'Infosys' के को-फाउंडर Narayana Murthy और Sudha Murty की शादी में खर्च हुए थे सिर्फ 800 रुपए

यहां हम आपको देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक 'इंफोसिस' के को-फाउंडर नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति की सिंपल शादी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें सिर्फ 800 रुपए खर्च हुए थे।

img

By Pooja Shripal Last Updated:

'Infosys' के को-फाउंडर Narayana Murthy और Sudha Murty की शादी में खर्च हुए थे सिर्फ 800 रुपए

देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक 'इंफोसिस' के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) और उनकी पत्नी व पॉपुलर लेखिका सुधा मूर्ति (Sudha Murty) अपने विनम्र स्वभाव और सिंपल लाइफस्टाइल के लिए जाने जाते हैं। बहुत से लोग नहीं जानते होंगे कि नारायण मूर्ति ने अपनी पत्नी द्वारा दिए गए 10,000 रुपए की मदद से कंपनी की स्थापना की थी। यही नहीं, उनकी शादी भी बहुत सिंपल तरीके से हुई थी, जिसके बारे में अब सुधा ने खुलकर बात की है।

सिर्फ 800 रुपए में हुई थी नारायण-सुधा मूर्ति की शादी

एक हालिया साक्षात्कार में सुधा मूर्ति ने अपनी और नारायण मूर्ति की शादी से पहले हुई चर्चाओं के बारे में जानकारी साझा की। 75 से अधिक लोगों वाला एक बड़े परिवार से होने पर उन्होंने कहा, "हर किसी का एक फैमिली ट्री होता है; जबकि मेरे पास एक पारिवारिक वन है।" हालांकि, समाज की सोच के विपरीत सुधा ने अपनी शादी के लिए एक सिंपल समारोह चुना था, जो कमिटमेंट और पवित्रता पर आधारित था। 

narayan murthy-sudha murthy

जब Sudha Murthy ने की थी पति Narayana की आर्थिक मदद, 'Infosys' शुरू करने के लिए दिए थे 10,000 रुपए, पढ़ें पूरी खबर

दरअसल, 1978 में सुधा मूर्ति और नारायण मूर्ति शादी के बंधन में बंधे थे, जिसमें सुधा ने ज्यादा खर्च को अहमियत न देते हुए और फिजूलखर्च से बचने के लिए कुल 400 रुपए का योगदान दिया था। इस तरह उनकी शादी का खर्च कुल 800 रुपए था।

दरअसल, जहां लोग शादी में दिल खोलकर खर्च करने को अहमियत देते हैं, वहीं इस कपल ने घर पर सिंपल तरीके से शादी करने का फैसला लिया था, जिसमें उनके परिवार और करीबी लोग ही शामिल हुए थे। शादी में सुधा मूर्ति की ओर से केवल 6 लोग उपस्थित थे। उनकी शादी की स्पेशल चीज उनके मंगलसूत्र चुनने की सादगी थी।

sudha murthy

जब 'Infosys' फाउंडर Narayana Murthy-Sudha Murty ने तिरुपति मंदिर में दान किया गोल्डन शंख-कछुए की मूर्ति, जानें इसकी खासियत और मान्यता

दरअसल, सुधा मूर्ति को 300 रुपए की साड़ी या फिर मंगलसूत्र में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया गया था, तो उन्होंने मंगलसूत्र चुना था। अपने आधे घंटे की शादी बाद कपल ने अपने घर के पास 'राघवेंद्र स्वामी मंदिर' में लंच का आनंद लिया था। कपल ने खुलासा किया कि सुधा मूर्ति ने अपने पति को उनकी शादी के दिन एक उपहार भी दिया था।

नारायण मूर्ति को इस बात का है पछतावा

'हिंदुस्तान टाइम्स' की रिपोर्ट के अनुसार, 'इंफोसिस' की शुरुआत के लिए सुधा ने 10,000 रुपए की पूंजी के साथ अपने पति नारायण की मदद की थी, जिसमें अशोक अरोड़ा, के दिनेश, क्रिस गोपालकृष्णन, नंदन नीलेकणि, एनएस राघवन और एसडी शिबूलाल लोग को-फाउंडर थे। ऐसे में नारायण ने पहले सभी सात लोगों की तुलना में अपनी पत्नी को अधिक योग्य होते हुए भी कंपनी से बाहर रखने पर खेद जताया।  

narayan murthy

'सीएनबीसी-टीवी 18' से बात करते हुए मूर्ति ने कहा, “मुझे यह महसूस हुआ कि अच्छे कॉर्पोरेट प्रशासन का मतलब इसमें परिवार को शामिल नहीं करना है, क्योंकि उन दिनों का एक नियम होता था कि परिवार के लोग आएंगे, तो कानूनों का उल्लंघन होगा।” उन्होंने इस पर पछतावा जताते हुए कहा, “मैंने खुले तौर पर कहा कि मैं गलत था। अब, मुझे इस पर विश्वास नहीं है। मुझे लगता है कि मैं उन दिनों जो कर रहा था वह गलत था। मैं गलत तरीके से आदर्शवादी था और एक तरह से, मुझे लगता है कि मैं उन दिनों के माहौल से बहुत प्रभावित था।"

इसके बाद जब उनसे पूछा गया कि क्या उनका बेटा रोहन मूर्ति किसी समय 'इंफोसिस' में शामिल होगा, इस पर उन्होंने कहा कि इसकी कोई संभावना नहीं है। उन्होंने बताया, “मुझे लगता है कि इन विचारों के मामले में वह मुझसे भी अधिक सख्त हैं। वह ऐसा कभी नहीं कहेंगे..कभी नहीं।'' दरअसल, रोहन खुद एआई टेक कंपनी 'Soroco' के संस्थापक और सीटीओ हैं। वहीं, मूर्ति की बेटी अक्षता की शादी ऋषि सुनक से हुई है, जो वर्तमान में यूके के प्रधानमंत्री हैं। वह भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री भी हैं। अक्षता की 'इंफोसिस' में 0.93 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

narayan murthy-sudha murthy

 ऋषि सुनक और अक्षता मूर्ति की लव स्टोरी से फैमिली व नेट वर्थ तक के बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करें

'इंफोसिस' में अब सिर्फ एक शेयर होल्डर हैं नारायण मूर्ति

इसके अलावा, जब उनसे 'इंफोसिस' से अलग होने के फैसले के बारे में पूछा गया, तो 77 वर्षीय नारायण ने खुद को "सिर्फ एक शेयरधारक" बताया। उन्होंने कहा, “निष्पक्षता से, मैं सिर्फ एक शेयरधारक हूं। 4 या 5 अगस्त 2017 को, जब नंदन नीलेकणी ने पदभार संभाला था, तब से 'इंफोसिस' में किसी भी मुद्दे पर मुझसे सलाह नहीं ली गई है। एक बार भी नहीं। यह सही बात है। मेरा मतलब है, वह वैसे ही काम कर रहे हैं, जैसे हम सब करते थे। इसलिए, 'इंफोसिस' के सबसे बड़े पारिवारिक शेयरधारक होने के अलावा, हमारा 'इंफोसिस' से कोई लेना-देना नहीं है। यह एक वास्तविकता है।" 

narayan murthy

फिलहाल, नारायण और सुधा मूर्ति के इन खुलासों पर आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

BollywoodShaadis.com © 2024, Red Hot Web Gems (I) Pvt Ltd, All Rights Reserved.