By Pooja Shripal Last Updated:
आमिर खान (Aamir Khan) बॉलीवुड के वह एक्टर हैं, जिन्हें 'मिस्टर परफेक्शनिस्ट' कहा जाता है। दरअसल, वह अपने हर रोल में कुछ इस तरह ढल जाते हैं कि उनका हर किरदार पर्दे पर जीवित हो जाता है। आज बॉलीवुड में वह टॉप और सफल एक्टर्स की लिस्ट में शुमार हैं। हालांकि, अपने शुरुआती दिनों में उन्होंने काफी संघर्ष झेला है। हाल ही में, अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी पहली सैलरी और अपनी पहली ब्लॉकबस्टर फिल्म 'कयामत से कयामत तक' से मिले स्टारडम के बारे में बात की।
दरअसल, आमिर खान ने 90 के दशक की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'क़यामत से क़यामत तक' के साथ एक लीड हीरो के रूप में अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी और रातों-रात स्टार बन गए थे। इसके तुरंत बाद, आमिर ने कई ऐसे फिल्म मेकर्स के साथ 9 फिल्मों में काम किया, जो बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर पाईं।
'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' के साथ अपने लेटेस्ट इंटरव्यू में आमिर खान ने अपनी पहली सैलरी के बारे में बात की। अभिनेता ने खुलासा किया कि हालांकि 'कयामत से कयामत तक' के रिलीज होने के बाद उन्हें सात 'फिल्मफेयर पुरस्कार' मिले थे, फिल्म बनाते समय वह केवल एक्सपीरियंस लेने के बारे में सोच रहे थे। यह साझा करते हुए कि उनका मासिक वेतन केवल 1000 रुपए था, आमिर ने कहा, "मुझे पुरस्कारों की परवाह नहीं है। मुझे ऐसा नहीं बोलना चाहिए था, लेकिन मुझे अवॉर्ड्स को लेकर संदेह था। मेरे मन में उनके लिए इतना सम्मान नहीं था। उन्हें जीतना मेरे लिए इतना बड़ा पल नहीं था, लेकिन फिल्म बनाने का अनुभव मेरे लिए बहुत बड़ा पल था। मंसूर खान बहुत अच्छे निर्देशक हैं, बहुत अच्छे दिमाग के हैं। मैंने बहुत कुछ सीखा, मेरी ग्रोथ बहुत तेज थी। मैं उस सेट पर सिर्फ उनका अभिनेता ही नहीं था, मैं पहला AD भी था। मैंने एक महीने में 1000 रुपए कमाए और उस दौरान मेरे लिए इतना काफी था।'' जब कर्ज में डूबा हुआ था आमिर खान का परिवार, आर्थिक तंगी के दिनों को याद कर हुए भावुक, पढ़ें पूरी खबर
उसी इंटरव्यू में आमिर ने बताया कि कैसे रातोंरात स्टारडम के स्वाद ने उनकी जिंदगी बदल दी थी। जैसे-जैसे लोग और युवा सिनेमाघरों में आने लगे, तो वे आमिर को उनकी एक झलक से ही पहचानने लगे थे। इसकी वजह से आमिर का पब्लिकली ट्रेवल करना काफी मुश्किल हो गया था। "जब 'कयामत से कयामत तक' रिलीज हुई और लोग सिनेमाघरों में उमड़ पड़े, तो मैं चौंक गया, मुझे लगा कि मेरा काम बहुत औसत है। मुझे जूही (जूही चावला) और मंसूर का काम पसंद आया, लेकिन मेरा नहीं। इसलिए मेरी पहली फिल्म सुपरहिट रही और मैं रातों-रात स्टार बन गया। मुझे नहीं पता था कि स्टारडम क्या होता है, लेकिन चीजें बदल गईं, क्योंकि मैं अब स्वतंत्र रूप से ट्रेवल नहीं कर सकता था।''
अपनी पहली फिल्म के बाद मिली जबरदस्त फैन-फॉलोइंग के बारे में बात करते हुए आमिर ने कहा कि लोग उन्हें पहचानने लगे थे और उनके सड़क से गुजरने पर ट्रैफिक लग जाया करता था। आमिर ने कहा, “लोग मुझे पहचानने लगे थे। फिर मैंने एक पुराना फिएट उधार लिया, लेकिन उसमें भी लोग मुझे पहचान लेते थे और ऑटो व कार रुक जाते थे, अंत में ट्रैफिक लग जाती थी। यह एक ज्वार की लहर की तरह था।''
इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि जब वह दिल्ली के होटल में रुकते थे, तो हर कोई उनसे फोन पर बात करने लगता था और ये चीजें कई बार उनके लिए परेशानी का सबब बन जाती थीं। खैर, आमिर खान की लोकप्रियता ही ऐसी है कि हर कोई उनसे एक बार मिलने के लिए बेकरार रहता है। वैसे, आमिर की पहली सैलरी के इस खुलासे पर आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।