Chandrayaan 3: भारतीय अंतरिक्ष इतिहास की इंस्पायरिंग 'Rocket Women', जिन्होंने तोड़ी रूढ़िवादिता

आइए यहां हम आपको भारत की कुछ इंस्पायरिंग 'रॉकेट वुमेन्स' के बारे में बताते हैं, जिन्होंने सभी रूढ़ियों को तोड़ते हुए खुद को भारत के अंतरिक्ष और एयरोस्पेस इतिहास में एक सितारे की तरह चमकाया है।

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By Shivakant Shukla Last Updated:

Chandrayaan 3: भारतीय अंतरिक्ष इतिहास की इंस्पायरिंग 'Rocket Women', जिन्होंने तोड़ी रूढ़िवादिता

लैंगिक रूढ़िवादिता (Gender Stereotypes) को तोड़ने की लड़ाई काफी लंबे समय से चल रही है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में हमने महिलाओं को खुद को पुरुषों के बराबर साबित करने में सफल होते देखा है, लेकिन अभी भी कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां महिलाओं के योगदान को नजरअंदाज कर दिया जाता है। साइंस, अंतरिक्ष या प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई व्यक्तियों की भूमिकाओं को अक्सर उनके जेंडर के बेस पर नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कई टैलेंटेड महिलाओं ने कुछ क्षेत्रों में अपनी योग्यता को दिखाकर यह साबित कर दिया है कि वे पुरुषों के बराबर हैं।

'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन' का प्रोजेक्ट 'चंद्रयान-3' 23 अगस्त 2023 को लैंडिंग कर चुका है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि यह भारत के लिए गर्व का पल है। इस बीच, आइए आपको उन रॉकेट वुमेन्स के बारे में बताते हैं, जिन्होंने रूढ़िवादिता की सभी बाधाओं को पार करते हुए ISRO के कई प्रोजेक्ट्स की सफल उपलब्धि में अपने योगदान से सभी को हैरान कर दिया है। तो आइए बिना किसी देरी के इनके बारे में जानते हैं।

1. इसरो की पहली महिला सैटेलाइट प्रोजेक्ट डायरेक्टर अनुराधा टी.के.

Anuradha T.K.

अनुराधा टी.के. एक रिटायर्ड इंडियन साइंटिस्ट और इसरो व विशेष संचार उपग्रहों (Specialised Communication Satellites) की प्रोजेक्ट डायरेक्टर थीं। अनुराधा साल 1982 में स्पेस एजेंसी में शामिल हुईं और वह रूढ़िवादिता को तोड़कर इसरो में महिला सैटेलाइट प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनने वाली पहली महिला थीं। उन्होंने 'जीसैट-12' और 'जीसैट-10' जैसे सैटेलाइट्स के लॉन्च पर भी काम किया है। अपनी कड़ी मेहनत और योगदान के लिए अनुराधा को इसरो से कई पुरस्कार मिले, जिनमें 'इसरो टीम अवॉर्ड 2012', 'एएसआई-इसरो मेरिट अवॉर्ड 2012' शामिल हैं।

Anuradha T.K.

अनुराधा टी.के. के पास बेंगलुरु के 'यूनिवर्सिटी विश्वेश्वरैया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग' से इलेक्ट्रॉनिक्स में बैचलर की डिग्री है। अनुराधा के पिता हिंदी के शिक्षक थे और उनकी मां एक गृहिणी थीं, जो उन्हें व उनकी दो बहनों को प्रेरित करते थे और उन्हें मून मिशनों के बारे में बताते थे, जिससे अनुराधा के मन में इसके प्रति रुचि पैदा हुई। अनुराधा की पर्सनल लाइफ के बारे में बात करें, तो साइंटिस्ट ने 'भारत इलेक्ट्रॉनिक्स' में जनरल मैनेजर से शादी की है। कपल की दो बेटियां हैं, जो इंजीनियरिंग में अपना करियर बना रही हैं।

2. 'मंगलयान मिशन' की डिप्टी डायरेक्टर रितु करिधल

Ritu Karidhal

चांद-तारों के रहस्यों को समझने से लेकर NASA व ISRO की अंतरिक्ष-संबंधी गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए न्यूजपेपर की कटिंग को इकट्ठा करने व मंगलयान मिशन की डिप्टी डायरेक्टर बनने तक, रितु करिधल ने साबित कर दिया कि वह भारत की 'रॉकेट वुमेन' में से एक हैं। भारतीय वैज्ञानिक और एयरोस्पेस इंजीनियर रितु करिधल ने 1997 से इसरो के लिए काम किया है। उनके एजुकेशनल करियर के बारे में बात करें, तो रितु ने फिजिक्स में बी.एससी. और एम. एससी. की डिग्री ली है।

वह फिजिक्स में डॉक्टरेट कोर्स में भी शामिल हुईं और उसी विभाग में पढ़ाती भी थीं। रितु लखनऊ विश्वविद्यालय में एक रिसर्च स्कॉलर भी थीं और बाद में उन्होंने 'IISc' से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की है। कड़ी मेहनत और शानदार टैलेंट के लिए रितु को साल 2007 में भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों 'इसरो यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड' मिल चुका है।

मिलिए 'रॉकेट वुमेन' Ritu Karidhal से, जो ISRO के 'मिशन चंद्रयान 3' को कर र​ही हैं लीड। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

3. 'चंद्रयान-2' की प्रोजेक्ट डायरेक्टर मुथैया वनिता

Muthayya Vanitha

भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम इंजीनियर मुथैया वनिता ने अपना करियर एक जूनियर इंजीनियर के रूप में शुरू किया था। हार्डवेयर टेस्टिंग एंड डेवलवमेंट के कई क्षेत्रों में काम करने से लेकर 'चंद्रयान-2' की प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनने तक, मुथैया वनिता ने अपने टैलेंट को साबित किया है। उन्होंने इसरो सैटेलाइट सेंटर के डिजिटल सिस्टम्स ग्रुप में टेलीमेट्री और टेलीकमांड डिवीजन्स का भी नेतृत्व किया है।

इनके अलावा, वनिता कई सैटेलाइट्स जैसे 'कार्टोसैट-1', 'मेघा-ट्रॉपिक्स' और अन्य की प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी थीं। 'एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया' ने कई प्रोजेक्ट्स की सफल उपलब्धियों में उनके योगदान के लिए उनको 'बेस्ट वुमेन साइंटिस्ट अवॉर्ड' भी प्रदान किया है।

4. 'गगनयान मिशन' की लीडर वीआर ललितांबिका

VR Lalithambika

वीआर ललितंबिका भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के सबसे वरिष्ठ वैज्ञानिकों में से एक हैं। वह 30 वर्षों से अधिक समय से इसरो के साथ हैं और 100 से अधिक अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा रही हैं। इसके अलावा वह एडवांस्ड लॉन्चर टेक्नोलॉजीज में भी विशेषज्ञ हैं और वर्तमान में वह 'भारतीय मानव अंतरिक्ष उड़ान प्रोग्राम' (Indian Human Spaceflight Programme) गगनयान की डायरेक्टर हैं।

उनके शुरुआती जीवन के बारे में बात करें, तो ललितांबिका अपने दादा से प्रभावित थीं, जो घर पर लेंस और माइक्रोफोन जैसे गैजेट बनाते थे। ललितांबिका के दादाजी उन्हें इसरो के कार्यों के बारे में बताते रहते थे, जिससे उनमें अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में रुचि पैदा हुई। ललितांबिका की दादी भी एक खगोलशास्त्री, गैजेट मेकर व गणितज्ञ थीं।

5. भारतीय भौतिक विज्ञानी (Indian physicist) मौमिता दत्ता

Moumita Dutta

मौमिता दत्ता एक भारतीय भौतिक विज्ञानी हैं, जो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के स्पेस अप्लीकेशन सेंटर (एसएसी) में काम कर रही हैं। वह एक वैज्ञानिक होने के साथ-साथ एक इंजीनियर भी हैं। मौमिता ने ऑप्टिकल और आईआर सेंसर और उपकरणों के डेवलपमेंट व टेस्टिंग में स्पेशलिटी हासिल की है। वह 'मार्स ऑर्बिटर मिशन 2014' टीम का हिस्सा थीं। मौमिता उन अन्य वैज्ञानिकों में से एक हैं, जिन्होंने MOM के पांच पेलोड में से एक को डेवलप किया है।

6. इंडियन रॉकेट साइंटिस्ट नंदिनी हरिनाथ

Nandini Harinath

नंदिनी हरिनाथ एक भारतीय रॉकेट वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने कई वर्षों तक इसरो की कई प्रोजेक्ट्स में योगदान दिया है। वह पॉपुलर सीरीज 'स्टार ट्रेक' से प्रभावित थीं। उनके पिता एक इंजीनियर थे और उनकी मां एक गणितज्ञ थीं, वे सभी स्टार ट्रेक व अन्य साइंस फिक्सन के शौकीन थे, जिसने टैलेंटेड साइंटिस्ट को स्पेस साइंस में रुचि पैदा की थी। इसके अलावा, प्रोजेक्ट मैनेजर, मिशन डिजाइनर होने के अलावा, नंदिनी 'मार्स ऑर्बिटर मिशन' पर डिप्टी ऑपरेशंस डायरेक्टर रह चुकी हैं।

फिलहाल, इन सभी महिलाओं ने साबित कर दिया है कि कोई भी अपनी लगन और कड़ी मेहनत से सफलता के ऊंचे स्तर तक पहुंच सकता है। भारत की इन रॉकेट वुमेन्स ने वास्तव में सभी रूढ़ियों को तोड़ दिया है। तो आपका इस बारे में क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

(Images Courtesy: Anuradha T.K. WikipediaFacebookLinkedinRitu Karidhal WikipediaSaikrishna Ravikanti YouTubeGetty Images)
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