By Pooja Shripal Last Updated:
पूर्व टीवी एक्ट्रेस और नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) इस समय राजनीति में सक्रिय हैं। हालांकि, अपनी फैमिली लाइफ को लेकर वह अक्सर सुर्खियों में बनी रहती हैं। अब हाल ही में, उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में टूटे हुए परिवार से आने पर बात की। साथ ही यह भी बताया कि वह अपने बच्चों की रक्षा के लिए मौत से भी लड़ सकती हैं।
रणवीर अल्लाहबादिया के पॉडकास्ट के दौरान स्मृति ने बताया कि एक मां होना कैसे उन्हें भावनात्मक रूप से प्रभावित करता है। साथ ही यह भी बताया कि एक बिखरे हुए परिवार से आने पर उन्होंने क्या सीखा और इससे उनके बच्चों के लिए उनकी भावनाओं पर क्या असर पड़ा।
स्मृति कहती हैं, “मैं एक टूटे हुए घर की बच्ची हूं। मेरी सबसे बड़ी सीख यह थी कि मैं चाहती हूं कि मेरे बच्चे ये जानें कि मैं उनकी रक्षा करने के लिए मौत से भी लड़ सकती हूं।'' उन्होंने आगे कहा, ''मुझे लगता है कि एक बच्चे के लिए यह सबसे अच्छी फीलिंग होती है कि आपके पास ऐसे माता-पिता हैं, जो आपके लिए दुनिया से लड़ सकते हैं। एक मां के रूप में भगवान ने मुझे जो आशीर्वाद दिया है, वह यह है कि यदि मेरे बच्चे मुझसे दूर जाना चाहें, तो यह ठीक है, मैं उन्हें रोकूंगी नहीं, क्योंकि वे बहुत कुछ कर चुके होंगे। मैं उनके लिए मौत से लड़ भी सकती हूं, पर अगर वो मुझे छोड़कर जाना चाहें, तो जाने भी दे सकती हूं।''
उन्होंने अपने इंटरव्यू में यह भी बताया कि वह अपने बच्चों से बहुत प्यार करती हैं, लेकिन चौबीस घंटे उनके साथ नहीं रह सकतीं। उन्होंने कहा, “मैं अपने बच्चों को मरते दम तक प्यार कर सकती हूं, लेकिन 24 घंटे उनके सिर पर बैठी नहीं रह सकती। उन्हें भी स्पेस दो और खुद को भी।''
बता दें कि स्मृति ईरानी को तीन बच्चों का आशीर्वाद प्राप्त है। उन्होंने साल 2001 में जुबिन ईरानी से शादी की थी और उनके दो बच्चे हैं- ज़ोहर और ज़ोइश। स्मृति की एक सौतेली बेटी भी हैं, जिनका नाम शैनेल है। शैनेल ने फरवरी 2023 में शादी की थी, जो काफी ग्रैंड थी। उनकी शादी में शोबिज और राजनीति की दुनिया के कई सितारे शामिल हुए थे। शैनेल की शादी की तस्वीरें देखने के लिए यहां क्लिक करें।
इससे पहले, स्मृति ने फेमस स्टोरीटेलर और रेडियो की दुनिया की पॉपुलर हस्ती नीलेश मिश्रा के साथ एक इंटरव्यू में अपने माता-पिता के अलगाव पर बात की थी। इसे अपनी लाइफ का सबसे बुरा दौर बताते हुए उन्होंने कहा था, "मुझे यह कहने में 40 साल लग गए कि मेरे माता-पिता अलग हो गए थे। उन दिनों हमें हीन दृष्टि से देखा जाता था, लेकिन अब मुझे पता है कि उनके लिए अपनी जेब में सिर्फ 100 रुपए के साथ जीवन जीना और सभी का ख्याल रखना कितना कठिन था।"
उन्होंने आगे बताया था, ''मेरे पिताजी एक आर्मी क्लब के बाहर किताबें बेचते थे। मैं उनके साथ बैठती थी और मेरी मां अलग-अलग घरों में जाकर मसाले बेचती थीं। मेरे पिताजी ने ज्यादा पढ़ाई नहीं की थी, जबकि मेरी मां ग्रेजुएट थीं, इसलिए वहां वे मतभेद और संघर्ष भी हो सकते थे।" पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
फिलहाल, स्मृति ईरानी केंद्रीय मंत्री के रूप में अपनी भूमिका निभा रही हैं और अक्सर अपने सोशल मीडिया हैंडल पर फैमिली संग प्यारी झलकियां शेयर करती रहती हैं। तो बच्चों के लिए स्मृति की रक्षा की भावना पर आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।