By Shivakant Shukla Last Updated:
Mehmood Junior passes away: दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता महमूद जूनियर (Mehmood Junior) कई सुपरहिट फिल्मों का हिस्सा रहे हैं। वह अपने पूरे करियर में अपनी सहज कॉमेडी और जबरदस्त अभिनय से सिनेप्रेमियों को हंसाने में कामयाब रहे, लेकिन दुख की बात है कि 67 वर्षीय अभिनेता का स्टेज-4 के पेट के कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद निधन हो गया।
यह बताते हुए हमारा दिल बेहद दुखी है कि मशहूर अभिनेता महमूद जूनियर, जो 'कारवां', 'जुदाई', 'दादागीरी', 'हाथी मेरे साथी' और 'मेरा नाम जोकर' जैसी फिल्मों में काम करने के लिए जाने जाते हैं, वह अब नहीं रहे। 'ईटाइम्स' की एक रिपोर्ट के अनुसार, अभिनेता का मुंबई में उनके आवास पर निधन हो गया। वह स्टेज-4 के पेट के कैंसर का इलाज करा रहे थे। अभिनेता का शुरुआत में परेल के 'टाटा मेमोरियल अस्पताल' में इलाज चल रहा था। हालत में लगातार गिरावट के कारण उन्हें अंतिम सांस लेने तक ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था।
इस खबर की पुष्टि करते हुए दिग्गज अभिनेता के करीबी दोस्त सलाम काजी ने बताया कि उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें लाइफ सपोर्ट पर रखा गया, लेकिन दुख की बात है कि वह अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनका अंतिम संस्कार आज यानी 8 दिसंबर 2023 को दोपहर करीब 12 बजे सांताक्रूज पश्चिम में जुहू मुस्लिम कब्रिस्तान में किया जाएगा, जहां उनकी मां को भी दफनाया गया है।
इससे पहले काजी ने कहा था, ''वह 2 महीने से बीमार थे और शुरू में हमें लगा कि उन्हें कोई छोटी-मोटी समस्या होगी, लेकिन उसके बाद अचानक उनका वजन कम होने लगा और जब मेडिकल रिपोर्ट आई तो बताया गया कि लिवर और फेफड़ों में कैंसर है। आंत में ट्यूमर है और उन्हें पीलिया भी हो गया है। इसलिए इलाज चल रहा है, लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि यह स्टेज चार का कैंसर है।" उन्होंने कहा था, "डॉक्टरों ने हमें बताया है कि उनके पास केवल 40 दिन हैं, लेकिन हम सभी उनके लिए प्रार्थना कर रहे हैं।"
उनकी बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति के बारे में सुनकर इंडस्ट्री से उनके दोस्त जॉनी लीवर उनके साथ खड़े हुए। अभिनेता-कॉमेडियन उनसे मिलने गए थे और उनकी हालत पर नजर रखने के लिए हर दिन उनसे मिलने जाते थे। जॉनी लीवर से मिलने के बाद महमूद जूनियर ने अपने पुराने दोस्त बॉलीवुड स्टार जीतेंद्र और सचिन पिलगांवकर से मिलने की इच्छा जताई थी।
अपने सह-कलाकार और दोस्त को दर्द में देखकर जीतेंद्र भावुक हो गए थे और उनकी आंखों में आंसू आ गए थे। अपनी मुलाकात के बारे में बात करते हुए अभिनेता ने 'हिंदुस्तान टाइम्स' को बताया था, “मैं यहां उनके बिस्तर के पास हूं, लेकिन वह मुझे पहचानने में असमर्थ हैं। उन्हें इतना दर्द हो रहा है कि वह अपनी आंखें भी नहीं खोल पा रहे हैं। उन्हें इस हालत में देखकर मेरा दिल टूट गया है। मैं 25 वर्षों से माउंट मैरी चर्च आ रहा हूं। जब मुझे जूनियर की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में पता चला, तो मैंने चर्च जाते समय उनसे मिलने की योजना बनाई, लेकिन जॉनी मेरे पास पहुंचे और शीघ्र मिलने का आग्रह किया।''
जूनियर महमूद, जिनका असली नाम नईम सैय्यद है, उन्होंने एक बाल कलाकार के रूप में 'मोहब्बत जिंदगी है' (1966) और 'नौनिहाल' (1967) फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी। 1968 की फिल्म 'सुहागरात' में एक साथ अभिनय करने के बाद दिवंगत कॉमेडी आइकन महमूद द्वारा उन्हें जूनियर महमूद नाम दिया गया था।
चार दशकों से अधिक के करियर में जूनियर महमूद ने सात भाषाओं में 250 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उनकी अन्य हिट फिल्मों में 'ब्रह्मचारी', 'कटी पतंग', 'हरे रामा हरे कृष्णा', 'गीत गाता चल', 'ईमानदार', 'बाप नंबरी बेटा दस नंबरी', 'आज का अर्जुन', 'गुरुदेव', 'छोटे सरकार' और 'जुदाई' जैसी फिल्में शामिल हैं। अभिनेता 'प्यार का दर्द है मीठा मीठा प्यारा प्यारा' और 'एक रिश्ता साझेदारी का' जैसे टीवी शोज में भी दिखाई दिए हैं।
महमूद जूनियर के निधन पर हम उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।