एक्टिंग की दुनिया से लेकर सियासत के गलियारों तक अपना नाम बनाने वाली केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। स्मृति मल्होत्रा के नाम से जन्म लेने वाली वह लड़की, जो आज लोगों के बीच में स्मृति ईरानी के नाम से जानी जाती हैं, अपने परिवार में लड़कियों में सबसे बड़ी थीं। उनका परिवार संस्कृति और संस्कारों में काफी विश्वास रखने वाला है। स्मृति बहुत ही शान्त स्वभाव वाली थीं। किसी ने कभी नहीं सोचा था कि वह आज अपनी जिन्दगी में इतना बड़ा मुकाम हासिल कर लेंगी।
लोग कहते हैं कि किसी आदमी की सफलता के पीछे एक औरत का हाथ होता है, लेकिन हम आज ऐसे कपल के बारे में बात कर रहे हैं जिन्होंने एकदूजे को अपने-अपने कार्यक्षेत्र में हमेशा सहारा दिया और एक-दूसरे के फैसलों संग ढाल बनकर खड़े रहे। जी हां, हम बात कर रहे हैं स्मृति ईरानी और उनके पति जुबिन ईरानी की लव स्टोरी के बारे में। जो पहले अच्छे दोस्त बने और कुछ समय बाद एक-दूसरे के लाइफ पार्टनर बन गए।
स्मृति अपनी युवावस्था में काफी शान्त स्वभाव वाली लड़की थीं और अपनी बाकी दोनों बहनों की तरह अपने सपने को लेकर इतनी सजग नहीं थीं। मगर, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। स्मृति जैसे ही 16 साल की पूरी हुईं उनके शौक बदलने लगे थे। स्मृति ने गेम्स में हिस्सा लेना शुरु कर दिया और फिर अपनी किस्मत आजमाने मुंबई चली गई थीं। कुछ ही समय बाद स्मृति का 'मिस इंडिया कॉन्टेस्ट' में सेलेक्शन हो गया था, जिसमें उन्होंने टॉप 5 में जगह भी हासिल कर ली थी। यहीं से उनके मॉडलिंग करियर और स्ट्रगल की शुरुआत हुई थी। (इसे भी पढ़ें: हितेन तेजवानी और गौरी प्रधान की लव स्टोरी: सिर्फ 11 महीने में ही टूट गई थी एक्टर की पहली शादी)
अपने इन दिनों को याद करते हुए एक बार स्मृति ने बताया था कि 'मैंने 1998 में मिस इंडिया कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया था, मगर मेरे घर वालों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। मैं देखने में इतनी सुन्दर नहीं थीं और दिखने में किसी मॉडल के आस-पास भी नहीं थी, इसीलिए जब मुझे कॉन्टेस्ट के लिये शार्ट-लिस्ट कर लिया गया, तब मुझे काफी आश्चर्य हुआ और फिर मैं फाइनल्स के लिये मुंबई आई थी। मेरे पिता मेरे कॉन्टेस्ट में हिस्सा लेने से इतने खुश नहीं थे। किसी को विश्वास नहीं था कि मै फाइनल में भी पहुंच सकती हूं। मैंने अपने पिता से 2 लाख रुपये यह कहकर उधार लिए कि ये पैसे मैं उन्हें वापस भी कर दूंगी। मैं मुंबई आई और पूरी इमानदारी के साथ फाइनल की तैयारियों में जुट गई थी। मेरे पास कॉन्टेस्ट के लिये मेरा आउटफिट था, जो मनीष मल्होत्रा ने डिजाइन किया था। मैंने अपने ट्रेनिंग सेशन और अपने खाने के पैसों का भुगतान किया। बाहर का खाना, मुंबई का सफर, टैक्सी का किराया और अकेले रहने की वजह से मेरा खर्चा बढता जा रहा था। दुर्भाग्य से मैं आखिरी दौर तक आई, लेकिन वह कॉन्टेस्ट जीत नहीं पायी और बस अन्तिम पांच कंटेंस्टेंट में एक रही।' जब स्मृति कुछ रोल्स के लिये ऑडिशंस दे रही थीं, तभी उनकी दोस्ती होती है एक पारसी बिज़नेसमैन से, जिनका नाम जुबिन ईरानी था। उन्होंने उस वक्त सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनकी यह दोस्ती उनके जिन्दगी भर के साथ के रूप में बदल जाएगी। (इसे भी पढ़ें: रश्मि देसाई की लव लाइफः तलाक के बाद एक्ट्रेस की जिंदगी में आए 3 एक्टर, लेकिन नहीं बनी किसी से बात)
'क्योंकि सास भी कभी बहू थी', 'रामायण' जैसे टीवी शोज करने के बाद जब स्मृति अपने सफलता के शिखर पर थीं, तब स्मृति और जुबिन ने अपनी दोस्ती को एक नया स्वरूप देने का फैसला किया था। जुबिन ने अपनी मां के हाथों स्मृति को शादी का प्रपोजल भेजा था। स्मृति ने हमेशा यह माना है कि उनकी हर सफलता में उनके पति ने उनकी बहुत मदद की है व हिम्मत दी है और कई सालों से वे ऐसा करते आ रहे हैं। 2001 में दोनों एक-दूसरे के साथ शादी के बन्धन में बंध गए और हमेशा के लिए एक-दूजे के हो गए थे।
एक इंटरव्यू के दौरान स्मृति ने कहा था कि "मैंने जुबिन से शादी की, क्योंकि मुझे उनकी जरुरत थी। मैं उनसे सलाह लेती थी, उनसे बात करती थी, हम रोज मिलते थे। तो हमने सोचा कि क्यों ना हम एक-दूसरे से शादी कर लें और हमेशा के लिए एक अच्छे दोस्त और शादीशुदा कपल बन जाएं। मेरे और उनके, दोनों के घर वाले हमारी शादी से खुश थे और उन्होंने हमें अपना आशीर्वाद भी दिया। मैं कभी भी अपने घर वालों के खिलाफ जाकर शादी नहीं करना चाहती थी, क्योंकि मेरा हमेशा से यह मानना था कि अपनी फैमिली को दुख देकर शादी करने से कोई भी कपल कभी खुश नहीं रह पाता और उनकी शादी भी बर्बाद हो जाती है।"
2001 में इस कपल ने अपने पहले बच्चे का स्वागत किया था, जिसका नाम दोनों ने जोहर रखा और साल 2003 के अन्त में इनके घर एक बेटी का जन्म हुआ, जिसका नाम ज़ोइश रखा गया था। स्मृति अपने आपको एक पारिवारिक व्यक्ति के रूप में बताती हैं। उनके लिए उनके बच्चे व पति से बढ़कर और कुछ भी नहीं है, यही उनकी पहली प्राथमिकता है।
अपने टीवी से लिए ब्रेक को लेकर एक इंटरव्यू में स्मृति ने कहा था कि "मैं अपने घर को और अपनी फैमिली को अपनी पहली प्राथमिकता देती हूं। लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं कैसे 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में काम नहीं कर सकती, जो कि पति परमेश्वर के कल्चर पर आधारित है। यह मेरे लिए काफी आसान रोल होता, क्योंकि मैं भी अपने पति जुबिन ईरानी को अपना पति परमेश्वर मानती हूं। वह हर चीज़ में मेरी पहली पसंद हैं, लेकिन मैं भी उनकी परमेश्वर हूं और उनकी पहली प्राथमिकता भी हूं। लोग कहते हैं कि बच्चा हो जाने के बाद एक औरत अपने पति को छोड़ अपने बच्चे को पहले रखती है, लेकिन मैं अभी भी जुबिन को सबसे बढ़कर मानती हूं। कुछ महीने पहले ही मैने जोहर को जन्म दिया है, लेकिन जुबिन आज भी मेरे लिए सब कुछ हैं। मुझे पता है कि जोहर जब बड़ा होगा, वह मुझे छोड़ देगा और आखिरी में हमें ही एक-दूसरे का सहारा बनना है। जोहर एक जरिया है हमें एक साथ रहने का।"
जुबिन की मुलाकात जब स्मृति से हुई थी, उससे पहले उनकी शादी एक मॉडल को-ओर्डिनेटर मोना ईरानी से हो चुकी थी। जुबिन ने मोना को कुछ आपसी मतभेद के कारण तलाक़ दे दिया था, लेकिन मीडिया ने दावा किया था कि स्मृति से बढ़ती नजदीकियों के कारण जुबिन की शादीशुदा जिन्दगी में भूचाल आ गया था। मीडिया के इस दावे का सम्बन्ध सच से दूर-दूर तक नहीं था। हालांकि, स्मृति और मोना एक अच्छे दोस्त हैं और वो जुबिन-मोना की बेटी शनेल को अपनी बेटी की तरह ही मानती हैं।
स्मृति के अनुसार "मैं बहुत खुश हूं कि जुबिन मेरे साथ हैं, वह मेरे लिये एक उर्जा की तरह हैं। लोगों को बड़ा आश्चर्य होता है कि मेरी शादी इतनी सफल है, क्योंकि जुबिन का पहले तलाक़ भी हो चुका था। मगर जुबिन की पहली पत्नी मोना और उनकी बेटी शनेल से मेरी अच्छी दोस्ती है। उनके बीच की दूरियों से मेरा कोई नाता नहीं है। मेरा मतलब केवल जुबिन से और अपने बच्चों से है और यही मेरे लिए बहुत अच्छा है।"
स्मृति अपने परिवार को हमेशा 6 सदस्यों का परिवार मानती हैं। स्मृति का अपनी स्टेप डॉटर शनेल के साथ बॉन्ड काफी अच्छा है और वे दोनों एक-दूसरे से काफी प्रभावित भी रहती हैं।
जुबिन और स्मृति एक कपल के तौर पर काफी मजबूत हैं। एक तरफ जहां स्मृति राजनीति की दुनिया में अपना खूब नाम कमा रही हैं, तो दूसरी तरफ जुबिन अपने बिज़नेस को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा रहे हैं। एक कपल के रूप में स्मृति और जुबिन ने यह साबित किया है कि अगर आप अपने पार्टनर का साथ देते हैं, तो आप जीवन की किसी भी दुविधा का सामना आसानी से कर सकते हैं। आप लोगों को इन दोनों की लव स्टोरी कैसी लगी? कमेंट करके हमें जरूर बताएं और यदि कोई सुझाव हो तो अवश्य दें।