हमारे समाज में समानता को लेकर कई सारी बातें की जाती हैं। डिबेट से लेकर पॉलिटिकल रैली तक लड़का और लड़की को एक समान लाइन में खड़ा करने का भाषण दिया जाता है। कहा जाता है ‘लड़कियां लड़कों से कम होती हैं क्या’, लेकिन कभी ये नहीं कहा जाता है ‘लड़के लड़कियों से कम होते हैं क्या’। ये कुछ वाक्य बताते हैं कि लड़कियां आज भी लड़कों से कमजोर हैं। हालांकि, अब स्थिति काफी हद तक बदल चुकी है। लड़कियां अब आत्म निर्भर हैं, व्यवसायिक क्षेत्र में अपना नाम कमा रही हैं, अपनी शर्तों पर जी रही हैं। लेकिन एक सवाल आज भी बना हुआ है कि, ‘क्या वाकई लड़के-लड़कियों के बीच समानता है?’
इस सवाल का जवाब उस वक्त देखने को मिला, जब एक शख्स ने अपनी शादी में अपनी वाइफ के साथ मंगलसूत्र एक्सचेंज किया। जी हां, एक मर्द ने अपने गले में मंगलसूत्र पहना। वही मंगलसूत्र, जिसे लड़के लड़कियों के गले में पहनाते हैं और इसी मंगलसूत्र को सुहाग की निशानी कहा जाता है। ये समाज की रीति-रिवाजों के बदलाव की तरफ एक कदम है, जिसे महाराष्ट्र के रहने वाले शार्दुल कदम (Shardul Kadam) ने उठाया है। लेकिन शार्दुल के लिए समाज को चुनौती देना आसान नहीं था। इसके लिए उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा।
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शार्दुल ने अपनी इस इंस्पिरेशनल स्टोरी को ‘ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे’ के संग बातचीत में बताई। उन्होंने बताया कि, कैसे उन्होंने अपनी शादी में मंगलसूत्र एक्सचेंज करने का फैसला किया। कैसे उनकी फैमिली ने इस पर अपना रिएक्शन दिया। कैसे शादी में मौजूद कुछ मर्द उनके खिलाफ खड़े हुए थे और सोशल मीडिया पर उन्हें किस तरह की शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था। आइए आपको इन सभी सवालों के जवाब देते हैं।
पहले, शार्दुल और तनुजा की लव स्टोरी पर एक नजर डाल लेते हैं। शार्दुल ने ‘ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे’ को दिए एक इंटरव्यू में तनुजा संग अपनी लव स्टोरी पर भी खुलकर बात की। शार्दुल ने बताया, “मैंने और तनुजा ने एक ही कॉलेज से पढ़ाई की है, लेकिन हम मुश्किल से ही कभी बात किए होंगे। हमारे ग्रेजुएट होने के 4 साल बाद अचानक हम एक-दूसरे से फिर से कनेक्ट हुए। उसने इंस्टाग्राम पर सिंगर हिमेश रेशमिया का एक गाना शेयर किया था, जिसके साथ उसने कैप्शन में लिखा था ‘टॉर्चर’। तब मैंने जवाब देते हुए लिखा था, ‘महा टॉर्चर।’ इस तरह हमने एक-दूसरे से बात करनी शुरू की।”
अपनी लव स्टोरी सुनाते हुए शार्दुल ने बताया कि काफी दिनों तक बातचीत होने के बाद उनकी लेडीलव तनुजा ने पहले चाय पर जाने के लिए पूछा था। शार्दुल ने कहा, “तनुजा ने मुझसे पूछा था, ‘चाय पर मिलें?’ हम मिले और हमने काम, फिल्मों, फ्यूचर प्लांस के बारे में बातें कीं। जब हम फेमिनिज्म (नारीवाद) के बारे में बात कर रहे थे, तब मैंने उससे कहा था, ‘मैं एक कट्टर फेमिनिस्ट हूं।’ ये सुनकर तनुजा काफी इंप्रेस हुई। एक महीने के बाद हम काम के बाद मिले। इसके बाद मेरे बर्थडे पर, उसने मुझे एक हेंडमेड कार्ड दिया था। मैं जानता था कि मैं उसे पहले से ही पसंद करता हूं। इसलिए मैंने उससे कह दिया था, ‘मुझे लगता है कि ये मेरे लिए काफी सीरियस है।’ दो दिन के बाद उसने मुझे प्रपोज कर दिया। हमने एक-दूसरे को एक साल तक डेट किया, फिर परिवार वालों को इसके बारे में बताया।”
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शार्दुल ने इंटरव्यू में बताया कि, मंगलसूत्र एक्सचेंज करने का आइडिया उनका ही था। उन्होंने ही अपनी गर्लफ्रेंड से वाइफ बनी तनुजा और अपनी फैमिली के सामने मंगलसूत्र एक्सचेंज करने का विचार रखा था। शार्दुल ने कहा, ‘जब सितंबर में कोरोना महामारी की पहली लहर थी, तब हमने शादी की प्लानिंग शुरू कर दी थी। तब मैंने तनुजा से कहा था, “क्यों हमेशा लड़कियां ही मंगलसूत्र पहनती हैं?’ हम दोनों बराबर हैं। इसलिए मैं घोषणा करता हूं कि, ‘मैं भी मंगलसूत्र पहनूंगा।’ ये सुनकर मेरे पेरेंट्स हैरान रह गए थे। रिश्तेदारों ने मुझसे कहा था, ‘तुम ऐसा क्यों करना चाहते हो?’ मैंने उनसे कहा कि मेरे लिए शादी का मतलब बराबरी है।” यही नहीं, शार्दुल ने अपने ससुराल वालों को ये भी कहा था कि, शादी का खर्चा दोनों फैमिलीज मिलकर उठाएगी।
शार्दुल का कहना है कि, वो इस मंगलसूत्र को पूरी जिंदगी पहनेंगे। उन्होंने इंटरव्यू में बताया, “मुझे याद है। तनुजा ने मुझसे पूछा था, ‘क्या यह एक दिन की बात है या इसे रोज़ पहनना है?’ तब मैंने उससे कहा, ‘मैं इसे रोज़ पहनूंगा।’ तब मैंने और तनुजा ने एक-दूसरे के गले में मंगलसूत्र बांधा था, तब हम बहुत खुश हुए थे। लेकिन कुछ मर्द खुश नहीं थे। हालांकि, उन्होंने कुछ भी नहीं कहा था। लेकिन तनुजा और मैं सोशल मीडिया पर बुरी तरह ट्रोलिंग का शिकार हो गए। एक न्यूजपेपर ने हमारी स्टोरी उठाई और लिखा ‘दूल्हा ने पहना मंगलसूत्र।’ लोग इस पर कमेंट कर रहे थे। किसी ने लिखा था, ‘अब साड़ी भी पहन लो।’ एक शख्स ने कमेंट करते हुए लिखा, ‘महीने में एक बार ब्लीडिंग भी होती है क्या?’ यहां तक कि, लिंग समानता की बात कहने वाले लिबरल ने भी कमेंट करते हुए कहा, ‘जेंडर की समानता का सपोर्ट करने का ये कोई तरीका नहीं है।’”
समाज के रीति-रिवाज को चुनौती देते हुए शार्दुल कदम ने बताया कि, उन्हें नहीं पता था कि उन्हें इस तरह की ट्रोलिंग का सामना करना पड़ेगा। शार्दुल ने कहा, “मुझे पता था कि ये हो सकता है। लेकिन इसकी हद ने मुझे चौंका दिया। पहले तनुजा इससे काफी प्रभावित हुई थीं, लेकिन अब 4 महीने बीत चुके हैं और हमने इससे डील करना सीख लिया है। तनुजा और मैं हमारे रिश्ते को किसी और से बेहतर परिभाषित कर सकते हैं। हम एक-दूसरे के काम का समर्थन करते हैं, एक-दूसरे के सपनों में विश्वास करते हैं, और एक साथ इस यात्रा में हैं। तो, कौन परवाह करता है कि दुनिया क्या सोचती है?”
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फिलहाल, शार्दुल कदम के इस स्टेप पर जहां लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग उनकी तारीफें भी कर रहे हैं। वैसे, हम जानना चाहते हैं कि शार्दुल के इस कदम पर आपकी क्या राय है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं साथ ही कोई सुझाव हो तो अवश्य दें।