'Housing.com' के को-फाउंडर राहुल यादव (Rahul Yadav) भारतीय स्टार्टअप की दुनिया में एक फेमस नाम हैं, जो 'भारतीय स्टार्टअप्स का बैड बॉय' टाइटल से अपने 200 करोड़ रुपए के शेयर्स कंपनी के कर्मचारियों को बांटने के लिए चर्चा में रहे थे। हालांकि, उनकी लाइफ के बारे में लोग कम ही जानते हैं, जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है।
फेमस एंटरप्रेन्योर राहुल यादव का जन्म 1989 में राजस्थान के खैरताल में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। 2007 में वह धातु विज्ञान में विशेषज्ञता वाले प्रतिष्ठित 'भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे' (IIT Bombay) में शामिल हो गए। इस दौरान, राहुल एक प्रतिनिधि और सचिव के रूप में छात्र संघ में एक्टिव रहे।
राहुल यादव की एंटरप्रेन्योरशिप की यात्रा 'Exambaba.com' के निर्माण के साथ शुरू हुई थी, जो पुराने एग्जाम पेपर के लिए एक ऑनलाइन क्वेश्चन बैंक था। यह वेबसाइट छात्रों के बीच एक बड़ी हिट बन गई थी। हालांकि, IIT बॉम्बे इससे बहुत प्रभावित नहीं था। उन्होंने उनसे कई बार वेबसाइट बंद करने का अनुरोध भी किया।
हालांकि, आगे क्या हुआ यह अभी भी एक रहस्य बना हुआ है, लेकिन राहुल ने अपने लास्ट ईयर में होने के बावजूद कॉलेज छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने 'Exambaba.com' को बनाते वक्त जो सीखा, उससे उन्हें आगे बढ़ने में मदद मिली। इससे राहुल ने प्रोग्रामिंग का ज्ञान हासिल किया, जिसने उन्हें कई Google एप्लिकेशन डिज़ाइन करने के लिए प्रेरित किया।
यह 2012 की बात है, जब राहुल यादव और उनके ग्यारह सहपाठियों को मुंबई में रहने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ा। युवाओं को अपनी पसंद और बजट के अनुसार घर ढूंढने में दिक्कत हो रही थी। ऐसे में राहुल और उनके दोस्तों ने इस समस्या को दूर करने के लिए 'Housing.com' की स्थापना की। इतने कम समय में, यह रियल एस्टेट क्षेत्र की सबसे बड़ी वेबसाइटों में से एक बन गई।
यह 2012 में था, जब राहुल यादव के स्टार्टअप 'Housing.com' को भारत में सबसे होनहार तकनीकी स्टार्टअप में से एक के रूप में पहचान मिली। इसने 'सॉफ्टबैंक' सहित प्रमुख निवेशकों से फंड हासिल किया। इतना ही नहीं, 'Housing.com' ने 'Tata Housing' और 'Tata Value Homes' के साथ भी पार्टनरशिप की। नतीजतन, कंपनी ने अपने पहले सप्ताह के भीतर लगभग 8 मिलियन डॉलर की अचल संपत्ति बेचकर एक प्रभावशाली छाप छोड़ी, जैसा कि 'फोर्ब्स इंडिया' द्वारा रिपोर्ट किया गया है। यह शुरुआती सफलता रियल एस्टेट उद्योग में 'Housing.com' की क्षमता और प्रभाव को दर्शाती है।
यह जून 2015 में था, जब 'हाउसिंग डॉट कॉम' के सह-संस्थापक राहुल यादव को उनके ही संगठन से निकाल दिया गया था। इस घोषणा ने सभी को चौंका दिया था और यह वास्तव में उन सभी के लिए एक झटका था, जो उन्हें भारत का अगला 'स्टीव जॉब्स' कहते थे। हालांकि, जब मीडिया और सूत्रों ने इस तरह के बड़े कदम की वजह का पता लगाने की खोज की, तो सच काफी शर्मनाक निकला।
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दरअसल, 2015 में रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि राहुल यादव का अन्य सह-संस्थापकों, निवेशकों और मीडिया के साथ व्यवहार काफी अशिष्ट और अपमानजनक था। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि राहुल को उनके व्यवहार के लिए कई चेतावनियां मिली थीं, लेकिन उन्होंने अपनी टीम के प्रति असम्मानजनक व्यवहार करना जारी रखा, यही वजह है कि राहुल को उसी कंपनी से निकाल दिया गया, जिसे उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर बनाया था।
'Housing.com' के सीईओ के रूप में अपने समय के दौरान, राहुल यादव एक आपत्तिजनक रिजाइन लेटर भेजने के बाद सुर्खियों में आ गए थे। हालांकि, जल्द ही उन्होंने माफी मांगकर सबको चौंका दिया था, लेकिन 'हाउसिंग डॉट कॉम' के बोर्ड द्वारा उन्हें कंपनी से निकाल दिए जाने के बाद उन्होंने अप्रत्याशित रूप से घोषणा की कि उन्होंने अपने सभी निजी शेयर कंपनी के 2,251 कर्मचारियों को बांट दिए हैं, जिनकी कीमत उस समय 150 से 200 करोड़ रुपए तक थी।
2019 में, 'फोर्ब्स इंडिया' के साथ एक साक्षात्कार में, राहुल यादव ने स्वीकार किया था कि वह काफी 'इमैच्योर' थे और 'Housing.com' में अपने समय के दौरान काफी आत्मकेंद्रित हो गए थे। जब उनसे पूछा गया कि अतीत में उनके और Housing.com के बीच जो कुछ भी हुआ, उससे उन्होंने क्या सीखा, तो इसके जवाब में उन्होंने स्वीकार किया कि वह समझते हैं कि आप अपनी कंपनी के निवेशकों के प्रति असम्मानजनक नहीं हो सकते।
उन्होंने कहा था, "मैं उस समय बहुत छोटा था और यह अपरिपक्व व्यवहार था। मुझे लगता है कि उस उम्र में यह ठीक था। मैं कॉलेज (आईआईटी-बॉम्बे) में एक नेता था और फिर Housing.com का सह-संस्थापक था। अगर मैं गलत था, तो भी कोई मुझसे सवाल नहीं कर रहा था। इस तरह, नेता थोड़ा भ्रमित हो जाते हैं और विश्वास के साथ गलत फैसले लेते हैं, लेकिन अब मैं ऐसा काम नहीं करूंगा। अगर मैं सेट करता हूं, तो मैं फिर से एक कंपनी बनाऊंगा और मैं निवेशकों के साथ विवाद में नहीं पड़ूंगा।"
राहुल यादव ने 12 मार्च 2016 को नई दिल्ली में आयोजित एक प्राइवेट सेरेमनी में करिश्मा खोखर के साथ सगाई की थी। उनकी सगाई में उनके करीबी दोस्त और परिवार के सदस्य शामिल हुए थे। उनकी पत्नी करिश्मा खोकर एक इन्वेस्टमेंट बैंकर हैं, जिन्होंने दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की है और 'इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी, गाजियाबाद' से फाइनेंस में एमबीए किया है। हालांकि, उनकी शादी के बारे में सही तारीख की जानकारी नहीं है, लेकिन इतना तय है कि उनकी सगाई ने उनके जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत की।
अगले 'स्टीव जॉब्स ऑफ इंडिया' कहलाने वाले 'भारतीय स्टार्टअप्स का बैड बॉय' होने और विवादों के साथ उनके कभी न खत्म होने वाले रिश्ते तक, राहुल यादव मीडिया में सभी का ध्यान आकर्षित करते रहे हैं। वैसे, एक एंटरप्रेन्योर के रूप में आप उनके बारे में क्या सोचते हैं? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।