ये बात आप अक्सर सुनते हैं कि, भारत विविधता वाला देश है। यहां एक ही त्योहार को 10 अलग-अलग अंदाज में मनाया जाता है। भारत में शादी किसी त्योहार से कम नहीं होती है और यहां शादी भी अलग-अलग अंदाज में होती है। जिस तरह हर शादी में दूल्हा और दुल्हन के कपड़े और तैयारियां मायने रखती हैं, इसी तरह शादियों में रीति-रिवाज और रस्में भी काफी जरूरी होती हैं। हर शादी में सगाई से लेकर विदाई तक की रस्म होती है और इन सभी रस्मों को हर धर्म और समाज में अलग-अलग अंदाज में पूरा किया जाता है। इमसें से एक सिंधी समाज भी है, जिनकी शादी में होने वाली एक यूनिक रस्म के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
कहा जाता है कि, सिंधी लोग अपनी लाइफ को राजा की तरह जीते हैं और इसकी झलक उनकी शादियों में देखने को मिलती है। सिंधी लोगों की शादियों में जितना धमाल होता है, उतना ही उसमें रीति-रिवाज और रस्मों को आगे भी रखा जाता है। यानी की इनकी शादियों में मस्ती के साथ 21वीं सदी का टच देकर हर रस्म को पूरा किया जाता है। आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए सिंधी शादी की हल्दी सेरेमनी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो काफी यूनिक और मजेदार होती है, क्योंकि सिंधी शादियों में दूल्हे के कपड़ों को उनके रिश्तेदार मिलकर फाड़ देते हैं। आइए इसके पीछे की वजह बताते हैं।
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सिंधी शादी में कई मजेदार रस्में होती हैं, जिसमें दूल्हा और दुल्हन के रिश्तेदार और परिवार वाले खूब धमाल मचाते हैं। जैसे इन शादियों में दुल्हन की मां दूल्हे की नाक खींचती हैं, तो वहीं दुल्हन की बहनें (सालियां) अपने जीजा जी के जूते चुराती हैं, जिसके बदले में दुल्हन की बहनों को दूल्हे की तरफ से रस्म के तौर पर नेग दिया जाता है। इन्हीं सबके बीच इस शादी में हल्दी सेरेमनी भी होती है, जिसमें दूल्हे के कपड़े फाड़े जाते हैं, जिसका भी एक बहुत बड़ा अर्थ है।
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सिंधी शादी में हल्दी सेरेमनी की शुरूआत दूल्हे के सिर पर तेल लगाने से होती है। ये रस्म दूल्हे के परिवार के लोग, रिश्तेदार और दोस्त सभी मिलकर करते हैं, स्पेशली शादीशुदा लोग इस रस्म का हिस्सा बनते हैं। इसके बाद दूल्हे के सीधे पैर में एक जूता पहनाया जाता है और फिर दूल्हा उसी पैर से मिट्टी का बर्तन तोड़ता है। इसके बाद सभी लोग मिलकर दूल्हे के कपड़े फाड़ देते हैं। यह रस्म सिंधी शादी की सबसे अमेजिंग रस्मों में एक होती है, जिसमें सभी लोग मिलकर काफी मस्ती करते हैं। ये रस्म जितनी मजेदार है, उतनी ही अच्छी इसे करने की वजह भी है।
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ये बात सच है कि हर किसी का मानना है कि, शादी के बाद लड़का और लड़की अपनी जिंदगी की नई शुरूआत करते हैं। दोनों मिलकर एक नई गृहस्थी शुरू करते हैं, जिसमें उन्हें कई नई जिम्मेदारियां मिलती हैं और इन जिम्मेदारियों को जो हंसते-हंसते पार करता है, उसी की शादी को सफल माना जाता है। तभी तो कहते हैं कि, शादी का फैसला, जिंदगी का सबसे बड़ा फैसला होता है। सिंधी लोगों का भी यही मानना होता है। हल्दी सेरेमनी में दूल्हे के कपड़े फाड़ना जीवन की नई यात्रा करने का प्रतीक है। उनका मानना है कि, शादी के बाद इंसान नए जीवन की शुरुआत करता है और इसी वजह से दूल्हे के कपड़े फाड़े जाते हैं।
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हल्दी सेरेमनी के दौरान दूल्हा जो कपड़े पहनता है, वो पुराने होते हैं और वो उसके पुराने जीवन का प्रतीक होता है। ऐसे में सभी रिश्तेदार मिलकर दूल्हे को कपड़े फाड़कर उसकी जिंदगी की सारी बुराई को दूर करते हैं और दूल्हे को नए जीवन के लिए तैयार करते हैं। इसके अलावा, कपड़े फाड़ने का ये भी मतलब है कि, लड़के का कुंवारापन अब खत्म हो गया है। कहा जाता है, इस रस्म के बाद दूल्हे की जिंदगी की सारी परेशानियां खत्म हो जाती हैं और जब वह वैवाहिक जिंदगी शुरू करता है, तो उसके जिंदगी में कोई परेशानी नहीं आती।
फिलहाल, इस बात में कोई शक नहीं है कि, सिंधी शादी की ये रस्म काफी अच्छी और यूनिक है। अगर आपने कभी सिंधी शादी का मजा लिया है? तो हमें कमेंट बॉक्स में बताएं और अगर आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो जरूर दें।