भारत (India) के प्रत्येक राज्य की हर एक दुल्हन (Bride) अपनी शादी के मौके पर सुंदर चूड़ियां (Bangles) पहनती है। जानिए राजस्थान से लेकर बंगाली दुल्हन पहनती है शादी वाले दिन कौन से रंग की चूड़ियां। क्या है उसके मायने और महत्व।
किसी भी महिला के श्रृंगार का सबसे जरूरी हिस्सा होता हैं चूड़ियां (Bangles)। चूडियां को हिंदू सभ्यता में एक अलग और महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। इसे सिर्फ एक आभूषण के तौर पर नहीं देखा जाता, बल्कि ये प्रतीक है उस खुशी और सम्मान का जो उसे अपने ससुराल में मिलती है। जब भी किसी नई-नवेली दुल्हन (Bride) की शादी (Wedding) होती है तो उसकी पहचान उसके हाथ में पहनी गई चूड़ियों से की जाती है। यह एक भोली लड़की से एक जिम्मेदार महिला बनने के परिवर्तन को दर्शाती है।
भारत सांस्कृतिक विविधता से भरपूर भूमि है जोकि शादी जैसे पवित्र रिश्तों को लेकर बेहद ही गंभीर है। क्या आपको पता है कि अलग-अलग राज्यों की महिलाएं अलग-अलग तरह की चूड़ियां पहनती हैं। आइए एक नज़र डालते हैं भारतीय दुल्हनों द्वारा पहनी गई कुछ खूबसूरत चूड़ियों पर जिसके पीछे छुपी है अस्था और विश्वास का अलग महत्व। (ये भी पढ़ें: Fruits Benefit: फैट से फिट तक की जर्नी में ये फल देंगे आपका साथ, जल्द करें अपनी डाइट में शामिल)
एक महाराष्ट्रीयन दुल्हन शादी के बाद कई सारी हरी चूड़ियाँ हाथों में पहनती है। तस्वीर में आप देख सकते हैं कि कैसे हरे रंग की चूड़ियों को सोने के कड़े के साथ पहना गया। सोने के कड़े पर बना खूबसूरत डिजाइन हरी चूडिय़ों को बहुत ही एथनिक लुक देने का काम कर रहा है।
सिख दुल्हनों के लिए उनका चूड़ा बहुत ही जरूरी होता है। यह हमेशा उसके दिल के करीब रहता है। ये लाल और सफेद रंग की चूड़ियां सिख परंपरा का एक प्रमुख हिस्सा हैं। आप खुद देखिए सिख दुल्हन के हाथों में कैसा लग रहा है चूड़ा।
गुजरती दुल्हनें शादी के बाद जो चूड़ियां पहनती हैं वो हरे, लाल और नीले रंग की होती है, जिस पर काफी खूबसूरत और शानदार काम किया गया होता है। यह दुल्हन को उसकी मां नए सफर की शुरुआत के लिए एक लक्की टोकन के तौर पर अपनी बेटी को देती है। तो ऐसे में ये एक बेटी और मां के लिए सबसे प्यारी और अहम चीज के रुप में देखी जाती है।
मलयाली दुल्हनें अपनी शादी के दिन बहुत अधिक सोना पहनने के लिए जाना जाती हैं। उनकी चूड़ियां कोई अलग तरह की नहीं होती हैं। बाकी दुल्हनों की तरह ही सभी मलयाली दुल्हनें अपनी शादी के दिन चूड़ियों के साथ सोने के कड़े पहनती हैं। जोकि उसकी खूबसूरती में चार-चांद लगाने का काम करते हैं।(ये भी पढ़ें: एक प्रैंक कॉल से शुरु हुई थी अनिल कपूर की लवस्टोरी, कुछ इस तरह थामा था सुनीता का हाथ)
मारवाड़ी दुल्हन की चूड़ियां उनकी संस्कृति की तरह ही रंग-बिरंगी होती हैं। उनकी चूड़ियों पर पत्थरों, मोती, रंगों और बहुत सारे ब्लिंग का मिश्रण होता है। इन्हें देखने के बाद आप अपनी निगाहें उन पर से हटा नहीं पाएंगे।
राजस्थान अपनी चूड़ियों के लिए काफी प्रसिद्ध है। यहां की दुल्हनें अपनी शादी का चूड़ा बनाने के लिए कई रंगों का इस्तेमाल करती हैं। चूड़ियों में लेहरिया का काम किया गया होता है और ये लाख से बनी होती हैं।
दक्षिण भारत के लोगों को सोना बहुत पसंद है और यह उनकी चूड़ियों सहित शादी की पोशाक में दिखाई देता है। उनकी शादी की चूड़ियों के सेट में सोने के कंगनों के साथ-साथ कई रंग-बिरंगी चूड़ियां भी मौजूद रहती है।
तेलंगाना में होने वाली शादियों में सिंपल कांच और सोने की चूड़ियों का कॉम्बिनेशन पहना जाता हैं। कांच की चूड़ियाँ आम तौर पर गहरे रंग की होती हैं और सोने के कड़े के साथ पहनी जाती हैं।
बंगाली दुल्हनें मूंगा और खोल की चूड़ियाँ पहनती हैं, जिन्हें शाखा पोला कहा जाता है। यह रस्म सात विवाहित महिलाओं द्वारा निभाई जाती है और इसका ऐतिहासिक संबंध भी है। ये लाल और सफेद चूड़ियां विवाहित बंगाली महिलाओं के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं।
भारत के प्रत्येक राज्य की हर एक दुल्हन को अपने खास दिन पर सुंदर चूड़ियां पहनने को मिलती हैं। चूड़ियां भारतीय दुल्हन की खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करती हैं। यदि आपके पास दुल्हन की चूड़ियों के बारे में साझा करने के लिए हमारे साथ कुछ नए और रोचक तथ्य हैं, तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। हमारे लिए कोई सलाह है तो जरूर दें।