Sunny Deol-Ameesha की 'गदर' पूर्व सैनिक Boota Singh की रियल लाइफ लव स्टोरी से है प्रेरित

सनी देओल और अमीषा पटेल की हिट फिल्म 'गदर' पूर्व सैनिक बूटा सिंह और एक मुस्लिम लड़की की वास्तविक जीवन की प्रेम कहानी से प्रेरित है। आइए आपको इसके बारे में बताते हैं।

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By Shivakant Shukla Last Updated:

Sunny Deol-Ameesha की 'गदर' पूर्व सैनिक Boota Singh की रियल लाइफ लव स्टोरी से है प्रेरित

बॉलीवुड स्टार्स सनी देओल (Sunny Deol) और अमीषा पटेल (Ameesha Patel) की सुपरहिट फिल्म 'गदर' लाखों लोगों की एक भावना है, जो एक पाकिस्तानी राजनेता की बेटी 'सकीना' के साथ एक भारतीय ट्रक ड्राइवर तारा सिंह की लव स्टोरी देखकर बड़े हुए हैं। हर बार 'उड़ जा काले कावां' गाना फिल्म से जुड़ी यादें ताजा कर देता है। जब हमने पहली बार साल 2001 में रिलीज हुई फिल्म देखी थी, तब हम बच्चे थे, लेकिन जब हमने फिल्म में दिखाए गए दर्द को देखा था, तो उसने हमें अंदर तक झकझोर दिया था।

लगभग 22 सालों के बाद सनी देओल और अमीषा पटेल की हिट जोड़ी फिल्म 'गदर 2' में 'तारा' और 'सकीना' की भूमिका निभाते हुए सिल्वर स्क्रीन पर वापस आ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्म ने पहले ही 1.3 लाख टिकट बेच दिए हैं। दर्शक फिर से 'गदर' का जादू देखने के लिए तैयार हैं। इस बीच हम आपको बता दें कि यह कहानी पूर्व सैनिक बूटा सिंह की रियल लाइफ लव स्टोरी पर आधारित है। आइए आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं।

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सनी देओल का किरदार 'तारा सिंह' पूर्व सैनिक बूटा सिंह के जीवन से है प्रेरित 

जी हां, सनी देओल का किरदार ब्रिटिश सेना के पूर्व सैनिक बूटा सिंह के जीवन से प्रेरित है, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लॉर्ड माउंटबेटन की कमान में बर्मा फ्रंट पर सेवा की थी। मुस्लिम लड़की जैनब के साथ उनकी लव स्टोरी भारत और पाकिस्तान में फेमस है। बूटा सिंह पूर्वी पंजाब के लुधियाना में रहते थे।

Boota Singh and Zainab's love story — The real-life 'Tara and Sakina'

बूटा सिंह और जैनब की लव स्टोरी, रियल लाइफ के 'तारा और सकीना'

रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान पूर्वी पंजाब से कई मुस्लिम परिवारों को खदेड़ दिया गया था और उनकी हत्या कर दी गई थी। एक युवा मुस्लिम लड़की जैनब का पाकिस्तान की ओर जाने वाले काफिले से अपहरण कर लिया गया था। बूटा सिंह ने पाकिस्तानी लड़की को बचाया और उससे प्यार कर बैठे। बूटा और जैनब की शादी हुई और उनकी दो बेटियां तनवीर व दिलवीर हुईं।

Boota Singh and Zainab's love story — The real-life 'Tara and Sakina'

जब बंटवारे के दस साल बाद बूटा सिंह और जैनब हो गए अलग

जल्द ही उनकी लव स्टोरी एक ट्रैजिक स्टोरी में बदल गई, जब भारतीय और पाकिस्तानी सरकारों ने इंटर-डोमिनियन संधि पर हस्ताक्षर किए, जिससे दोनों देशों से जितनी संभव हो, उतनी अपहृत महिलाओं को बरामद करना अनिवार्य हो गया था। बहुत से लोग नहीं जानते कि इस नियम को लागू करने के लिए एक अध्यादेश भी पारित किया गया था, जिसमें कहा गया था कि अगर किसी महिला ने 1 मार्च 1947 के बाद अंतर-सांप्रदायिक संबंध में एंट्री की है, तो उसे अपहरण माना जाएगा।

Boota Singh and Zainab's love story — The real-life 'Tara and Sakina'

रिपोर्टों के अनुसार, खोजी दलों में से एक को बूटा सिंह के घर के बारे में तब पता चला, जब उनके भतीजों ने दस्ते को जैनब के बारे में सूचित किया। क़ानून ने कभी ज़ैनब की इच्छा नहीं पूछी। बताया जाता है कि जैनब को विदा करने के लिए पूरा गांव आया था, जो अपनी छोटी बेटी दिलवीर को लेकर बाहर गई थीं। वह अपने परिवार से फिर मिलीं, जो लाहौर के बाहरी इलाके में एक छोटे से गांव नूरपुर में रहता था।

जैनब के परिवार ने उन पर दोबारा शादी करने का डाला दबाव और बूटा सिंह ने पाकिस्तान जाने का किया फैसला 

जैनब का जीवन पूरी तरह से बदल गया, क्योंकि उनके माता-पिता की मृत्यु हो गई और उनकी बहनें संपत्ति की कानूनी उत्तराधिकारी बन गईं। जैनब के चाचा ने ज़ैनब पर अपने बेटे से शादी करने का दबाव डाला। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बूटा को पाकिस्तान से एक खत मिला था, जो जैनब के पड़ोसियों ने उनके कहने पर लिखा था। बूटा दिल्ली के अधिकारियों के पास गए और उनसे अपनी पत्नी व बेटी को वापस ले जाने के लिए कहा था।

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बूटा सिंह ने पाकिस्तान में एंट्री करने के लिए अपनाया इस्लाम धर्म

बूटा सिंह के पास इस्लाम अपनाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा था। वह अपनी पत्नी और बेटी को वापस पाने के लिए अवैध रूप से पाकिस्तान में दाखिल हुए। बूटा सिंह को हैरानी हुई, जब ज़ैनब के परिवार ने उन्हें स्वीकार करने से इनकार कर दिया और उन्हें पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंप दिया। अपने परिवार के दबाव में ज़ैनब ने बूटा सिंह के साथ अदालत में लौटने से इनकार कर दिया और अधिकारियों से अपनी बेटी को उनके साथ भेजने के लिए कहा।

Boota Singh and Zainab's love story — The real-life 'Tara and Sakina'

बूटा सिंह ने कर ली आत्महत्या और उनकी अंतिम इच्छा थी कि उन्हें उसी गांव में दफनाया जाए, जहां रह रही थी उनकी पत्नी

ऐसी कठिन परीक्षा से गुज़रने के बाद बूटा सिंह टूट गए थे। उन्होंने अपनी बेटी के साथ पाकिस्तान के शाहदरा स्टेशन के पास ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली, लेकिन वह बच गई। बूटा सिंह की कहानी यहीं खत्म नहीं हुई, उन्होंने अपने सुसाइड नोट में अपनी प्यारी पत्नी ज़ैनब के गांव में दफन होने की इच्छा जताई, लेकिन परिवार ने इसकी इजाजत नहीं दी। बूटा सिंह को बाद में लाहौर के मियां साहिब में दफनाया गया।

Boota Singh and Zainab's love story — The real-life 'Tara and Sakina'

इन वर्षों में बूटा सिंह और ज़ैनब की लव स्टोरी ने कई हिट बॉलीवुड फिल्मों को प्रेरित किया। सिर्फ 'गदर' ही नहीं फिल्म 'वीर जारा' भी इससे प्रेरित थी। बूटा सिंह और जैनब की प्रेम कहानी का दुखद अंत हुआ। जहां बूटा सिंह का परिवार उनके बारे में बात नहीं करता, वहीं जैनब के परिवार के लोग उस घटना को याद भी नहीं करना चाहते। एक बार एक पत्रकार उनके गांव में गया था, तो उसे इस मामले के बारे में कभी बात नहीं करने के लिए कहा गया था।

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फिलहाल, बूटा सिंह और ज़ैनब की लव स्टोरी के बारे में आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

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