जानें कौन हैं Revant Himatsingka, जिनके एक वीडियो से 'Bournvita' ने खो दिया 'हेल्थ ड्रिंक' का टैग

यहां हम आपको 'फूडफार्मर' के नाम से मशहूर इन्फ्लुएंसर रेवंत हिमतसिंगका के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी वजह से बॉर्नविटा ने 75 साल बाद अपने 'हेल्थ ड्रिंक' टैग को खो दिया।

img

By Pooja Shripal Last Updated:

जानें कौन हैं Revant Himatsingka, जिनके एक वीडियो से 'Bournvita' ने खो दिया 'हेल्थ ड्रिंक' का टैग

'तैयारी जीत की' टैगलाइन के साथ पोषण, विटामिन से भरपूर होने का दावा करने वाला 'बॉर्नविटा' कैडबरी के सबसे ज्यादा डिमांड वाले प्रोडक्ट्स में से एक है। साल 1948 में 'मोंडेलेज़ इंटरनेशनल' कंपनी ने भारत में 'बॉर्नविटा' के नाम से एक चॉकलेट हेल्थ ड्रिंक पेश की थी, जो 75 से ज्यादा सालों से बिक रही है। दशकों से हमने 'कॉम्प्लान', 'हॉर्लिक्स', 'बूस्ट' और ऐसी ही कई ड्रिंक्स को भारतीय घरों में हावी होते देखा है।

सरकार ने कैडबरी बॉर्नविटा को 'हेल्थ ड्रिंक्स' सेक्शन से हटाने के दिए आदेश

बॉर्नविटा इस समय बाज़ार में उपलब्ध किसी भी अन्य हेल्थ ड्रिंक्स से आगे है, जिसे कई नेशनल स्पोर्ट्स प्लेयर के एड से काफी फायदा हुआ है। इस ड्रिंक को भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा से लेकर लेखिका व पूर्व अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना तक ने प्रमोट किया है। हालांकि, यह 10 अप्रैल 2024 को था, जब वाणिज्य मंत्रालय (Ministry of Commerce) ने बॉर्नविटा के मामले के रिफरेंस में एक महत्वपूर्ण एडवाईजरी जारी की।

BOURVVITA

मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि कोई भी माल्ट-बेस्ड ड्रिंक, डेयरी या अनाज 'हेल्थ ड्रिंक्स' सेक्शन में प्रदर्शित नहीं की जानी चाहिए। इसके पीछे के कारण का खुलासा करते हुए मंत्रालय ने कहा है कि भारत के खाद्य कानूनों में उत्पादों के लिए 'हेल्थ ड्रिंक्स' जैसा कोई शब्द नहीं है। 

आधिकारिक बयान का एक अंश इस प्रकार पढ़ा जा सकता है, "NCPCR ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम 2005 की धारा (3) के तहत गठित एक वैधानिक निकाय सीपीसीआर अधिनियम 2005 की धारा 14 के तहत अपनी जांच के बाद निष्कर्ष निकाला कि FSSAI और 'मोंडेलेज इंडिया फूड प्राइवेट लिमिटेड' द्वारा प्रस्तुत नियम और विनियम के तहत 'FSS अधिनियम 2006' के तहत कोई 'हेल्थ ड्रिंक्स' परिभाषित नहीं है। सभी ई-कॉमर्स कंपनियों/पोर्टलों को सलाह दी जाती है कि वे बॉर्नविटा सहित ऐसी ड्रिंक्स को 'हेल्थ ड्रिंक्स' की कैटेगरी से हटा दें।''

BOURVVITA

क्या है बॉर्नविटा विवाद? रेवंत हिमतसिंगका उर्फ फूडफार्मर के वीडियो से हुई थी शुरुआत

'राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग' (NCPCR) द्वारा जांच जारी करने के बाद वाणिज्य मंत्रालय ने यह बड़ी घोषणा की थी। इसकी शुरुआत अप्रैल 2023 में हुई, जब रेवंत हिमतसिंगका (Revant Himatsingka) उर्फ फूडफार्मर नाम से मशहूर एक सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो अपलोड किया था, जिसने उन्हें रातों-रात मशहूर बना दिया था।

वीडियो में रेवंत ने व्यंग्य करते हुए 'FMCG' दिग्गज से कहा था कि वे अपनी टैगलाइन को 'तैयारी जीत की' से 'तैयारी डायबिटीज की' में बदलने पर विचार करें। ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और इसने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया था। साथ ही बॉर्नविटा की मूल कंपनी 'मोंडेलेज इंटरनेशनल' को कानूनी नोटिस भेजा गया।

REVANT HIMATSINGKA

रेवंत हिमतसिंगका ने बॉर्नविटा के शुगर लेवल कम करने की कही बात

बॉर्नविटा को लेकर चल रहे विवाद के बीच रेवंत हिमतसिंगका ने एक और वीडियो अपलोड किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि 'बॉर्नविटा' ने अपना शुगर लेवल 14.4 प्रतिशत कम कर लिया है। रेवंत के अनुसार, बॉर्नविटा ने 32.2 ग्राम (प्रति 100 ग्राम) अतिरिक्त चीनी से 14.4 प्रतिशत (प्रति 100 ग्राम) तक, शुगर लेवल कम कर दिया है।

वायरल वीडियो में रेवंत के दावों के जवाब में 'मोंडेलेज इंटरनेशनल' ने इन्फ्लुएंसर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की थी, जिसके बाद रेवंत ने अपना वीडियो हटा दिया था और कैडबरी से माफी भी मांगी थी। उन्होंने अपनी माफी में स्पष्ट रूप से कहा था कि उन्हें कानूनी मामला लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है। रेवंत ने यह भी कहा था कि उन्होंने कंपनी की छवि खराब करने के इरादे से वीडियो नहीं बनाया था। 

REVANT HIMATSINGHKA

Revant Himatsingka

रेवंत हिमतसिंगका के वायरल वीडियो पर बॉर्नविटा की सफाई

रेवंत हिमतसिंगका उपभोक्ताओं को रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग किए जाने वाले प्रोडक्ट्स के बारे में जानकारी देने के लिए 'फूडफार्मर' के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। जब रेवंत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो बॉर्नविटा ने वीडियो के जवाब में एक स्पष्टीकरण जारी किया था, क्योंकि इससे उनके कई कंज्यूमर्स ने बॉर्नविटा के शुगर लेवल पर सवाल उठाया था।

इसके जवाब में बॉर्नविटा ने एक बयान जारी किया था कि उनके प्रोडक्ट में शामिल शुगर की मात्रा वैज्ञानिक रूप से सिद्ध है। कंपनी ने दावा किया था कि बॉर्नविटा की हर एक सर्विंग में लगभग डेढ़ चम्मच चीनी है, जो नियामक बोर्डों द्वारा जारी दैनिक सेवन के अंतर्गत है। उनके बयान के एक अंश में लिखा था, "हम फिर से इस बात पर ज़ोर देना चाहेंगे कि बेस्ट टेस्ट और हेल्थ प्रदान करने के लिए न्यूट्रीशियनिस्ट्स और फूड साइंटिस्ट की एक टीम द्वारा फॉर्मूलेशन वैज्ञानिक रूप से तैयार किया गया है। हमारे सभी दावे सत्यापित व पारदर्शी हैं और सभी सामग्रियों को रेगुलेटरी अप्रूवल्स प्राप्त हैं। बाकी इसके बारे में पोषण से जुड़ी सारी जानकारी पैक पर दी गई है।"

BOURNVITA

NCPCR ने बॉर्नविटा से भ्रमित करने वाले एड, पैकेजिंग और लेबल हटाने के लिए भी कहा

विवाद के एक महीने के भीतर, NCPCR (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग) ने 'कैडबरी' को अपने प्रोड्क्ट 'बॉर्नविटा' के भ्रामक विज्ञापन, लेबल और पैकेजिंग पोस्ट करना बंद करने को कहा था। दशकों से 'बॉर्नविटा' ने खुद को भारतीय बाजार में एक हेल्दी ड्रिंक के रूप में पेश किया है, यही वजह है कि NCPCR ने सख्त नियमों के साथ कंपनी की आलोचना की। इतना ही नहीं, NCPCR ने 'कैडबरी' को शुगर लेवल के मार्जिन को लेकर पूरे विवाद की डिटेल्स पेश करने के लिए भी कहा।

BOURNVITA

फिलहाल, 'बॉर्नविटा' के हेल्थ ड्रिंक के सेक्शन से हटाए जाने के आदेश पर आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

BollywoodShaadis.com © 2024, Red Hot Web Gems (I) Pvt Ltd, All Rights Reserved.