राज बब्बर-स्मिता पाटिल और नादिरा: ऐसा लव ट्राएंगल जिसने कई जिंदगियों पर डाला गहरा असर

अभिनेता राज बब्बर (Raj Babbar) को भला कौन नहीं जानता। इन्होंने दो शादियां की थी, ये भी सभी जानते हैं लेकिन यहां आज हम आपको इनके लव ट्राएंगल से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आपको झटका लग सकता है, तो आइए शुरू करते हैं इनकी प्रेम कहानी..

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By Shivakant Shukla Last Updated:

राज बब्बर-स्मिता पाटिल और नादिरा: ऐसा लव ट्राएंगल जिसने कई जिंदगियों पर डाला गहरा असर

बॉलीवुड अभिनेता और वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राज बब्बर (Raj Babbar) को भला कौन नहीं जानता। राज बब्बर ने दो शादियां की थी। ये भी सभी जानते हैं लेकिन यहां आज हम आपको इनके लव ट्राएंगल से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आपको झटका लग सकता है। दरअसल, राज बब्बर की लव स्टोरी ने कई जिंदगियों पर गहरा असर डाला, खासकर उनके बेटे प्रतीक बब्बर (Prateek Babbar) की जिंदगी को इस ट्राएंगल ने बहुत प्रभावित किया था। तो आइए शुरू करते हैं इनकी प्रेम कहानी...

ऐसे शुरू हुई प्रेम कहानी

देखा जाय तो इनकी प्रेम कहानी और करियर की शुरूआत एक साथ होती है। वह ऐसे कि राज बब्बर और उनकी पहली पत्नी नादिरा (Nadira Babbar) दोनों ही नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, दिल्ली के छात्र थे। नादिया राज बब्बर से 4 साल सीनियर थीं। जिस वक्त राज बब्बर थियेटर की दुनिया में अपना पांव जमाने की कोशिश कर रहे थे उस वक्त नादिरा अपने प्ले के लिए लिखती थीं और उन्हें निर्देशित भी करती थीं। नादिरा के लिखे एक प्ले में राजबब्बर को काम करने का मौका मिला और यहीं से शुरू हुई इन दोनों की लव स्टोरी, और ये लव स्टोरी आगे चलकर शादी में बदल गई। साल 1975 में राज बब्बर से शादी के बाद नादिरा ज़हीर बन गईं नादिरा बब्बर। (ये भी पढ़ें: बॉलीवुड के ऐसे 10 'खान' जिन्होंने हिंदू लड़कियों से की शादी, नहीं जानते होंगे आप) 

शादी के बाद दोनों दिल्ली में ही रहते थे और फिर करीब चार साल बाद 20 जुलाई 1979 को उनकी पहली बेटी जूही बब्बर का जन्म भी हुआ। ये वह समय था जब राज बब्बर पैसों की जबरदस्त किल्लत से गुजर रहे थे। इसी समय उन्होंने अपनी पुरानी स्कूटर 6000 रुपए में बेच दी, और वही पैसा अपनी पत्नी को देकर करियर बनाने के लिए मुंबई का रूख किए। राज बब्बर का फिल्म इंडस्ट्री में जल्द ही सिक्का चल पड़ा और फिर उन्होंने साल 1979 में अपनी पत्नी नादिरा को मुंबई आने के लिए कहा। हालांकि दिल्ली में काम की व्यवस्तता की वजह से नादिरा पूरी तरह से मुंबई में शिफ्ट नहीं हो पाईं। साल 1981 में इन दोनों के घर फिर खुशी आई और जन्म हुआ आर्य बब्बर का। इसी साल नादिरा ने मुंबई में अपना थियेटर ग्रुप ‘एकजुट’ बनाया। यह थियेटर ग्रुप आज भी मुंबई में काफी मशहूर है।

...और फिर शुरू हुई दूसरी प्रेम कहानी

मुंबई में ही साल 1982 में फिल्म ‘भीगी रातें’ की सेट पर अभिनेता राज बब्बर की मुलाकात अभिनेत्री स्मिता पाटिल से हुई। एक साक्षात्कार में इस मुलाकात के बारे में राज बब्बर ने बताया था कि ओडिशा के राउरकेला में फिल्म की शूटिंग के दौरान स्मिता से उनकी पहली मुलाकात हुई थी। हालांकि पहली मुलाकात के वक्त दोनों के बीच मजाक-मजाक में थोड़ी तकरार भी हुई थी लेकिन राज बब्बर ने खुद कहा था कि उस वक्त स्मिता पाटिल की जुबां से निकले शब्द ‘जाओ’ से मैं काफी प्रभावित हुआ था। पहली मुलाकात के बाद राज बब्बर इस बेहद ही खूबसूरत अभिनेत्री को दिल दे बैठे, और फिर दोनों ने शादी करने का फैसला लिया।  (ये भी पढ़ें: ट्विंकल खन्ना से पहले इन 7 हिरोइनों से अफेयर में रह चुके हैं अक्षय कुमार, यहां जानें आखिर कौन थीं वो)  

यहां आपको बता दें कि स्मिता पाटिल ने अपने कैरियर की शुरुआत 1975 में श्याम बेनेगल की फिल्म ‘चरणदास चोर’ से की थी। स्मिता ने अपने कैरियर में कुल 80 हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया था। उन्होंने ‘भूमिका’, आक्रोश, चक्र, मंडी, अर्द्धसत्य, जैसी कई फिल्मों में काम किया, जिसमें अपने शानदार अभिनय से उन्होंने दर्शकों का दिल जीत लिया था। इन्हें हिंदी फिल्म भूमिका और चक्र के लिए 1977 और 1980 में बेस्ट एक्ट्रेस का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला था। 

जब नादिरा को पता चला राज बब्बर की इस कहानी का तो...

इधर नादिरा को शुरू में जब राज बब्बर और स्मिता के रिश्ते के बारे में पता चला तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ। लेकिन जब राज ने खुद उनके सामने इस बात को स्वीकारा तो नादिरा टूट गईं। साल 2013 में एक इंटरव्यू में नादिरा ने कहा था कि- जब उन्होंने यह बात सुनी तो उनका सबसे बड़ा डर सच साबित हुआ। हालांकि, बाद में बच्चों के भविष्य के बारे सोचकर उन्होंने अपनी बिखरती जिंदगी को बड़ी मुश्किल से संभाला। उन्होंने बताया था कि- थियेटर और मेरे बच्चों ने मुझे संभाला। मैं अपने बच्चों की सुरक्षा के बारे में फिक्र करने लगी खासकर आर्य के बारे में क्योंकि वो उस समय युवा हो गया था।

महज 31 वर्ष की उम्र में स्मिता का निधन हो गया

राज बब्बर से शादी रचाने के बाद स्मिता की जिंदगी में भी कई सारी समस्याएं आईं। इसके लिए स्मिता को कई ताने भी सुनने पड़े थे। कई लोग स्मिता को होम ब्रेकर (घर तोड़ने वाली) कहने लगे। स्मिता पाटिल ने 13 दिसंबर 1986 को अपने बेटे प्रतीक बब्बर को जन्म दिया लेकिन बच्चे के जन्म के समय हुई जटिलताओं के कारण महज 31 वर्ष की उम्र में स्मिता का निधन हो गया। उस वक्त प्रतीक मात्र 15 दिन के थे। स्मिता के निधन से राज बब्बर को गहरा सदमा लगा। और फिर उस मुश्किल वक्त में नादिरा ने ना सिर्फ राज बब्बर को संभाला बल्कि अपनी बाहें खोलकर उन्हें अपनाया भी। (ये भी पढ़ें: सारा अली खान की ये फोटो देख चक्कर खा जाएंगे आप, अब्बू सैफ अली खान की तीसरी गर्लफ्रैंड भी हैं साथ)   

बेटे प्रतीक को मां की मौत ने नशे में झोंक दिया

इधऱ, स्मिता और राज के बेटे प्रतीक बब्बर अपने दादा-दादी के पास परवरिश के लिए चले गए। लेकिन छोटी उम्र में मां के निधन और पिता से अलगाव ने प्रतीक को मानसिक रुप से तोड़ डाला। एक इंटरव्यू के दौरान प्रतीक ने कहा था कि- ''मेरे पिता मुझे समय नहीं देते और वह अपनी दूसरी फैमिली के साथ बिजी रहते हैं। उनसे मिलने के लिए मुझे उनके घर जाना पड़ता है। पता नहीं क्यों मेरी मां की डेथ हो गई।'' प्रतीक ने खुद बताया था कि- रिश्तों में बिखराव की वजह से वो कम उम्र में ही नशे के आदी हो गए थे। प्रतीक बुरी तरह से ड्रग्स के चंगुल में फंस गए थे। लेकिन दादी के निधन के बाद प्रतीक धीरे-धीरे अपने पिता के करीब आए और फिर धीरे-धीरे वो इस लत से बाहर आ सके।

2016 में प्रतीक ने अपनी मां के पुण्यतिथि पर लिखा था एक इमोशनल नोट

अपनी माँ की पुण्यतिथि पर, प्रतीक ने लिखा: ''मेरी माँ आज ही मर गई।'' 30 साल पहले 13 दिसंबर को। स्मिता की आत्मा अभी भी जीवित है.. और गर्व और सम्मान और गरिमा के साथ रहती है। 30 साल बाद स्मिता अभी भी एक पूरे देश को मिस करने का प्रबंधन करती है। लोगों के लिए उसने जो अद्भुत काम किए। वह वास्तव में विशेष थी। एक परी जो भगवान ने भेजा था। लेकिन तब देवता लालची हो गए और उसे अपने लिए रखना चाहते थे। उसने हमें हमेशा इतना गौरवान्वित किया है और हमें गौरवान्वित करती रहेगी और बहुतों को प्रेरित करती रहेगी। R.I.P. स्मिता पाटिल 1955-1986। मैं उससे प्यार करता हूँ। मैं आभारी हूं कि मैं उनका बेटा हूं। एक महान महिला का बेटा, एक सच्चा आइकन। मैं उन्हें गर्व महसूस कराऊंगा! और जब तक मैं नहीं करूंगा, मैं आराम नहीं करूंगा ।''

तो ये राज बब्बर, स्मिता पाटिल और नादिरा बब्बर के बीच का दुखद लव ट्राएंगल था। राज की बेवफाई न केवल नादिरा के लिए आजीवन आघात का कारण बनी, बल्कि प्रतीक बब्बर के लिए भी। दोस्तों आप इस दुखद प्रेम कहानी के बारे में क्या सोचते हैं? अपनी राय हमें दें, साथ ही कोई सलाह हो तो अवश्य दें।

(फोटो क्रेडिट: इंस्टाग्राम)
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