जब राज कपूर की बेटी रीमा ने पिता के लिंकअप रूमर्स पर की थी बात, पेरेंट्स की लव स्टोरी भी की थी शेयर

आइए आज आपको रीमा जैन के उस इंटरव्यू के बारे में बताते हैं, जब उन्होंने पिता राज कपूर के लिंकअप रूमर्स पर अपना रिएक्शन दिया था।

img

By Vidushi Gupta Last Updated:

जब राज कपूर की बेटी रीमा ने पिता के लिंकअप रूमर्स पर की थी बात, पेरेंट्स की लव स्टोरी भी की थी शेयर

क्या आप जानते हैं कि ‘हिंदी सिनेमा के शोमैन’ कहे जाने वाले एक्टर राज कपूर (Raj Kapoor) ने अपनी फिल्म में लीडिंग लेडीज को व्हाइट कपड़े पहनने के लिए कहा था? क्या आपको पता है कि राज कपूर अपनी सोलमेट कृष्णा कपूर से कैसे मिले? क्या आप इस बात से वाकिफ हैं कि राज कपूर अपनी बेटी रीमा जैन (Rima Jain) के नाराज होने पर उनसे माफ़ी मांगने के लिए उन्हें नोट्स लिखा करते थे? इन सभी सवालों का एक बार रीमा जैन ने जवाब दिया था। साथ ही उन्होंने अपने पिता के फैमिली के बाकी सभी मेंबर्स के साथ इक्वेशन के बारे में भी बात की थी। आइए आज आपको इसके बारे में बताते हैं।

rima jain with raj kapoor

पहले ये जान लीजिए कि, 14 दिसंबर 1924 को जन्मे राज कपूर अपने भाई-बहनों में सबसे बड़े थे और देवन बशेश्वरनाथ कपूर के पोते और देवन केशवमल कपूर के परपोते थे। उन्होंने अपना बॉलीवुड में डेब्यू साल 1935 में आई फिल्म ‘इंकलाब’ से मात्र 10 साल की उम्र में किया था। इसके बाद 1947 उन्हें अपनी फिल्म ‘नीलकमल’ से बड़ा ब्रेक मिला था। राज कपूर हिंदी सिनेमा की दुनिया को अलग ही लेवल पर ले गए थे। कृष्णा कपूर से शादी होने के बाद राज के पांच बच्चे हुए, जिनका नाम ऋषि कपूर, रणधीर कपूर, राजीव कपूर, ऋतू कपूर और रीमा कपूर है। इनमें से ऋषि, राजीव और ऋतु कपूर अब इस दुनिया में नहीं हैं।  

raj kapoor family

अब आपको रीमा जैन के थ्रोबैक इंटरव्यू के बारे में बताते हैं। दरअसल, ‘याहू’ को दिए गए अपने इंटरव्यू में रीमा ने कहा था, “हम घर पर उनकी पॉपुलैरिटी के बारे में नहीं पता था। हमने इसे महसूस किया जब हम घर से बाहर गए। जिस तरीके से लोग उन्हें प्यार करते थे और हमें जिस तरीके से प्यार मिला, वो सब उनकी वजह से है। साल 1959 में आई फिल्म ‘अनाड़ी’ का गाना 'किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार’ उनकी फिलोसोफी का सार है। वो लोगों के चेहरे पर स्माइल लाना चाहते थे और अपनी फिल्मों के जरिए उनकी चिंताएं भुला देते थे। लेकिन उसी सेम टाइम पर उन्होंने लोगों को क्राइम और गरीबी जैसे मुद्दे (आवारा 1951), डकैत का सरेंडर करना (जिस देश में गंगा बहती है 1960), विधवा की दोबारा शादी (प्रेम रोग 1982) और कई सारी चीजों के बारे में जागरूक भी करवाया।”

(ये भी पढ़ें: प्यार और इकरार के बाद भी अधूरी थी राज कपूर-नरगिस की प्रेम कहानी, जानिए क्यों)

raj kapoor

रीमा जैन ने अपने पिता के संग अपने रिलेशनशिप के बारे में भी बात की थी। उन्होंने कहा था, “मैंने सबसे ज्यादा पापा के साथ टाइम स्पेंड किया है, क्योंकि मैं ही थी जिसकी उनके निधन के बाद शादी हुई थी। हमारी लड़ाइयां बिल्कुल हुई थीं। कभी-कभी वो ज्यादा पी लेते थे और अजीब हो जाते थे। वो एक गलत बयान देते थे और फिर हम लड़ाई कर लेते थे। मैं दरवाजा पटककर अपने कमरे की ओर चली जाती थी। मैं ही ऐसी शख्स थी, जो ऐसा कर सकती थी। बाकी लोग उनसे डरते थे। लेकिन इस बारे में वो काफी नरम थे, वो कभी बुरा नहीं मानते थे। इसके बाद वो मुझे सॉरी वाले नोट्स भेजते थे। वो चीजें लिखते थे, जैसे- “अभी तुम मुझसे अपसेट हो, लेकिन जब मैं नहीं रहूंगा तब तुम मुझे याद करोगी।” बिल्कुल अभी ऐसा ही हो रहा है। शराब उनसे वो चीजें कहलवाती थी, जो वो शायद कभी नहीं कह पाते। उनके लिए सब कुछ इमोशन के बारे में था। साथ ही, उन्हें चीजों के बारे में पूर्वाभास था। जैसे वो हमेशा कहते थे ‘अगर।।।।मैं तुम्हारी शादी तक जिंदा रहा।” वो ‘अगर’ अलौकिक था। मेरी शादी उनके निधन के 6 महीने बाद हुई थी।”

raj kapoor

इसके अलावा, राज कपूर और कृष्णा कपूर की लव स्टोरी के बारे में खुलासा करते हुए रीमा ने बताया था कि, वो हमेशा हीरोइनों को व्हाइट कपड़े पहनने को क्यों कहते थे। रीमा जैन ने बताया था, “पापा ने पहली बार मां को जबलपुर, उनके घर में देखा था, जहां वो प्रेमनाथ जी (कृष्णा के भाई) के साथ गए थे। वहीं खिड़की से उन्होंने एक महिला को सफ़ेद साड़ी में सितार बजाते हुए देखा। उन्हें वो बिल्कुल मां सरस्वती की तरह प्योर लगीं। वो इमेज उनके दिमाग में बस गई। वो चाहते थे कि, उनकी लीडिंग हीरोइनें भी यही शुद्धता झलकायें। इसलिए, वो उन्हें व्हाइट ड्रेस पहनने को कहते थे। मेरी मां ने हमेशा व्हाइट साड़ी पहनी, हालांकि उनकी सलवार कमीज कलर्ड थीं। पापा शोमैन थे। लेकिन मेरी मां शोगर्ल नहीं थीं। वो परदे के पीछे की मूवर और शेकर थीं। वो लैविश पार्टीज करती थीं, जिसमें अच्छा खाना सर्व होता था और ड्रिंक्स होती थीं। लेकिन वो मेरी मां थीं, जो हर मेहमान को पर्सनल अटेंशन देती थीं, वहीं वो सिर्फ झूले पर बैठ जाते थे और सबको ग्रीट करते थे। कभी वो ड्रिंक्स के बाद उनसे लड़ाई करते थे, लेकिन उन्होंने हमेशा मेरी मां की अखंडत़ा की भावना की इज्जत की।”

(ये भी पढ़ें: बॉलीवुड के 12 फेमस लव ट्रायंगल जिनकी वजह से खराब हो गए कई रिश्ते)

raj kapoor with his wife krishna kapoor

राज कपूर के लिंकअप रूमर्स के बारे में बात करते हुए रीमा जैन ने बताया था, “उन्हें अपनी हीरोइनों से जोड़ने की अफवाहों के बारे में बात करें तो...ये हर महिला के लिए नॉर्मल बात है..जब आप अपने हसबैंड के बारे में रूमर्स सुनते हैं, तो आप उनसे लड़ेंगे, उनसे कुछ समय के लिए दूर हो जाएंगे..लेकिन एक चीज निश्चित थी- मेरे पिता ने अपनी वाइफ से प्यार किया था। पापा अपने काम के लिए सेल्फिश थे। वह अपने काम के प्रति जुनूनी थे, और लीडिंग महिलाएं उनके लिए जूनून बन गईं, क्योंकि वो उनके काम का हिस्सा था। वंडरफुल आर्टिस्ट होने पर उन्होंने मेरे पिता को भी बहुत कुछ दिया। लेकिन पापा किसी के साथ नहीं बल्कि अपनी वाइफ के साथ प्यार में थे। वो हमेशा उनके पास जाते थे।”

raj kapoor and krishna kapoor

राज कपूर के अपने बेटों रणधीर कपूर, राजीव कपूर और ऋषि कपूर संग बॉन्ड के बारे में बात करते हुए रीमा जैन ने कहा था, “पापा जब डब्बू (रणधीर) या चिम्पू (राजीव) के साथ होते थे, तो वो रिलैक्स होते थे, लेकिन चिंटू (ऋषि) के साथ वो कभी नहीं रिलैक्स रहते थे। बतौर आर्टिस्ट वो उनकी काफी इज्जत करते थे। वो कहते थे कि, डब्बू एक महान प्रोड्यूसर होंगे, चिम्पू डायरेक्टर होंगे, लेकिन चिंटू एक डायरेक्टर की ख़ुशी- एक फाइन एक्टर। चिंटू अपने पापा की तरह ही म्यूजिक सुनते थे।”

(ये भी पढ़ें: आखिर क्यों पिता राज कपूर से राजीव कपूर को थी इतनी नाराजगी? अंतिम संस्कार में भी नहीं हुए थे शामिल)

raj kapoor family

एक तरफ राज कपूर चाहते थे कि उनके बेटों, रणधीर कपूर, राजीव कपूर और ऋषि कपूर में महत्वाकांक्षा हो, वहीं दूसरी तरफ उनके मन में अपनी बेटियों रीमा कपूर और ऋतू कपूर के लिए सॉफ्ट कॉर्नर था। रीमा ने बताया था, “पापा हम लड़कियों के लिए नर्म थे। वो हमें महिला की तरह रखना चाहते थे। वो चाहते थे कि, हमें सही वैल्यूज मिलें। वो हमारे लिए लविंग और प्रोटेक्टिव थे। म्यूजिक की तरफ आकर्षित होने के चलते, उन्होंने हमें पियानो प्ले करना और बैलेट डांस करना सिखाया। वो चाहते थे कि, उनके बेटों में आग और लक्ष्य हो। उनके पिता (पृथ्वीराज कपूर) ने उनको पीछे लात मारकर कहा था कि, जाओ अपनी जिंदगी बनाओ। पापा हमें कहते थे, “आप बच्चे चांदी के चम्मच के साथ पैदा हुए हो, जबकि मेरे साथ ऐसा नहीं था”।”

kapoor sons childhood photo

फिलहाल, ये बात तो साफ़ है कि राज कपूर वास्तव में हिंदी सिनेमा के शोमैन थे। तो आपको रीमा जैन का इंटरव्यू कैसा लगा? हमें कमेंट में जरूर बताएं, साथ ही कोई सुझाव हो तो अवश्य दें।  

(फोटो क्रेडिट-इंस्टाग्राम)
BollywoodShaadis.com © 2024, Red Hot Web Gems (I) Pvt Ltd, All Rights Reserved.