बॉलीवुड का एक ऐसा खलनायक जो अपनी एक्टिंग से दर्शकों को थर-थर कांपने पर मजबूर कर देता था। ऐसे 'खूंखार' विलेन अमरीश पुरी (Amrish Puri) का आज यानी 22 जून को 88वां जन्मदिन (Birth Anniversary) है। भले ही वो आज हमारे बीच नहीं है मगर उनके द्वारा निभाए गए सभी किरदार आज तक लोगों के दिलों में ज़िंदा है। वैसे तो इनकी फिल्मी जिंदगी के बारे में तो हर कोई जानता है। लेकिन इनकी पर्सनल लाइफ के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। तो इस खास मौके पर हम आपको अमरीश पुरी की लव स्टोरी के बारे में बताने जा रहे हैं।
किसी को विश्वास नहीं होगा कि लड़कियों को अपनी बट पर बिठाने वाला। ऑनस्क्रीन छेड़खानी करने वाला। हमेशा नशे की लत में डूबा रहने वाला खलनायक रियल लाइफ में कभी नशा नहीं करता था, और महिलाओं की बहुत इज़्ज़त करता था। पत्नी के सिवा अमरीश पुरी की किसी और महिला से कभी अफेयर की खबरें नहीं आईं। तो आइए शुरू करते हैं इनकी लव स्टोरी।
22 जून 1932 को पंजाब के नवांशहर में जन्मे अमरीश पुरी की लव स्टोरी बहुत ही साधारण है। पीपिंग मून को दिए एक साक्षात्कार में अमरीश पुरी के पोते वर्धन पुरी ने अपने दादा के प्रेम जीवन के बारे में बातचीत करते हुए बताया कि, "दादू की मुलाकात दादी उर्मिला दिवेकर (Urmila Diveker) से एक बीमा कंपनी में हुई थी, जहाँ दादू एक क्लर्क के रूप में काम करते थे। पहली ही मुलाकात के बाद दोनों एक दूसरे के प्यार में पड़ गए। लेकिन दादी दक्षिण भारतीय थी और दादू पंजाबी थे और जब उनके परिवार वालों को एक-दूसरे के प्यार के बारे में पता चला, तो उन्हें यह पसंद नहीं आया। लेकिन जल्द ही दादी और दादू ने अपने परिवार के सदस्यों को मना लिया, और उनके आशीर्वाद से 1957 में दोनों ने राजी-खुशी ब्याह कर लिया।'' (ये भी पढ़ें: बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री के ऐसे भाई-बहनों की जोड़ियां जो दिखते हैं एक-दूसरे की कार्बन कॉपी)
काफी समय तक दोनों लोग साथ में ही नौकरी किए, लेकिन इस दौरान अमरीश के अभिनय करियर को अब धीरे-धीरे राह मिल रही थी। फिर अमरीश ने निर्णय लिया कि नौकरी छोड़नी होगी। चूंकि अब दो पैर पर सवार नहीं रह सकते। इसके बाद तय हुआ कि उर्मिला जॉब करती रहें और अमरीश अब सिर्फ एक्टिंग पर ध्यान दें। वह दौर आसान नहीं था। आर्थिक रूप से मुंबई की महंगाई को देखते हुए एक सैलरी से सब जरूरतें पूरी नहीं होती थीं, लेकिन अच्छी बात यह थी कि अमरीश इतने फोकस्ड थे कि कभी जरूरतों को बढ़ने ही नहीं दिया।
अमरीश के बेटे राजीव पुरी ने जागरण से बात करते हुए बताया था कि घर में मराठी और पंजाबी दोनों त्योहार मनाए जाते और रोजाना के खान-पान में दोनों राज्यों का संगम होता था। राजीव यह भी बताते हैं कि डैडी भले ही खाने पीने के बहुत शौकीन नहीं थे, लेकिन उनको मां के हाथों का खाना बेहद पसंद था। कोंकण खाना खूब बनता था और ये उन्हें पसंद भी था। चावल खाना पसंद नहीं करते थे। रोटियां चाव से खाते थे। वेजिटेरियन ज्यादा पसंद था, लेकिन कभी-कभी नॉन वेज में सी फूड और फिश का भी लुत्फ उठाते थे। बाहर कभी साथ खाने जाते तो इंडियन डिश ही पसंद करते थे। उन्हें मां के हाथों से बने संतुलित खाने की आदत ऐसी लगी थी कि अगर मुंबई में शूटिंग हो रही थी तो मजाल है कि कहीं बाहर से खाना खाते। खाना घर से ही जाता था। यदि मां का कहीं घूमने का मन होता था तो कभी उन्हें मना नहीं कहते थे। (ये भी पढ़ें: बॉलीवुड की 10 ऐसी ननंद-भाभी की जोड़ियां, जो आपस में कभी नहीं झगड़ती)
राजीव बताते हैं कि हमने मां को कभी शिकायत करते नहीं देखा कि वक्त नहीं दे रहे या देर से घर क्यों आ रहे। मां ने हर हाल में पापा का साथ दिया। सफलता मिली तो एक-दूसरे के साथ रह कर इसका जश्न मनाया। फिल्म हिट होती थी तो भले ही पार्टी ना करें मगर परिवार के साथ खुशी जरूर शेयर करते थे।
अमरीश पुरी के पोते वर्धन ने एक इंटरव्यू में अपने दादा के बारे में बात करते हुए बताया कि उनकी दादी ने हमेशा उनका समर्थन किया और संघर्ष के दिनों में उनके साथ खड़ी रहीं। उन्होंने कहा, "दादू ने जीवन में बहुत संघर्ष किया है। वह एक नायक बनना चाहते थे, लेकिन एक खलनायक बनना शुरू कर दिया। जिसने उनका पूरा साथ दिया, वह मेरी दादी थी। जब दादू इंडस्ट्री में संघर्ष कर रहे थे, तब दादी ओवरटाइम काम करती थी। दादू हमेशा कहते थे 'मैं हीरो बनूं या ना बनूं लेकिन इस घर की हीरो तो मेरी बीवी ही है।'' (ये भी पढ़ें: बॉलीवुड के 10 सबसे महंगे तलाक, जिनसे बर्बादी के कगार पर पहुंच गए थे अभिनेता)
अमरीश पुरी को ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘करण अर्जुन’ और ‘नायक : द रियल हीरो’ ‘मिस्टर इंडिया’ की भूमिका के लिए याद किया जाता है। उन्होंने लगभग 500 से भी अधिक हिंदी फिल्मो में अभिनय किया है। बता दें कि ब्रेन हेमरेज के चलते अमरीश पुरी का 12 जनवरी 2005 को 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।
अमरीश पुरी के परिवार में उनका एक बेटा और एक बेटी है। अमरीश के बेटे के नाम ‘राजीव’ है और उनकी बेटी का नाम ‘नम्रता’ है। राजीव के बेटे और अमरीश पुरी के पोते वर्धन पुरी ने बॉलीवुड में कदम रख दिया है।
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