चंद्रयान 3 का 615 करोड़ का बजट कई हॉलीवुड फिल्मों से है कम, जानें ISRO ने इसे कैसे किया मैनेज

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी 'इसरो' के चंद्रयान-3 की लागत मात्र 615 करोड़ रुपए है। आइए आपको बताते हैं कि कैसे ISRO ने इस मिशन को कई हॉलीवुड फिल्मों की तुलना से कम बजट में कंप्लीट किया।

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By Shivakant Shukla Last Updated:

चंद्रयान 3 का 615 करोड़ का बजट कई हॉलीवुड फिल्मों से है कम, जानें ISRO ने इसे कैसे किया मैनेज

चंद्रयान-3 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन' (इसरो) का तीसरा चंद्र अन्वेषण मिशन (Lunar Exploration Mission) है। 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 को भारत के आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित 'सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र' के दूसरे लॉन्च पैड से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। इसके शुरुआती दौर से ही पूरे देश की नजर इसके डेवलवपमेंट पर रही है।

'चंद्रयान-3' की सॉफ्ट लैंडिंग से भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला बना चौथा देश 

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इसरो के अनुसार, चंद्रयान-3 को 23 अगस्त 2023 को शाम 6:04 बजे (IST) चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए निर्धारित किया गया था। उस समय देश-दुनिया की नजर चंद्रयान-3 पर थी। आखिरकार भारत ने इस मिशन में जीत हासिल की और चंद्रयान-3 की लैंडिंग सफल रही। यह निश्चित ही देश के लिए गर्व की बात है। लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान एक चंद्र दिवस तक एक्टिव रहेंगे, जो पृथ्वी पर 14 दिनों के बराबर है। भारत अब संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है।

चंद्रयान-3 का बजट है 615 करोड़ रुपए

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हालांकि, बहुत सारे देश चंद्रयान-3 के क्लाइमेक्स को देखने के लिए इंतज़ार कर रहे थे, इसका कारण यह था कि भारत ने इस मिशन पर केवल 75 मिलियन अमेरिकी डालर (615 करोड़ रुपए) खर्च किए हैं। अगर हम चंद्रयान-2 के बजट पर नजर डालें, तो इस बार काफी कम रुपए खर्च हुए हैं। बता दें कि इसरो ने चंद्रयान-2 पर 142 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 978 करोड़ रुपए खर्च किए थे, जो दुर्भाग्य से फेल हो गया था।

याद दिला दें कि चंद्रयान-2 एक सॉफ्टवेयर गड़बड़ी के कारण विफल हो गया था, जिसने लैंडर और पृथ्वी पर मिशन कंट्रोल सेंटर के बीच कम्युनिकेशन को प्रभावित किया था। विक्रम और प्रज्ञान दोनों चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे और यह वास्तव में दुनिया भर के सभी भारतीयों के लिए एक बेहद दुखद दिन था।

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हालांकि, जैसा कि भारतीयों को उम्मीद थी, इसरो फिर से खड़ा हुआ और चंद्रयान-3 के लिए तैयार हुआ। इस बार इसरो ने दुनिया भर के कई देशों को अपनी भावना से प्रेरित करते हुए कुल बजट को कम करके एक छाप छोड़ी। जब इसरो ने आधिकारिक तौर पर अपने मून मिशन की घोषणा की थी, तो चंद्रयान-3 का कुल बजट 615 करोड़ रुपए जानकर इंटरनेट पर तहलका मच गया था।

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मशहूर हॉलीवुड फिल्मों की तुलना में चंद्रयान-3 का बजट

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देखा जाए, तो चंद्रयान-3 का बजट हॉलीवुड की स्टार स्टडेड फिल्म के औसत बजट से भी काफी कम है। कुछ फेमस फिल्में, जो चंद्रयान-3 के 75 मिलियन अमेरिकी डॉलर के बजट से कहीं अधिक बजट पर बनी हैं, उनमें 'अवतार: द वे ऑफ वॉटर' (350 मिलियन अमेरिकी डॉलर), 'एवेंजर्स: इन्फिनिटी वॉर' (325 मिलियन अमेरिकी डॉलर), 'स्टार वार्स: द राइज़ ऑफ़ स्काईवॉकर' (275 मिलियन अमेरिकी डॉलर), 'जॉन कार्टर' (264 अमेरिकी अमरीकी डॉलर) शामिल हैं। जहां हॉलीवुड में निर्माता एक फिल्म बनाने में दोगुना या तिगुना पैसा खर्च कर रहे हैं, वहीं भारत बहुत कम बजट में अपना मून मिशन पूरा करने में कामयाब रहा है।

'आदिपुरुष', 'RRR' और '2.0' जैसी इं​​डियन फिल्मों के बराबर है चंद्रयान-3 का बजट

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इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि भारतीय सिनेमा का कंटेंट बढ़ रहा है, लेकिन यह भी एक कड़वा सच है कि अक्सर हमने निर्माताओं को फिल्मों पर काफी अधिक पैसा खर्च करते देखा है, जो अनावश्यक लगती है। उदाहरण के लिए, फेमस फिल्म निर्माता ओम राउत को 'आदिपुरुष' को बनाने में कथित तौर पर 500 से 700 करोड़ रुपए लगे, जो बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही। कुछ भारतीय फिल्में जिनका बजट चंद्रयान-3 के बजट के काफी करीब है, उनमें 'आरआरआर' (550 करोड़ रुपए), '2.0' (600 करोड़ रुपए), 'पोन्नियिन सेलवन' (500 करोड़ रुपए), 'साहो' (350 करोड़ रुपये) और 'ब्रह्मास्त्र' (400 करोड़ रुपए) जैसी फिल्में शामिल हैं। 

जब एलन मस्क ने चंद्रयान-3 और 'Interstellar' के बजट पोस्ट पर दी प्रतिक्रिया 

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21 अगस्त 2023 को 'न्यूजथिंक' ने चंद्रयान-3 के बजट के बारे में एक न्यूज आर्टिकल पोस्ट किया था और बताया था कि यह क्रिस्टोफर नोलन की फेमस फिल्म 'इंटरस्टेलर' के बजट से कैसे कम है। यह ट्वीट एक्स (औपचारिक रूप से ट्विटर के रूप में जाना जाता है।) पर वायरल हो गया था और यहां तक कि एक्स के मालिक एलन मस्क का भी ध्यान खींचा था। उन्होंने जवाब देते हुए लिखा था, "भारत के लिए अच्छा है"।

कैसे चंद्रयान-3 के बजट को घटाकर मात्र 615 करोड़ तक लाने में कामयाब रहा इसरो? 

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इंटरनेट पर सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवालों में से एक यह है कि इसरो चंद्रयान-3 का बजट कम करने में कैसे कामयाब रहा। हालांकि, यह स्पष्ट है कि इसरो ने सार्वजनिक रूप से कुछ खुलासा नहीं किया है, लेकिन अगर रिपोर्टों पर विश्वास किया जाए, तो अंतरिक्ष संगठन स्वदेशी टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है और ग्लोबल पार्टनर्स के साथ कोलैबोरेट करता है, जिससे उन्हें बजट कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, इसरो के अध्यक्ष के सिवन के अनुसार, चंद्रयान-3 में निवेश किया गया हर एक रुपया अच्छा रिजल्ट सुनिश्चित करने के लिए किया गया था।

चंद्रयान-3: मिलिए इसरो के 'मून मिशन' के पीछे प्रमुख वैज्ञानिकों से

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इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि जो भी इसरो का हिस्सा है, वह भारत के मून मिशन के लिए श्रेय का हकदार है। बता दें कि चंद्रयान-3 के पीछे छह प्रमुख अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की एक टीम है। टीम में एस सोमनाथ (इसरो अध्यक्ष), पी वीरमुथुवेल (प्रोजेक्ट डायरेक्टर), मोहना कुमार (मिशन डायरेक्टर), एस उन्नीकृष्णन नायर (विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक), एम शंकरन (यू आर राव सैटेलाइट सेंटर के निदेशक) और ए राजराजन (प्रक्षेपण प्राधिकरण बोर्ड के प्रमुख) शामिल हैं।

फिलहाल, हॉलीवुड और बॉलीवुड फिल्मों की तुलना में चंद्रयान-3 के बजट पर आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

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