पारसी वेडिंग की रस्में: जाने क्यों दूल्हा-दुल्हन एक-दूसरे पर फेंकते हैं चावल

आइए आज हम आपको बताते हैं पारसी वेडिंग से जुड़ी सभी रस्में और परंपराएं, जिन्हें शादी के दौरान दूल्हा-दुल्हन निभाते हैं।

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By Vidushi Gupta Last Updated:

पारसी वेडिंग की रस्में: जाने क्यों दूल्हा-दुल्हन एक-दूसरे पर फेंकते हैं चावल

भारत कई संस्कृतियों और परंपराओं का मिश्रण है और हम अक्सर विभिन्न संस्कृतियों द्वारा अपनी परंपराओं को निभाने के तरीकों से मोहित होते हैं। विशेष रूप से जब शादियों की बात होती है, तो हमें अलग-अलग संस्कृति के रीति-रिवाजों को जानने की उत्सुकता रहती है और कुछ वेडिंग कल्चर्स खुद ब खुद हमारे दिल में जगह बना लेते हैं। सिंधी वेडिंग से लेकर बंगाली तक, पंजाबी से हिंदू तक, मुस्लिम से गुजराती तक, हर शादी का एक अपना स्पेशल फ्लेवर होता है। ऐसा ही कुछ केस पारसी वेडिंग्स (Parsi Wedding) का भी है, जिसे पारसी रीति-रिवाजों के अनुसार परफॉर्म किया जाता है।

पारसी वेडिंग्स आमतौर पर हिंदू वेडिंग्स की परंपराओं और रीति-रिवाजों से अलग होती हैं। इनके कस्टम करीब एक हफ्ते तक चलते हैं। पारसी वेडिंग को ‘लगान सेरेमनी’ भी कहा जाता है। इसमें हर वेडिंग की तरह शादी से पहले और बाद के रीति-रिवाज भी शामिल होते हैं। यहां हम आपको पारसी वेडिंग की हर एक चीज के बारे में बताएंगे। (ये भी पढ़ें: सब्यसाची की इस दुल्हन और उसकी बहन ने शादी में पहना एक जैसा लहंगा, देखें खूबसूरत तस्वीरें)

प्री-वेडिंग ट्रेडिशन और पारसी वेडिंग के रीति-रिवाज

1. पारसी वेडिंग में अनौपचारिक इंगेजमेंट सेरेमनी

‘रुपिया पेरावनु’ नाम की रस्म में दुल्हन के परिवार की महिलाएं दूल्हे के घर जाती हैं और ऐसे ही दूल्हे की फैमिली की फीमेल मेंबर्स दुल्हन के परिवार में विजिट करती हैं। दोनों साइड की फैमिलीज दूल्हा-दुल्हन को गिफ्ट्स, रुपये और चांदी का सिक्का देते हैं। यह एक अनौपचारिक तरह का एक सगाई समारोह होता है।

2. पारसी वेडिंग में पेड़ लगाने की रस्म

माधवसारो रस्म के मुताबिक, दोनों परिवारों को एक फ्लावर पॉट में पौधा लगाना होता है उसे और अपने-अपने घरों की मेन एंट्रेस पर रखना होता है। इस पॉट को घर के प्रवेशद्वार पर शादी के बाद 7-8 दिनों तक रखा जाता है और इसमें रोज पानी डाला जाता है। इसके बाद, इस पौधे को प्रवेश द्वार से हटाकर किसी दूसरी जगह पर रख दिया जाता है। (ये भी पढ़ें: दिव्यांग कपल की लव स्टोरी: कम लंबाई होने से मायूस पायल को कैसे मिले कपिल, रचाई शादी)

3. पारसी वेडिंग में सास-ससुर दुल्हन के लिए लाते हैं गिफ्ट्स

अदारनी रस्म के मुताबिक, दुल्हन के होने वाले सास-ससुर अपनी फैमिली के साथ उसके घर पर आते हैं और अपनी फ्यूचर बहू को गिफ्ट्स, गहने और कपड़े देते हैं। इस दौरान दुल्हन की फैमिली भी उनकी खातिरदारी में कोई कमी नहीं छोड़ती है।

4. पारसी वेडिंग में हल्दी रस्म

हल्दी रस्म को पारसी में सुप्रनु मूरत रस्म कहा जाता है। इसके मुताबिक, 5 शादीशुदा महिलाएं दूल्हा और दुल्हन के शरीर पर हल्दी का पेस्ट लगाती हैं। ये हिंदू वेडिंग में होने वाली हल्दी सेरेमनी के जैसा ही है।

5. पारसी शादी में पवित्रता और सफाई का स्नान

इस रस्म में, दोनों दूल्हा और दुल्हन पवित्रता और सफाई के लिए स्नान करते हैं। इसके बाद वो शादी के लिए तैयार होना शुरू करते हैं। इसको नहान रस्म भी कहा जाता है। (ये भी पढ़ें: अंकिता भार्गव से भारती सिंह तक इन 11 टीवी एक्ट्रेसेस ने रोका सेरेमनी में सिंपल लुक से बिखेरे जलवे)

पारसी शादी के ट्रेडिशन और रस्में

1. दूल्हा और दुल्हन शादी के लिए ट्रेडिशनल पारसी कपड़ों में होते हैं तैयार

दुल्हन व्हाइट ओर्नेट सिल्क या शिफॉन साड़ी पहनती है, जिसे पारंपरिक तौर पर पारा गारा कहा जाता है। ये साड़ियां पीढ़ी दर पीढ़ी आगे पास की जाती हैं और ये पहनने में काफी कंफर्टेबल होती हैं। इस साड़ी को कुछ इस तरीके से लपेटा जाता है कि शादी में होने वाली हर एक रस्म में ये दुल्हन का सिर ढक सके। दुल्हन अपनी पारिवारिक विरासत के साधारण गहने और सासू मां की गिफ्ट की हुई लाल चूड़ियां हाथों में पहनती है। वहीं, दूसरी ओर दूल्हा एक पारसी डगली, एक व्हाइट ओवरकोट, एक फेटा (लॉन्ग ब्लैक ट्रेडिशनल पारसी टोपी) पहनता है। इसके साथ ही, वो एक व्हाइट कॉटन शर्ट कुर्ता और ब्लैक फॉर्मल जूतों के साथ अपने कंधों पर एक ऑफ-व्हाइट शॉल भी ओढ़ता है।

Parsian Wedding Rituals

2. पारसी वेडिंग में दूल्हा और दुल्हन के लिए तैयार किया जाता है स्टेज

पारसी वेडिंग्स में कपल के लिए व्हाइट और रेड स्टेज तैयार किया जाता है। इस दौरान दुल्हन की मां एक ट्रे कैरी करती है, जिसमें कुछ चावल, एक नारियल, खजूर, कच्चे अंडे और पानी रखा होता है। इसके बाद वो इन सारी चीजों को एक साथ अपने हाथों में लेकर दूल्हे के किनारे पानी डालती है और फिर इन सबको अपने से दूर फेंक देती है। दुल्हन के लिए दूल्हे की मां भी इस रस्म को रिपीट करती है। इस रस्म को अचु मिचू कहा जाता है और इसे दूल्हा-दुल्हन के पास आने वाली सारी निगेटिव ऊर्जाओं को भगाने के लिए निभाया जाता है।

3. जब दूल्हा और दुल्हन के बीच में रखा जाता है सफ़ेद पर्दा

दूल्हा और दुल्हन एक-दूसरे के आमने-सामने बैठते हैं और दोनों के बीच में एक सफ़ेद पर्दा रखा जाता है। इस रस्म को अरा अंतर कहते हैं।

4. जब दूल्हा और दुल्हन एक-दूसरे पर फेंकते हैं चावल

एक बार जब दूल्हा-दुल्हन के बीच में सफ़ेद पर्दा रख दिया जाता है, तब 7 शादीशुदा महिलाएं दोनों के चारों तरफ सात बार सफ़ेद धागा बांधती हैं। इसके बाद दूल्हा और दुल्हन को पर्दे के ऊपर से अपनी-अपनी मां के द्वारा दिए गए चावल एक-दूसरे पर फेंकने होते हैं। कहा जाता है कि, जो इसे पहले करता है वो ही अपनी पूरी गृहस्थी पर शासन करता है। सेरेमनी के दौरान, पारसी पंडित पारसी प्रार्थनाओं का उच्चारण करते रहते हैं।  

5. पारसी वेडिंग में एक-दूसरे को औपचारिक तरीके से अंगूठी पहनाना

इस दौरान कपल एक-दूसरे के पास बैठते हैं और उनके साइड में तेल के लैंप जले होते हैं। इसके बाद शादी को पूरा करने के लिए पंडित प्रार्थना और रस्मों की शुरुआत करते हैं। कपल आखिर में एक-दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं और आस-पास के सभी लोग दोनों पर चावल डालते हैं। इस रस्म को छेरो बंधवानु कहा जाता है।

पारसी शादी के बाद की रस्में और परंपराएं

1. जब दुल्हन की बहन कपल के साथ में बंधे धागों को खोलती है

हाथ बोर्वानु रस्म में, दुल्हन की बहन को कपल के हाथ में बंधे धागों को खोलना होता है और इसके बदले दूल्हे को अपनी साली साहिबा को कुछ रुपये देने होते हैं। दुल्हन की बहन ही साफ़ सफाई की रस्म को भी निभाती है और दूल्हे के हाथों को एक पानी के बाउल में रखती है।

2. जब दुल्हन की ननद दूल्हे को धमकाती है

दुल्हन की बहन के बाद दूल्हे से शरारत करने की बारी उसकी सगी बहन की आती है। इस रस्म को पग धोवनु रस्म कहते हैं और इसमें दूल्हे की बहन शरारती अंदाज में जूते पर दूध डाल देने की धमकी देती है, और अपने जूतों को बचाने के लिए दूल्हे को उसे गिफ्ट के तौर पर रूपए देने पड़ते हैं।

Parsi Wedding Rituals

3. कपल को जाना होता है अग्नि मंदिर

सारी रस्मों के बाद, शादीशुदा जोड़े को रेड और व्हाइट स्टेज से उतरकर भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए अग्नि मंदिर जाना होता है। वो अपने साथ वेडिंग सेरेमनी के दौरान साइड में रखे गए तेल के लैंप को भी अपने साथ ले जाते हैं। तेल के लैंप को मंदिर तक ले जाते हुए कपल को उसकी लौ के ऊपर गुलाब का फूल भी रखना होता है।

Parsi wedding rituals

4. पारसी वेडिंग के बाद की रिसेप्शन पार्टी

पारसी वेडिंग के इस ग्रैंड अफेयर का अंत एक दूल्हे की फैमिली की ओर से होस्ट की गयी रिसेप्शन पार्टी से होता है। साथ ही दूल्हे की मां अचु मिचू रस्म को कपल के घर आगमन पर दोबारा करती हैं।

तो इस तरह पारसी वेडिंग एक हफ्ते की लंबी रस्मों के बाद समाप्त हो जाती है। आपको पारसी वेडिंग में सबसे अच्छी रस्म कौन सी लगी? हमें कमेंट में जरूर बताएं, साथ ही कोई सुझाव हो तो अवश्य दें।

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