हाल ही में, एक साक्षात्कार में एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर ने अपने बच्चों सैफ, सोहा और सबा अली खान की उनके और उनके पिता स्वर्गीय मंसूर अली खान पटौदी के साथ अलग-अलग समानताओं के बारे में बात की है।
दिग्गज अभिनेत्री शर्मिला टैगोर (Sharmila Tagore) 60 के दशक में फेमस क्रिकेटर मंसूर अली खान 'पटौदी' (Mansoor Ali Khan Pataudi) पर अपना दिल हार बैठी थीं और 1969 में उन्होंने शादी कर ली थी। इस जोड़े ने तीन बच्चों सैफ अली खान, सबा अली पटौदी और सोहा अली खान को जन्म दिया। अलग-अलग धर्मों से संबंधित होने के बावजूद शर्मिला और मंसूर दोनों ने अपनी मान्यताओं का सम्मान किया, जिसने उन्हें अब तक के सबसे पॉपुलर सेलिब्रिटी कपल्स में से एक साबित किया है।
'बॉलीवुड बबल' के साथ हाल ही में एक साक्षात्कार में शर्मिला टैगोर ने याद किया जब लोगों ने उनसे पूछा कि कैसे उनके पति मंसूर अली खान पटौदी ने उन्हें उनकी शादी के बाद भी फिल्मों में काम करने की अनुमति दी। अभिनेत्री ने स्वीकार किया कि लोगों से इस तरह के सवाल सुनना काफी सामान्य था, क्योंकि उस जमाने में महिलाओं को पढ़ने की भी अनुमति नहीं थी। शर्मिला ने अपनी मां का भी उदाहरण दिया और खुलासा किया कि कैसे उन्हें को-एड यूनिवर्सिटी में पढ़ने की इजाजत नहीं थी। अपने समय और वर्तमान हालात के बीच के अंतर पर विचार करते हुए शर्मिला ने साझा किया, "मुझे अपने परिवार से बहुत सपोर्ट मिला, मेरे पति, जिन्होंने मुझे हमेशा स्पेस दिया, हमेशा हर चीज़ में मेरा साथ दिया। मुझे खुद को समझाने की ज़रूरत नहीं पड़ी, इसलिए मेरे पास इस तरह का सपोर्ट था। मैं इससे बहुत धन्य हूं। मेरी मां को को-एड यूनिवर्सिटी में जाने की अनुमति नहीं थी, उन्हें अपना एमए प्राइवेट तौर पर करना पड़ा था। मुझसे पूछा गया है, 'तुम्हारे पति ने तुम्हारी शादी के बाद तुम्हें कैसे काम करने दिया।' हालांकि, अब चीजें बदल रही हैं। हम आगे जा रहे हैं।"
उसी इंटरव्यू में शर्मिला टैगोर ने अपने तीनों बच्चों सोहा अली खान, सैफ अली खान और सबा अली पटौदी के बारे में बात की। तीन बच्चों की प्यारी मां ने खुलासा किया कि उनके बच्चों में अपनी मां के साथ-साथ उनके पिता स्वर्गीय मंसूर अली खान पटौदी के गुण हैं। यह खुलासा करते हुए कि सैफ उन्हें काफी पसंद करते हैं, क्योंकि वे समान स्वभाव साझा करते हैं, अनुभवी अभिनेत्री ने कहा कि सोहा अपने पिता टाइगर पटौदी की तरह अधिक हैं और सबा दोनों का मिश्रण हैं। शर्मिला टैगोर और मंसूर अली खान की वेडिंग फोटो देखने के लिए यहां क्लिक करें।
बता दें कि मंसूर अली खान पटौदी का 22 सितंबर 2011 को दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया था। दिग्गज क्रिकेटर लंग इंफेक्शन से जूझ रहे थे, जिसके चलते उन्होंने 70 साल की उम्र में अपनी जान गंवाने से पहले कई वर्षों तक संघर्ष किया था। 'बॉलीवुड बबल' के साथ इसी साक्षात्कार में शर्मिला टैगोर ने अपने पति के निधन के प्रभाव के बारे में भी बात की। उसी के बारे में बताते हुए उन्होंने स्वीकार किया कि वह इस कहावत में विश्वास नहीं करतीं कि समय सभी घावों को भर देता है।
हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि वह उन्हें याद नहीं करती हैं, क्योंकि वह हमेशा अपने पति की उपस्थिति का अनुभव करती हैं। शर्मिला टैगोर ने इसी विषय पर अपनी फिल्म 'गुलमोहर' के सह-कलाकार मनोज बाजपेयी के विचारों को बताते हुए कहा कि हम किसी व्यक्ति की यादों को हमेशा याद रखते हैं, उन्हें खोने के बाद भी। उन्होंने यह भी बताया कि जब भी वह कुछ नया करने वाली होती हैं और कोई फैसला लेने वाली होती हैं, तो उन्हें अपने पति मंसूर अली खान पटौदी के बारे में पता होता है। शर्मिला ने कहा, "ठीक है, मुझे लगता है कि बहुत से लोग कहते हैं कि समय के साथ सब कुछ ठीक हो जाता है, लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता है। मुझे लगता है कि यादें ठीक हो जाती हैं और फिर जैसा कि मनोज बाजपेयी ने कहा कि आप सिर्फ यादें याद करते हैं और मैं उन्हें याद नहीं करती, क्योंकि मैं उनकी (मंसूर अली खान पटौदी) उपस्थिति को महसूस करती हूं। मुझे पता है कि अगर मैं कुछ करना चाहती हूं, अगर मैं कुछ कहना चाहती हूं, तो उनका जवाब क्या होता। तो मुझे जवाब पता है।'
इसके अलावा, इसी साक्षात्कार में शर्मिला टैगोर ने अपने पति मंसूर अली खान के साथ अपने विवाहित जीवन के बारे में भी बात की और स्वीकार किया कि वे हमेशा एक-दूसरे के विचारों का सम्मान करते थे और इस धारणा का पालन करने की पूरी कोशिश करते थे कि "असहमत होना भी ठीक है।" बिंदास पत्नी ने स्वीकार किया कि ऐसे कई विषय थे, जिन पर उनके अलग-अलग विचार थे, लेकिन साथ ही कई चीजें थीं, जिन पर उनके और मंसूर के विचार समान थे। उसी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, "तो आप जानते हैं कि कभी-कभी आप बहस करते हैं, लेकिन कुछ चीजें जिन पर हम कभी सहमत नहीं हुए और फिर आप एक-दूसरे को देखते हैं व आप इसे जानते भी हैं। इसलिए मुझे लगता है कि ये मेरे निजी विचार हैं, जिनसे मुझे बचना नहीं है और मैं हर समय उनकी (मंसूर अली खान पटौदी) उपस्थिति महसूस करती हूं। वह मेरे जीवन का हिस्सा हैं।" शर्मिला टैगोर और मंसूर अली खान की लव स्टोरी के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक करें।
शर्मिला टैगोर के वर्क फ्रंट की बात करें, तो वह अगली बार बहुप्रतीक्षित फिल्म 'गुलमोहर' में दिखाई देंगी। तो एक्ट्रेस के इस स्टेटमेंट पर आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।