Sudha-Narayana Murthy के बेटे ने एक स्टार्टअप के लिए छोड़ी 6,90,000 करोड़ की 'Infosys', जानें वजह

यहां हम आपको नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति के बेटे रोहन मूर्ति के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने एक स्टार्टअप में काम करने के लिए 6,90,000 करोड़ की कंपनी 'इंफोसिस' को लीड करने का मौका ठुकरा दिया।

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By Shivakant Shukla Last Updated:

Sudha-Narayana Murthy के बेटे ने एक स्टार्टअप के लिए छोड़ी 6,90,000 करोड़ की 'Infosys', जानें वजह

'इंफोसिस लिमिटेड' भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी है। जब भी कोई छात्र इंजीनियरिंग चुनता है, तो इंफोसिस उसकी सपनों की कंपनियों की लिस्ट में सबसे ऊपर होती है। कंपनी की स्थापना 1981 में एन.आर. नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने की थी। यह 'NYSE' (न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज) और 'BSE' (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) में लिस्टेड है। जहां अधिकांश लोग इस बात से अवगत हैं कि इंफोसिस एक आईटी कंपनी है, फिर भी कई लोग हैं, जो नहीं जानते कि कंपनी वास्तव में क्या करती है।

कंप्यूटर खरीदने में सक्षम न होने से लेकर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी बनने तक, जाने इंफोसिस के सफर के बारे में

बता दें कि इंफोसिस फाइनेंस, मैन्युफैक्चरिंग, बीमा और कई अन्य डोमेन में भारत की कुछ सबसे बड़ी कंपनियों को मेंटीनेंस और सॉफ्टवेयर डेवलवमेंट सर्विस प्रदान करता है। इतना ही नहीं, इंफोसिस आउटसोर्सिंग, कंसल्टेंसी और नेक्स्ट जेनरेशन इंटीग्रेटेड एआई प्लेटफॉर्म (जिसे पहले मन के नाम से जाना जाता था) प्रदान करने में ग्लोबल लीडर है। कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, इंफोसिस वर्तमान में दुनिया भर के 50 से अधिक देशों में काम कर रही है।

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मल्टीनेशनल आईटी कंपनी इंफोसिस का मुख्यालय बैंगलोर (कर्नाटक) में है। 'ब्रांड फाइनेंस 2024' की एक रिपोर्ट के अनुसार, 'एक्सेंचर' और 'टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड' के बाद नारायण मूर्ति की इंफोसिस दुनिया की तीसरी सबसे कीमती आईटी सर्विस ब्रांड है। नारायण मूर्ति और उनकी टीम दुनिया के हर यंग एंटरप्रेन्योर के लिए प्रेरणा है, क्योंकि एक समय था जब यह विशाल आईटी फर्म एक भी कंप्यूटर नहीं खरीद सकती थी। 1981 में अपनी स्थापना के लगभग दो साल बाद इंफोसिस को अपना पहला कंप्यूटर मिला था।

मिलिए नारायण मूर्ति-सुधा मूर्ति के बच्चों अक्षता, रोहन और ग्रैंड चिल्ड्रेन अनुष्का-कृष्णा व एकाग्र से

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नारायण मूर्ति ने 10 फरवरी 1978 को सुधा मूर्ति से शादी की थी और उनके दो बच्चे अक्षता मूर्ति (1980) व रोहन मूर्ति (1983) हैं। अक्षता की शादी यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से हुई है। कपल की दो बेटियां अनुष्का और कृष्णा हैं।

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नारायण और सुधा के बेटे रोहन की बात करें, तो उनकी शादी अपर्णा कृष्णन से हुई है, जो एक एंगेजमेंट मैनेजर हैं। कपल ने 10 नवंबर 2023 को अपने बेटे का स्वागत किया था, जिसका नाम उन्होंने एकाग्र रखा है।

नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति के बेटे रोहन मूर्ति की शिक्षा

Narayana Murthy

रोहन नारायण मूर्ति (जिन्हें रोहन मूर्ति के नाम से जाना जाता है) इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति और क्रिटिक्स द्वारा सराही गई लेखिका सुधा मूर्ति के बेटे हैं। रोहन ने अपनी स्कूली शिक्षा बेंगलुरु के मशहूर 'बिशप कॉटन बॉयज़ स्कूल' से पूरी की है। एक बार जब उनकी स्कूली शिक्षा समाप्त हो गई, तो वह प्रतिष्ठित 'कॉर्नेल विश्वविद्यालय' से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के लिए अमेरिका चले गए। रोहन ने 'हार्वर्ड यूनिवर्सिटी' से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में पीएचडी भी की है, जो 2011 में पूरी हुई थी।

जब Sudha Murthy ने की थी पति Narayana की आर्थिक मदद, 'Infosys' शुरू करने के लिए दिए थे 10,000 रुपए। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

नारायण मूर्ति के बेटे रोहन मूर्ति ने क्यों नहीं किया अपने पिता की 6,90,000 करोड़ की कंपनी इंफोसिस को लीड?

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इन सभी डिग्रियों के साथ रोहन मूर्ति जून 2013 में अपने पिता नारायण मूर्ति के साथ इंफोसिस में चेयरमैन ऑफिस में एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट के रूप में शामिल हुए। हालांकि, जून 2014 में नारायण मूर्ति ने इंफोसिस छोड़ दी और रोहन भी पूरी तरह से अलग रास्ते पर चले गए। उन्होंने इंफोसिस को और ऊंचाइयों तक ले जाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। हालांकि, तब खबरें थीं कि रोहन को इंफोसिस का उपाध्यक्ष चुना गया है, लेकिन उन्होंने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट 'Soroco' पर ध्यान केंद्रित करने के लिए यह सब छोड़ दिया था।

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2014 में रोहन मूर्ति ने जॉर्ज निचिस और अर्जुन नारायण के साथ 'Soroco' की सह-स्थापना की। रोहन और उनकी टीम का विजन कई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसोर्सेस की मदद से बिजनेस के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को संभालने के तरीके को बदलना है। रोहन वर्तमान में सोरोको में CTO (Chief Technology Officer) के रूप में कार्यरत हैं। हालांकि, सोरोको ने कभी भी अपने रेवेन्यू का खुलासा नहीं किया, 'नेल्सनहॉल वेंडर इवैल्यूएशन एंड असेसमेंट टूल' के अनुसार, स्टार्टअप का अनुमानित टॉप-लाइन रेवेन्यू 2022 में लगभग 150 करोड़ रुपए था।

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रोहन मूर्ति दुनिया के उन कुछ अरबपतियों के बच्चों में से एक हैं, जिन्होंने अपना साम्राज्य बनाने और सब कुछ नए सिरे से बनाने का फैसला किया। यह अविश्वसनीय है कि कैसे रोहन ने 600,000 करोड़ की कंपनी इंफोसिस के उपाध्यक्ष बनने का अवसर ठुकरा दिया और अपना स्टार्टअप शुरू किया। हालांकि, 'बिजनेस टुडे' के अनुसार, इंफोसिस में उनके 6,08,12,892 शेयरों से लाभांश आय 106.42 करोड़ रुपए है।

नारायण मूर्ति के बेटे रोहन मूर्ति की पहली शादी हुई थी लक्ष्मी वेणु से और 5 साल के भीतर हो गया था तलाक

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नारायण मूर्ति व सुधा मूर्ति के बेटे रोहन मूर्ति की मौजूदा शादी अपर्णा कृष्णन से हुई है और उनका एक बेटा भी है। हालांकि, हर कोई इस बात से वाकिफ नहीं है कि रोहन की यह दूसरी शादी है। उनकी पहली शादी टीवीएस मोटर के मानद चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन की बेटी लक्ष्मी वेणु से हुई थी। रोहन और लक्ष्मी की 2010 में सगाई हुई और 2011 में वे शादी के बंधन में बंधे थे। दुर्भाग्य से कुछ समस्याओं के कारण रोहन और लक्ष्मी ने अक्टूबर 2015 में अपनी शादी तोड़ दी थी।

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'Infosys' के को-फाउंडर Narayana Murthy और Sudha Murty की शादी में खर्च हुए थे सिर्फ 800 रुपए। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

फिलहाल, अपना खुद का स्टार्टअप शुरू करने के लिए इंफोसिस में उपाध्यक्ष का पद छोड़ने के रोहन मूर्ति के फैसले पर आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

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