933 को अताउल्लाह खान और बेगम आइशा के घर जन्मी मधुबाला का असली नाम ‘बेगम मुमताज जेहन देहलवी’ था। मधुबाला 11 भाई-बहन थीं, जिनमें 4 भाई और एक्ट्रेस को मिलाकर 7 बहनें थीं। उनके पिता दिल्ली के एक तंबाकू कंपनी में काम करते थे, लेकिन 40 के दशक में वह अपनी जॉब से हाथ धो बैठे थे। इसके बाद मधुबाला के पिता ने अपने सभी बच्चों के साथ मुंबई की ओर रुख किया था। मधुबाला को पहला लीड रोल मात्र 14 साल की उम्र में मिला था। हालांकि, उनकी किस्मत फिल्म ‘महल’ से चमकी थी। उस वक्त मधुबाला महज 15 साल की थीं। इस फिल्म ने उन्हें एक सितारा बना दिया था। इसके बाद मधुबाला ने 'मुगल-ए-आजम' जैसी कई सुपरहिट फिल्में दीं और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मधुबाला के कई भाई-बहन अब इस दुनिया में नहीं हैं।
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वैसे तो, मधुबाला का नाम उस जमाने के कई एक्टर और सिंगर के साथ जुड़ चुका है, लेकिन अभिनेता दिलीप कुमार और सिंगर किशोर कुमार के साथ उनके संबंध की खबर किसी से छिपी नहीं है। दोनों ने एक-दूसरे को करीब 9 सालों तक डेट किया था और सगाई भी कर ली थी। कहा जाता है कि, एक्ट्रेस के पिता की वजह से दोनों ने अपना रिश्ता ख़त्म कर लिया था।
मधुबाला की बहन मधुर भूषण ने एक बार इंटरव्यू में इस बारे में बताया था कि, ये रिश्ता उनके पिता की वजह से नहीं, बल्कि खुद दिलीप कुमार की जिद्द की वजह से टूटा था। उन्होंने बताया था कि, फिल्म 'नया दौर' की शूटिंग के लिए मधुबाला को ग्वालियर जाना था, लेकिन डकैत इलाका होने की वजह से एक्ट्रेस के पिता ने बीआर चोपड़ा से लोकेशन चेंज करने को बोला था। लेकिन, चोपड़ा लोकेशन चेंज करने के लिए तैयार नहीं थे। तब चोपड़ा ने दिलीप से मधुबाला को समझाने के लिए कहा, लेकिन एक्ट्रेस अपने पिता के खिलाफ जाने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थीं।
मधुर ने मधुबाला और दिलीप कुमार की कॉल पर हुई बातचीत का एक किस्सा शेयर करते हुए एक बार बताया था, “दिलीप ने मधुबाला से कहा था कि, अपने पिता को छोड़ दो तो मैं तुमसे शादी कर लूंगा, जिस पर उन्होंने कहा था ‘मैं आपसे शादी कर लूंगी, लेकिन एक बार घर आकर उनसे माफ़ी मांगकर उन्हें गले लगा लो।’ दोनों की जिद की वजह से उनका प्यार टूट गया। लेकिन मेरे पिता ने कभी उनसे सगाई तोड़ने की बात नहीं कही थी और ना ही माफ़ी की मांग की थी।” हालांकि, दिलीप अपनी जिद्द पर अड़े रहे और दो प्यार करने वाले हमेशा के लिए जुदा हो गए।
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हाल ही में, जब मधुबाला की छोटी बहन मधुर भूषण से 'ई-टाइम्स' ने इस बारे में सवाल किया कि, 'दिलीप कुमार-मधुबाला ने अपनी प्रेम कहानी कैसे और क्यों समाप्त की? क्या आप दिलीप कुमार के बीमार मधुबाला को देखने के लिए अस्पताल जाने के बारे में जानती हैं? और मधुबाला के पिता प्रेमनाथ के साथ उनके रोमांस के खिलाफ क्यों थे?' इस पर मधुर ने बताया कि, ''अगर आप मुझ पर विश्वास करते हैं, तो यह 'नया दौर' फिल्म के दौरान उनके बीच दरार पैदा हुई थी। दिलीप का गुस्सा भड़क गया और बात बिगड़ गई थी। शायद अल्लाह को मंजूर नहीं था और उनका प्यार खत्म हो गया। उसके बाद दिलीप साहब घर आए थे और हां, मधुबाला ने उनसे हमारे पिता को 'सॉरी' बोलने के लिए कहा था। लेकिन दिलीप साहब ने उन्हें 'तानाशाह' करार दिया था। मधुबाला ने दिलीप साहब को याद दिलाया था कि, उन्होंने कभी उनके साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया था। मेरे पिता दिलीप कुमार को पसंद करते थे। अगर वह दिलीप कुमार को पसंद नहीं करते, तो क्या वह अपनी बेटी की प्रेम कहानी यानी फिल्म 'मुगल-ए-आजम' के लिए अपनी सहमति क्यों देते?''
बीआर चोपड़ा 'नया दौर' के एक बड़े हिस्से की शूटिंग ग्वालियर में करना चाहते थे और आपके पापा ने मुंबई पर जोर दिया...?' इस पर मधुर ने कहा कि, ''नहीं, मुंबई में 'नया दौर' की शूटिंग के बारे में कुछ नहीं था। मेरे पिता केवल यही चाहते थे कि, बीआर चोपड़ा ग्वालियर के पड़ोस के पहाड़ी इलाकों में शूटिंग न करें। शूटिंग से कुछ दिन पहले वहां कुछ महिलाओं के साथ मारपीट हुई थी और मेरे पिता चाहते थे कि, मधुबाला सुरक्षित रहें। मेरे पिता इस बात से नाराज़ थे कि, दिलीप कुमार ने बीआर चोपड़ा का पक्ष लिया था। अगर मधुबाला चाहती थीं कि, वह हमारे पिता से माफी मांगे, तो इसमें गलत क्या था? बुज़ुर्गों से माफ़ी लेने में समस्या क्या है? वैसे भी मुझे कोई शिकायत नहीं है। न दिलीप साहब के खिलाफ, न उनकी पत्नी सायरा बानो जी के खिलाफ।''
'क्या मधुबाला दिलीप कुमार को आसानी से भूल सकती थीं?' इस सवाल के जवाब में मधुर ने कहा कि, ''वह उन्हें कभी नहीं भूलीं। वास्तव में, वह ब्रीच कैंडी अस्पताल भी आए थे, जब वह बीमार थीं और उनसे कहा था कि, वे फिर से साथ काम करेंगे। तब उनकी शादी नहीं हुई थी। उनकी शादी के बाद, वे कभी नहीं मिले। वह कब्रिस्तान में आए, लेकिन तब तक वह दफन हो गई थीं। उनका परिवार भी आया था। उन्होंने हमें अगले तीन दिनों के लिए खाना भेजा। यह सम्मान था और कोई दुश्मनी नहीं थी। आश्चर्य है कि, अगर आप मोहन दीप की किताब पढ़ते हैं, जिसमें कहा गया था कि, मधुबाला को लतीफ कुमार सिन्हा, प्रदीप कुमार, जुल्फिकार अली भुट्टो, भारत भूषण, कमल अमरोही से प्यार था। वह बहुत खराब किताब थी। अगर मेरे पिता जीवित होते, तो लेखक सलाखों के पीछे चला जाता। मेरे पिता हमेशा सबूत मांगते थे, इस बार कोई अपवाद नहीं होता। मैं अपनी बहन की एक अच्छी छवि सिर्फ इसलिए नहीं बना रही हूं, क्योंकि वह मेरी बहन थी। साथ ही, याद रखें, एक खूबसूरत लड़की बहुत आसानी से जुड़ जाती है। दिलीप कुमार ने अपनी आत्मकथा 'द सब्सटेंस एंड द शैडो' में लिखा है कि, मधुबाला ने उनके जीवन के खालीपन को भर दिया था, जिसे भरने के लिए वह परेशान थे।''
'दिलीप साहब की ज़िंदगी में क्या खालीपन था?' इस पर मधुर ने कहा कि, ''वह जीवन में बहुत अच्छी तरह से स्थापित थे। अगर वह इशारा कर रहे थे कि, मेरी बहन उनसे बहुत प्यार करती थीं, तो कोई बात नहीं। मुझे लगता है कि, यह सब किसी की कल्पना है, बढ़ा-चढ़ा के लिखा गया है। 'आज के समय की कौन सी हीरोइन मधुबाला के करीब आती है?' इस पर मधुर ने कहा कि, ''आज हर कोई खूबसूरत और टैलेंटेड हैं लेकिन मधुबाला की जगह कोई नहीं ले सकता। बिना मेकअप के वह और भी खूबसूरत लग रही थीं। ओह, वे दिन थे। गीताबली, नरगिस... वे सब कितनी सिंपल थीं।''
'कहा जाता है कि, मधुबाला ने जब पानी पीती थीं, तो पानी उनके गले से उतरता हुआ देखा जा सकता था...?' इस पर मधुर ने कहा कि, ''हां, पानी देखा जा सकता था। मैं आपको यहां एक घटना बताती हूं। हम एक फिल्म देखने गए थे और हमें सभागार के अंदर मुफ्त नाश्ता परोसा गया। हमने उस आदमी से पूछा, जो नाश्ता लेकर आया था कि, उसने ऐसा क्यों किया। उन्होंने कहा कि, इसका कारण हमारे बीच मधुबाला की मौजूदगी है। हमने उससे कहा कि, वह वहां नहीं थी, ध्यान रहे वह बुर्के में बैठी थी। उसने उत्तर दिया कि, उसने उन्हें उनके पैरों से पहचाना है, क्योंकि किसी के पास इतना सुंदर पैर नहीं हो सकते। मैं दोहराती हूं, मेरी बहन मधुबाला की जगह कोई नहीं ले सकता।''
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'कहते हैं, मधुबाला की बीमारी (दिल में छेद) को आप सब काफी समय तक छुपाते रहे, वरना उनका करियर खतरे में पड़ जाता...?' इस पर मधुर ने कहा कि, ''किशोर दा उनके साथ थे। खास बात यह थी कि, वह मधुबाला थीं। आप उनके बारे में कुछ कैसे छिपा सकते थे? ये सब कहानियां हैं। मैं अपनी बहन का बचाव नहीं कर रही हूं, लेकिन मैंने आपको केवल सच बताया है। मैं एक ईश्वर का भय मानने वाली व्यक्ति हूं।''
फिलहाल, मधुबाला की बहन मधुर भूषण द्वारा दिए गए इस इंटरव्यू के बारे में आपकी क्या राय है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं, साथ ही हमारे लिए कोई सलाह हो तो अवश्य दें।