फिल्म निर्माता एसएस राजामौली की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'आरआरआर' के गाने 'नाटू नाटू' ने ग्लोबल फिल्म इंडस्ट्री में धमाल मचा दिया है। 'गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स 2023' से लेकर 'ऑस्कर 2023' तक में अपना जलवा बिखेरने वाले सॉन्ग को आइकॉनिक म्यूजिक कंपोजर, प्लेबैक सिंगर और लिरिसिस्ट, कोडुरी मरकथमणि कीरावनी उर्फ एमएम कीरावनी (MM Keeravani) ने रचित किया है।
एमएम कीरावनी भारतीय संगीत इंडस्ट्री के सबसे बड़े नामों में से एक हैं। हालांकि, उन्होंने मुख्य रूप से तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में काम किया है। इसके अलावा, जनवरी 2023 में 'गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स' जीतने के बाद पूरा विश्व उनके नाम और कार्य से परिचित हो गया था। 'गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स' जीतने के बाद एमएम कीरावनी की स्पीच हुई थी वायरल। इस बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करें।
संगीतकार एमएम कीरावनी ने एस एस राजामौली की फिल्म 'RRR' के सॉन्ग 'नाटू नाटू' की रचना की और भारत में अपार प्रेम प्राप्त करने के बाद इसने 'गोल्डन ग्लोब अवार्ड्स 2023' में इतिहास रचा। लोकप्रिय गीत 'नाटू नाटू' को कैलिफोर्निया के 'द बेवर्ली हिल्टन' होटल में आयोजित गोल्डन ग्लोब पुरस्कार समारोह में 'बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग' के रूप में नामित किया गया था। यह भारतीय सिनेमा के लिए इतिहास का एक बड़ा क्षण था, क्योंकि यह पहली बार था जब किसी भारतीय गीत ने 'गोल्डन ग्लोब पुरस्कार' जीता था।
सुपरहिट फिल्म 'आरआरआर' की पूरी टीम के लिए यह एक जश्न का समय है, क्योंकि पॉपुलर सॉन्ग 'नाटू नाटू' ने 'ऑस्कर 2023' में 'बेस्ट सॉन्ग कैटेगरी' में जीत हासिल करके इतिहास रच दिया है। 'नाटू नाटू' इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को जीतने वाला दूसरा भारतीय सॉन्ग है। 2009 में फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' के 'जय हो' के बाद इस सॉन्ग ने दुनिया में अपना परचम लहराया है।
प्रतिष्ठित '95वां अकादमी पुरस्कार 2023' समारोह लॉस एंजेलिस के 'डॉल्बी थिएटर' में हुआ। संगीत निर्देशक एमएम कीरावनी ने 'नाटू नाटू' सॉन्ग के लिए पुरस्कार स्वीकार किया। बता दें कि 'RRR' ने कई अमेरिकी पुरस्कार जीते हैं और यहां तक कि फिल्म ने 'नॉट इन द इंग्लिश लैंग्वेज कैटेगरी' और 'बाफ्टा 2023' की सूची में भी जगह बनाई है।
'गोल्डन ग्लोब अवार्ड्स 2023' और 'ऑस्कर 2023' में बड़ी जीत के बाद से एमएम कीरावनी भारत के ट्रेंडिंग चार्ट में सबसे आगे हैं, क्योंकि हर कोई उनके बारे में सब कुछ जानना चाहता है। ऐसे में यहां हम आपके लिए उनके जीवन के कुछ दिलचस्प और महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए हैं, जो लोगों को उउस व्यक्ति के बारे में जानने चाहिए, जिसने इस देश को गौरवान्वित किया है। तो आइए एमएम कीरावनी के जीवन के बारे में बताते हैं।
जाने-माने संगीतकार एमएम कीरावनी का जन्म 4 जुलाई 1961 को आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले के कोव्वुर गांव में एक तेलुगु परिवार में हुआ था। उनके पिता कोडुरी शिव शक्ति दत्ता एक आइकॉनिक स्क्रीनराइटर और लिरिसिस्ट हैं, जिनका भारतीय सिनेमा में काम अभी भी बहुत से लोगों को प्रेरित करता है। दुर्भाग्य से इंटरनेट पर कीरावनी की मां भानुमति के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, सिवाय इसके कि 15 दिसंबर 2022 को उनका निधन हो गया था।
एमएम कीरावनी के परिवार के अधिकांश सदस्य फिल्म और संगीत इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं। उदाहरण के लिए, उनके भाई कल्याणी मलिक एक प्रमुख गायक और संगीत निर्देशक हैं। एमएम कीरावनी फेमस स्क्रीनराइटर और निर्देशक वी. विजयेंद्र प्रसाद के भतीजे भी हैं और उनके परिवार के सदस्यों की लिस्ट काफी लंबी है, जो फिल्म इंडस्ट्री में हैं।
एमएम कीरावनी के शुरुआती दिनों की बात करें, तो उन्होंने 1980 के दशक के अंत में दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में एक संगीतकार के रूप में काम करना शुरू किया था। सहायक संगीत निर्देशक के रूप में उनका पहला प्रमुख काम 1987 में फेमस संगीतकार सी. राजमणि और के. चक्रवर्ती के साथ था। इतना ही नहीं, बल्कि कीरावनी ने 'कलेक्टरगारी अब्बायी' और 'भारतमलो अर्जुनुडु' जैसी फिल्मों में भी हेल्प की। हालांकि, एक स्वतंत्र संगीतकार के रूप में कीरावनी को 1990 में फिल्म 'कल्कि' के साथ पहला ब्रेक मिला और तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
लगभग तीन दशकों के करियर में एमएम कीरावनी ने 150 से अधिक फिल्मों में काम किया है और वह भी कई भाषाओं में, जो निश्चित ही सराहनीय है। उनके कुछ सबसे खूबसूरत फिल्मों में 'क्षना क्षणम', 'अल्लारी प्रियुडु', 'छत्रपति', 'मगधीरा', 'वेदम', 'राजन्ना' और 'ईगा' समेत कई नाम हैं। हालांकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह 'बाहुबली: द बिगिनिंग' और 'बाहुबली 2: द कन्क्लूज़न' में उनके काम ने उन्हें अपार पॉपुलैरिटी और स्टारडम दिलाया।
हर कोई इस बात से अवगत नहीं है कि संगीतकार एमएम कीरावनी और फिल्म निर्माता एसएस राजामौली चचेरे भाई हैं और वे एक-दूसरे के कामों में जादू डालने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। बता दें कि कीरावनी के पिता शिव शक्ति दत्ता और एसएस राजामौली के पिता वी विजयेंद्र प्रसाद भाई हैं। जैसे उनके पिता कई प्रोजेक्ट में सहयोग करते थे, ऐसे ही एसएस राजामौली व एमएम कीरावनी भी कर रहे हैं और उनके पदचिन्हों पर चल रहे हैं।
एमएम कीरावनी और एसएस राजामौली के बीच मजबूत संबंध के पीछे एक और कारण यह है कि कीरावनी की पत्नी एमएम श्रीवल्ली राजामौली की पत्नी रमा राजामौली की बहन हैं। जी हां! आपने सही पढ़ा। रमा राजामौली व एमएम श्रीवल्ली बहनें हैं और यह उनके मजबूत पारिवारिक संबंधों के बारे में बहुत कुछ बताता है।
संगीतकार एमएम कीरावनी आध्यात्मिक हैं और एक रिपोर्ट के अनुसार, जब उनकी पत्नी एमएम श्रीवल्ली अपने पहले बच्चे के साथ गर्भवती थीं, तो उन्होंने उन्हें छोड़ दिया था और एक सन्यासी की तरह रहने लगे थे। उन्होंने ऐसा तब किया था, जब उनके गुरु ने उन्हें बताया था कि वह अकाल मृत्यु से बचना चाहते हैं, तो उन्हें अपने परिवार से दूर जाना पड़ेगा। ऐसे में उन्हें कुछ समय के लिए एक सन्यासी की तरह रहना पड़ा। संगीतकार ने नियमों का पालन किया था और जब उनकी पत्नी ने अपने पहले बच्चे को जन्म दिया, तो वह मौजूद नहीं थे। हालांकि, अपने बेटे के जन्म के दो महीने बाद कीरावनी लौट आए और उन्होंने अपने बच्चे का नाम काल भैरव रखा।
मशहूर संगीतकार एमएम कीरावनी के दो बेटे काल भैरव और श्री सिम्हा हैं। कुछ सूत्रों का दावा है कि उनका एक और बेटा है जिसका नाम भैरव कीरावनी है। हालांकि, इसके कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं। काल भैरव व श्री सिम्हा दोनों ही फिल्म और संगीत इंडस्ट्री में हैं और अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
फिलहाल, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि एमएम कीरावनी ने 'नाटू नाटू' के लिए 'गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड' और 'ऑस्कर 2023' जीतने के बाद अब तक के सबसे महान भारतीय संगीतकारों में से एक के रूप में अपनी काबिलियत को साबित किया है। तो उनके बारे में ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।