जब लता मंगेशकर अपने पहले स्टेज शो में पिता दीनानाथ की गोद में ही लगी थीं सोने, सुनाया था किस्सा

लता मंगेशकर ने एक थ्रोबैक इंटरव्यू में अपने पहले क्लासिकल परफॉर्मेंस का किस्सा सुनाया था, जब वह स्टेज पर ही सो गई थीं। आइए आपको इसके बारे में बताते हैं।

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By Shivakant Shukla Last Updated:

जब लता मंगेशकर अपने पहले स्टेज शो में पिता दीनानाथ की गोद में ही लगी थीं सोने, सुनाया था किस्सा

स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का पार्थिव शरीर भले ही हमारे बीच में अब नहीं है, लेकिन वह अप्रत्यक्ष रूप से हमेशा सभी के दिलों में जिंदा रहेंगी। लता मंगेशकर के बारे में किसी को कुछ बताने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बेहद कम उम्र में ही स्टेज शो करना शुरू कर दिया था और 92 साल की अपनी जीवन यात्रा में लता जी ने हजारों गानों में अपनी आवाज दी। जहां उनके कुछ गीत अमर हो गए, वहीं कुछ गीतों के जरिए वह लोगों के दिलों में आज भी बसी हुई हैं।

Lata Mangeshkar

'भारत रत्न' लता मंगेशकर ने जावेद अख्तर के साथ एक बातचीत में अपनी लाइफ से जुड़ा एक मजेदार किस्सा सुनाया था, जो उनके पहले शो का था। उन्होंने कहा था, 'मेरे पिताजी की ड्रामा कंपनी थी, तो घर में लोगों का आना-जाना गाना-बजाना लगा रहता था। मैं सब सुनती रहती थी, लेकिन पिताजी के सामने कभी नहीं गाती थी। हमारा किचन बहुत बड़ा था और वहां बर्तन रखने का एक स्टैंड था और मैं उस पर चढ़कर बैठती थी। जब मां कुछ बनाती रहती, तो मैं उन्हें अपना गाना सुनाया करती थी। मुझे सहगल साहब का गाना बहुत पसंद था, मैं वही गाया करती थी, तो मां कहती कि, 'तू मेरा सिर मत खा, चली जा यहां से।'

lata mangeshkar

लता ने आगे बताया था कि, 'एक दिन मेरे पिताजी किसी को गाना सिखा रहे थे और शाम का वक्त था, तो वह थोड़ी देर के लिए नीचे गए। मैं गैलरी में खेल रही थी, तब मैं करीब 5 साल की थी। वो जो गाने का प्रैक्टिस कर रहा था, मैंने सुना, वो मुझे अच्छा नहीं लगा। मैं अंदर गई, मैंने उनसे कहा- 'बाबा ऐसा नहीं गाते' और गाकर बताया कि, वो ऐसा गाते हैं। तभी मेरे पिताजी वहां अंदर आए और उन्होंने मुझे सुन लिया। मैं वहां से भागी। तब पिताजी ने मां से कहा, 'घर में गवैया बैठा है, तो मैं बाहर क्यों सिखा रहा हूं लोगों को।' दूसरे दिन उन्होंने मुझे सुबह 6 बजे उठाया और कहने लगे, 'तानपुरा उठाओ और बैठो मेरे सामने।' जो राग उन्होंने उसे सिखाया था, वही स्टार्ट किया और मैंने तब से उनसे सीखना शुरू किया।'

Lata  Mangeshkar

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लता ने आगे बताया था कि, उन्होंने 9 साल की उम्र में गाना शुरू किया था। उन्होंने कहा था कि, उस समय उनका परिवार सोलापुर में रहता था। तब कुछ लोग उनके पिताजी के पास आए और उनसे कहा कि, वे उनका एक क्लासिकल प्रोग्राम थिऐटर में रखना चाहते हैं। इस पर उनके पिताजी ने हामी भर दी। लता ने पिताजी और और उनलोगों की बातें सुनीं। बाद में उन्होंने अपने पिताजी से कहा कि, वह भी गाना चाहती हैं। लता जी की बातें सुनकर उनके पिताजी ने कहा कि, वह तो अभी छोटी हैं, वो क्या गाएंगी। लेकिन लता मंगेशकर ने अपनी जिद कर ली, तो पिताजी ने उनसे पूछा, कौन सा राग गाएगी? इस पर लता ने कहा, 'मैं खंबावती गाऊंगी, जो आप सिखा रहे थे।' लता मंगेशकर ने बताया, 'शो रात को था, तो पिताजी ने कहा- तू पहले गा। मैंने गाया और लोगों को यह बहुत अच्छा लगा। फिर पिताजी आए और उन्होंने गाया। वो जब गा रहे थे, तो मैं पिताजी की गोद में सिर रखकर सो गई। तो ये मेरा पहला प्रोग्राम था।'

Lata Mangeshkar

एक बार लता मंगेशकर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर अपने इस शो की तस्वीर भी शेयर की थी। लता मंगेशकर ने अपनी यह तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा था, 'आज हमारे परिचित उपेन्द्र जी का फोन आया, उन्होंने मुझे बताया कि, आपने अपना पहला क्लासिकल परफॉर्मेंस पिताजी के साथ 9 सितम्बर 1938 को सोलापुर में दिया था। यह फोटो उस वक्त शो पब्लिलिटी के लिए खिंचवाई थी। यकीन नहीं होता कि, गाते हुए 83 साल हो गए।'

लता जी की पर्सनल लाइफ के बारे में बात करें तो, 28 सितंबर 1929 को इंदौर में जन्मीं लता का असली नाम ‘हेमा मंगेशकर’ है। उनकी तीन छोटी बहनें मीना खडीकर, आशा भोसले, उषा मंगेशकर और छोटे भाई हृदयनाथ मंगेशकर हैं, जो म्यूजिक इंडस्ट्री में काबिज हैं। सभी भाई-बहनों में सबसे बड़ी लता मंगेशकर को संगीत का गुण उनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर से मिला था, जो खुद एक मराठी और कोंकणी संगीतकार, गायक व अभिनेता थे। पिता के निधन के बाद लता ने अकेले अपने परिवार की देखभाल की थी।

Lata Mangeshkar With Her Sisters And Brother

लता मंगेशकर ने अपनी लाइफ में कभी शादी नहीं की। बताया जाता है कि, उन्हें दिवंगत क्रिकेटर और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष राज सिंह से प्यार हो गया था, जो डूंगरपुर के महाराजा भी थे। हालांकि, उन्हें लाइफ में उनका प्यार नहीं मिला। वहीं, कुछ रिपोर्ट की मानें तो, भाई-बहनों की जिम्मेदारी ने उन्हें शादी करने का मौका नहीं दिया।

Raj Singh And Lata Mangeshkar

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वर्क फ्रंट की बात करें तो, लता मंगेशकर ने अपने करियर में कई भाषाओं में गाने गाए हैं। उन्होंने हिंदी सिनेमा के हजारों गानों में अपनी आवाज दी है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि, जब सिंगर ने पहली बार फिल्म इंडस्ट्री में बतौर सिंगर कदम रखने का फैसला किया था, तब उनकी आवाज को ‘बहुत पतला’ कहकर रिजेक्ट कर दिया गया था।

Lata Mangeshkar

इसके बाद लता मंगेशकर के मेंटर गुलाम हैदर ने उन्हें गाना ‘दिल मेरा तोड़ा’ से ब्रेक दिया था और इस गाने की सफलता ने सिंगर की किस्मत खोल दी थी। लता अपने कई इंटरव्यूज में गुलाम हैदर को अपना ‘गॉड फादर’ कह चुकी हैं। लता मंगेशकर ने ‘ऐसा देश है मेरा’, ‘मेहंदी लगा के रखना’, ‘आंखें खुली’, ‘कल हो ना हो’, ‘एक प्यार का नगमा है’, ‘दीदी तेरा देवर दीवाना’, ‘ये गलियां ये चौबारा’, ‘लग जा गले’, और ‘लो चली मैं’ जैसे कई सदाबहार गानों से लोगों को अपना दीवाना बनाया है। वो 'भारत रत्न', 'पद्म भूषण', 'फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट', 'दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड' और 'पद्म विभूषण' जैसे देश के सबसे बड़े अवॉर्ड्स से भी नवाजी जा चुकी हैं।

Lata Mangeshkar

फिलहाल, लता मंगेशकर हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगी। तो आपको हमारी ये स्टोरी कैसी लगी? हमें कमेंट करके जरूर बताएं, साथ ही हमारे लिए कोई सलाह हो तो अवश्य दें।

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