रामायण की 'मंथरा' ललिता पवार की लव लाइफ: एक्ट्रेस की बहन ही बन गई थी उनकी सौतन, ऐसी है स्टोरी

आज हम आपको बताएंगे बॉलीवुड एक्ट्रेस ललिता पवार की निजी जिंदगी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे अब तक काफी लोग अनजान हैं।

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By Vidushi Gupta Last Updated:

रामायण की 'मंथरा' ललिता पवार की लव लाइफ: एक्ट्रेस की बहन ही बन गई थी उनकी सौतन, ऐसी है स्टोरी

क्या होता अगर भगवान राम 14 सालों के लिए वनवास पर न जाते और अयोध्या में ही रहते? अगर ऐसा होता, तो हिन्दुओं की पौराणिक कथा ‘रामायण’ में होनी वाली घटनाएं नहीं होतीं और अत्याचारी रावण का कभी अंत न हुआ होता। इसके साथ ही, अगर भगवान राम की तीसरी मां कैकेयी को उनकी दासी मंथरा लगातार उन्हें वनवास भेजने के लिए न उकसाती, तो शायद ‘रामायण’ जिसे आज हम बड़े चाव से पढ़ते हैं, वो कभी न बनती। तो इस लिहाज से अगर देखा जाए तो ‘मंथरा’ ही इस पौराणिक कथा की मेन विलेन थी, जिसने रामानंद सागर के सीरियल ‘रामायण’ में भी अपनी दमदार एक्टिंग से लोगों को उनसे नफरत करने पर मजबूर कर दिया था। जी हां, हम बात कर रहे हैं एक जमाने में बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस ललिता पवार (Lalita Pawar) की, जिन्होंने ‘मंथरा’ के किरदार से खूब लोकप्रियता हासिल की थी और आज भी लोग उन्हें भूले नहीं हैं।

ललिता एक ऐसी एक्ट्रेस रही हैं, जिन्होंने अपने एक्टिंग के करियर में सफलताओं का ख़ूब स्वाद चखा है। ‘श्री 420’, ‘दहेज़’, ‘नेताजी पालकर’, ‘अनाड़ी’ जैसी फिल्मों और कई टीवी सीरियल्स में अपने दमदार अभिनय का लोहा मनवा चुकीं ललिता की गिनती उस दौर की सर्वश्रेष्ठ एक्ट्रेसेस में की जाती है। हालांकि, ललिता की प्रोफेशनल लाइफ के बारे में तो सब जानते हैं, लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ एक किताब के खोए हुए पन्नों की तरह रह गई, जिससे शायद ही कोई वाकिफ हो। तो आज हम आपको एक्ट्रेस की लाइफ के पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों पहलुओं से रूबरू कराएंगे। (ये भी पढ़ें: साजिद नाडियाडवाला से शादी के एक साल अंदर ही दिव्‍या भारती की हो गई थी मौत, ऐसी रही लाइफ)

18 अप्रैल 1916 में नाशिक में जन्मीं ललिता का शुरुआती नाम अंबा लक्ष्मण राव शगुन था, जो एक अमीर सिल्क के व्यापारी की बेटी थीं। एक बार फिल्म स्टूडियो में जाकर यंग ललिता ने डायरेक्टर से उनकी फोटोग्राफ खींचने की रिक्वेस्ट की ताकि वो खुद को स्क्रीन पर देख सकें। इस दौरान डायरेक्टर उनकी स्क्रीन अपीयरेंस से इतने खुश हुए कि उन्होंने ललिता को अपनी अगली फिल्म के लिए साइन कर लिया और यहीं से एक्ट्रेस के एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के सफ़र की शुरुआत हुई। ललिता के सिर पर एक्टिंग का इस कदर जूनून था कि उन्होंने मात्र 9 साल की उम्र से काम करना शुरू कर दिया था। एक्ट्रेस ने अपना डेब्यू वाई. डी सरपोतदर की साल 1928 में आई साइलेंट फिल्म ‘राजा हरिशचंद्र’ से किया था और उसके बाद अपने साल 1988 तक के करियर में एक्ट्रेस ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।

ललिता का करियर ग्राफ तेजी से छलांग मार रहा था कि तभी एक्ट्रेस साथ हुए एक हादसे ने उनकी पूरी जिंदगी तितर-बितर करके रख दी। साल 1942 में एक्ट्रेस अपनी फिल्म ‘जंग-ए-आजादी’ की शूटिंग कर रही थीं। इस फिल्म में एक सीन में उनके को-एक्टर भगवान दादा को ललिता के गालों पर एक जोरदार थप्पड़ मारना था। इस सीन की शूटिंग के समय दादा ने ललिता को इतनी तेज थप्पड़ मार दिया कि उनके कानों से खून निकलने लगा और उनकी दाहिनी आंख की नस बुरी तरह से फट गई। इसके बाद उनको हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया, लेकिन गलत ट्रीटमेंट होने के चलते उनकी राइट साइड की पूरी बॉडी कुछ सालों के लिए पैरालाइज हो गई। उनके इस एक्सीडेंट का इलाज लगभग 3 सालों तक चलता रहा, जिसने उनके फ़िल्मी करियर में बड़ा बदलाव आया। (ये भी पढ़ें: जब मीरा राजपूत के साथ कुछ लोगों ने की थी गलत हरकत करने की कोशिश, पति शाहिद कपूर ने बताया वाकया)

ललिता को जहां पहले लीड रोल के ऑफर आते थे, वहीं इलाज के बाद उन्हें कैरेक्टर रोल मिलने लगे। हालांकि, ऐसी स्थिति में जहां किसी का भी मनोबल टूट जाता, वहां उससे उलट ललिता पवार ने ये मौका हाथ से न गंवाते हुए कई फिल्मों में बतौर सपोर्टिंग एक्ट्रेस के रोल अदा कर जबरदस्त कमबैक किया। इस दौरान ललिता को एक सख्त और डोमिनेटिंग सासू मां के रोल मिलने लगे, जिसने उनकी छवि को विलेन के रूप में स्थापित कर दिया। ये उनकी निगेटिव रोल ही थे, जिसके चलते उन्हें रामानंद सागर की रामायण में मंथरा के किरदार के लिए चुना गया। यहां पर भी उनकी एक्टिंग को खूब सराहना मिली।

लेकिन वो कहते है न कि जिसकी जिंदगी जितनी बाहर से खूबसूरत दिखती है, उसकी जिंदगी में अंदर उतने ही गहरे राज दफ़न होते हैं। ऐसा ही कुछ ललिता के साथ भी था, अपनी प्रोफेशनल लाइफ से उलट एक्ट्रेस ने अपनी निजी जिंदगी में अपनों से ही धोखे खाए। दरअसल, 1930 के करीब एक्ट्रेस ने फिल्म मेकर गणपत राव से शादी की थी। सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन एक दिन ललिता को गणपतराव के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की बात पता चली। दुख की बात तो ये थी कि ललिता की छोटी बहन ही उनकी सौतन बन चुकी थी। पति गणपतराव का अफेयर ललिता की ही छोटी बहन से चल रहा था। इस बात की भनक लगते ही एक्ट्रेस ने अपने पति से तलाक ले लिया। इसके बाद ललिता ने राज कुमार गुप्ता से दूसरी शादी की, वो भी एक फिल्ममेकर थे। इस शादी से उनको एक बेटा जय पवार है, जो मौजूदा समय में एक प्रोड्यूसर है। (ये भी पढ़ें: पिता राज कपूर, मां कृष्णा और बहन रितु के साथ रणधीर कपूर के बचपन की अनदेखी तस्वीर आई सामने)

शादी के बाद ललिता को जबड़े का कैंसर हो गया। इसके बाद वो पुणे शिफ्ट हो गईं। उस वक्त एक बार एक्ट्रेस ने कहा था, ‘शायद इतने खराब लोगों के रोल किए, उसी की सजा भुगत रही हूं।’ 24 फरवरी 1998 को पुणे के अपने बंगले आरोही में ललिता की मौत हो गई। उस वक्त वो अकेली थीं और उनका परिवार उनके साथ नहीं था। जब बेटे ने फोन किया, तो घर में किसी ने कॉल नहीं उठाया। जब परिवार के लोग घर आए, तो ललिता को मरे हुए तीन दिन हो चुके थे।

फ़िलहाल, फ़िल्मी दुनिया की चकाचौंध जितनी दूर से खूबसूरत लगती है, अंदर से वो इंसान को धीरे-धीरे खोखला करती चली जाती है। ललिता ने एक्टिंग के जरिए भले ही सैकड़ों लोगों के दिलों में कितनी गहरी छाप छोड़ी हो, लेकिन आखिरी वक्त में उनके अपने तक एक्ट्रेस के पास नहीं थे। तो आपको हमारी ये स्टोरी कैसी लगी? हमें कमेंट में जरूर बताएं, साथ ही कोई सुझाव हो तो अवश्य दें।

(फोटो क्रेडिट-इंस्टाग्राम)
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